हास्य-व्यंग्य से झंकृत हुआ तन-मन, लगे ठहाके
Mau News - मऊ में हिन्दुस्तान हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कवियों ने हास्य और व्यंग्य से भरी रचनाएँ प्रस्तुत की, जिससे दर्शक देर रात तक उत्साहित रहे। मुख्य अतिथि मनोज राय और अन्य उपस्थित...

मऊ। हिन्दुस्तान हास्य हंगामा के तहत रविवार को शहर स्थित नगर पालिका कम्युनिटी हाल में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कवियों ने ऐसा समा बांधा कि श्रोता देर रात तक उन्हें सुनने के लिए जुटे रहे। हास्य-व्यंग्य पर श्रोताओं के ठहाकों और तालियों से हाल गूंजता रहा। कवियों ने भी एक से बढ़कर एक रचनाओं से सभी को झूमने पर विवश किया। यही नहीं सम्मेलन के आखिरी वक्त में जब कवियों ने मंच को अलविदा कहना चाहा तो श्रोताओं की फरमाइशों को पूरा करने के लिए उन्हें अतिरिक्त समय देना पड़ा। नगर पालिका कम्युनिटी हाल में रविवार शाम सात बजे हास्य हंगामा की शुरुआत हुई। सबसे पहले युवा रवींद्र अजनबी ने मंच संभाला और मऊ की भूमि पर पैदा हुए साहित्यकारों से श्रोताओं को रूबरू करवाया। उसके कुछ ही देर बाद हॉल में हास्य के कवि सौरभ जायसवाल, शृंगार रस की कवि प्रीति अनिल पांडेय, हास्य कवि लटूरी लट्ठ, नासिर जौनपुरी, गीतकार चंदन राय और हास्य कवि डंडा बनारसी का आगमन हुआ तो लोगों में उन्हें सुनने की बेचैनी बढ़ गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय, विशिष्ट अतिथि नपा अध्यक्ष अरशद जमाल, इओ दिनेश कुमार, शारदा नारायण हॉस्पिटल के डॉ. संजय सिंह और डॉ. सुजीत सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इसके बाद संचालन के लिए अनूप अनुपम ने माइक संभाला तो श्रोताओं की बेचैनी बढ़ने लगी। उन्होंने संचालन के लिए दो शब्दों की औपचारिकताएं पूरी की और उसके बाद कवियों को मंच पर आमंत्रित करना शुरू कर दिया। कवियों के मंच संभालते ही हॉल का माहौल एकदम से बदल गया। कवियों को सुनकर श्रोता कभी हंस पड़ते तो कभी जोर से ठहाके लगाने लगते। हास्य-व्यंग्य की कुछ कविताओं पर तो श्रोता तेज ताली बजाकर ठहाके लगाते हुए अपनी कुर्सी पर हिल से गए। घंटों चली इस महफिल के समापन का जब दौर आया तब भी श्रोताओं का दिल न भरा, लेकिन समय की मजबूरी के कारण कार्यक्रम को समाप्त किया गया।
ये रहे उपस्थित
मऊ। ‘हिन्दुस्तान हास्य कवि सम्मेलन में जिला पंचायत अध्यक्ष मनोज राय, नगर पालिका अध्यक्ष अरशद जमाल, डॉ संजय सिंह, डॉ सुजीत सिंह, विजय बहादुर पाल, राकेश गर्ग, मुरलीधरन यादव, सीओ अंजनी कुमार पांडेय, सीएफओ के वर्मा, उद्यान अधिकारी संदीप कुमार गुप्ता, पीटीओ अरविंद कुमार जैशल, जिला समन्वयक माध्यमिक चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव, संदीप त्रिपाठी, डॉ. अलका राय, सचिंदर सिंह, देवभाष्कर तिवारी, कांग्रेस नेत्री पूजा राय, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि दोहरीघाट संदीप राय रिंकल, अरुण मौर्य, अंजनी सिंह, पवन कुमार सिंह, उमेश राजभर, रामचन्द्र राजभर, लक्ष्मन सिंह, चंद्रप्रकाश तिवारी, हरि गोविंद तिवारी, सर्वेश राय, आंनद प्रताप सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।
इन्होंने किया सहयोग
मऊ। 'हिन्दुस्तान' हास्य कवि सम्मेलन के आयोजन में सेक्रेड हार्ट स्कूल मुहम्मदाबाद गोहना, गुप्ता सर्जिकल नरई बांध मऊ, शारदा नारायण हास्पिटल, शिवा ज्वेलर्स घास बाजार मऊ, चन्द्रा इंटरनेशनल स्कूल चकमेंहदी मऊ, सैनिक नर्सिंग स्कूल ताजोपुर मऊ, डालिम्स सनबीम स्कूल ताजोपुर, लिटिल फ्लावर ग्रुप ऑफ स्कूल एण्ड हॉस्टल सिकटिया मऊ, सनबीम स्कूल मऊ, किंग्स ईडेन इंटरनेशनल स्कूल मुहम्मदाबाद गोहना।
फेसबुक लाइव भी करते दिखे दीर्घा में बैठे युवा
मऊ। 'हिन्दुस्तान' हास्य हंगामा के तहत आयोजित कवि सम्मेलन में कवियों और गीतकारों को सुनने के दौरान कई श्रोताओं ने वीडियो रिकार्डिंग करते रहे। कुछ ने फेसबुक लाइव भी किया। मोबाइल घुमाकर अपने आप को भी दायरे में लाते रहे।
कवियों के साथ फोटो खिंचवाने की रही होड़
मऊ। कवि सम्मेलन के समापन के बाद कवियों के साथ फोटो खिंचाने की श्रोताओं में होड़ सी मची रही, जिसके कारण सम्मेलन के समापन के बाद भी घंटों श्रोता हाल में जुटे रहे। किसी श्रोता ने अपने पसंदीदा कवि के साथ सेल्फी ली तो किसी ने सभी कवियों के बीच में खड़े होकर अपनी फोटो खिंचाई। कुछ युवाओं ने सेल्फी लेकर उसी समय अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। श्रोताओं के इस प्यार से अभिभूत कवियों ने भी उनका मान रखा। जिस श्रोता ने भी आकर उनके साथ फोटो खिंचाना चाहा, उन्होंने बड़े ही प्यार से फोटो खिंचवाया।
बानगी....
- इश्क की आंख से पानी को मिटा देना है, दर्द और गम की कहानी को मिटा देना है।
और तुम्ही से झगड़ा करना है बुढ़ापे में, तुम्ही पर इस जवानी को लुटा देना है।
रविन्द्र अजनवी, युवा कवि, प्रतापगढ़
- बिना खबरों के खबर बनाती है पत्नी, डरपोक पति को निडर बनाती है पत्नी।
आदमी कमाकर बना सकता है मकान। किंतु उसे संवाकर घर बनाती है पत्नी।
सौरभ जायसवाल, हास्य कवि, लखनऊ
- जो मेरे पास आना नहीं चाहता, मैं भी उसको बुलाना नहीं चाहता।
खुद ही आए हंसी तो वही ठीक है, गुदगुदा के हंसाना नहीं चाहता।
चंदन राय, युवा गीतकार, मुम्बई
- सफलता उनको मिलती है जो मन में ठान लेते हैं, बड़ों की बात सुनते हैं उन्हें फिर मान लेते हैं।
बुलंदियां उन्हीं के कदम चूमती हैं, जो वक्त पहचान लेते हैं।
लठुरी लट्ठ, हास्य कवि, आगरा
- मां जो काल के कराल जैसा रूप धर रही, सृष्टि हाथ जोड़कर त्राहिमाम कर रही। ‘प्रीति क्या कहेगी मां के रूप की कहानी, सिंह पर सवार हो के आ गईं भवानी।
प्रीति अनिल पाण्डेय, हास्य शृंगार कवि, प्रयागराज
- चांद से हम मिलेंगे फुरसत में, रात का इंतजार है साहेब।
दिल बहुत बेकरार है साहेब, आपका इंतजार है साहेब।
नासिर जौनपुरी, शायर
- जब जवानी आए तो एक काम करना चाहिए, पीटिए मां-बाप को उनसे न डरना चाहिए।
प्रेमिका नाराज होकर आपसे मुंह फेर ले, तो नौजवानों चाट कर सल्फास मरना चाहिए।
डंडा बनारसी, हास्य कवि, वाराणसी
उ पीपर के नीचे उ पनघट के डेरा, उ लइकन के टोली उ जोगी क फेरा। उ झापर उ चिल्हर उ गुल्ली अ डंडा, कहां पाई बोल ए मंदिर के पंडा। कइसे कहीं हमका बहुते सतावे, हे राम फिर से जो बचपन उ आवे।
अनूप अनुपम, कवि, प्रतापगढ़
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