रजिस्ट्री में अब नहीं चलेगा फर्जीवाड़ा, लगेगा कम समय, केडीए ने बदली प्रक्रिया
यूपी के कानपुर में केडीए की रजिस्ट्री और फाइलों में होने वाला फर्जीवाड़ा अब नहीं हो सकेगा। वीसी ने आवंटी की फाइल की प्रक्रिया को बदल दिया है। रजिस्ट्री में अब समय भी कम लगेगा।

यूपी के कानपुर में केडीए की रजिस्ट्री और फाइलों में होने वाला फर्जीवाड़ा अब नहीं चलेगा। केडीए वीसी ने रजिस्ट्री में चलने वाली आवंटी की फाइल की प्रक्रिया को बदल दिया है। अब ई ऑफिस के जरिए पूरी प्रक्रिया चलेगी। इससे रजिस्ट्री की डीड सुरक्षित रहेगी और रजिस्ट्री करने वाले लिपिक की भी जिम्मेदारी तय होगी। रजिस्ट्री में लगने वाला समय कम लगेगा।
केडीए वीसी मदन सिंह गब्र्याल ने बताया कि आवंटी की रजिस्ट्री प्रक्रिया को लेकर एसओपी निर्धारित करते हुये विस्तृत आदेश जारी किया गया है। नई प्रक्रिया में पत्रावली अनावश्यक रूप से कई पटलों पर संचालित नहीं होगी। जिससे आवंटी के रजिस्ट्री प्रक्रिया में होने वाली देरी से बचा जा सकेगा। सम्बन्धित कर्मचारी/अधिकारी की जिम्मेदारी तय करने में आसानी होगी। हर फाइल ई आफिस के जरिए ही चलेगी। ई स्टाम्प को छोड़कर पूरी पत्रावली ई-ऑफिस के माध्यम से लेखाकार, सहायक जोनल विक्रय प्रभारी एवं जोनल विक्रय प्रभारी को अग्रसारित की जाएगी।
केडीए वीसी ने बताया कि प्रत्येक सहायक जोनल विक्रय प्रभारी द्वारा ई-ऑफिस पर सम्बन्धित जोन के अन्तर्गत एटार्नी होल्डर (नाम) को रजिस्ट्री निष्पादन के लिए जारी आदेश सम्बन्धी पत्रावली तैयार की जाएगी। इ आदेश में सम्बन्धित योजना लिपिक का नाम, योजना का नाम, सम्पत्ति संख्या, आवंटी का नाम, स्टाम्प की धनराशि, जोनल प्रभारी द्वारा निबन्धन निष्पादन किए जाने की स्वीकृति की तारीख व हस्ताक्षर भी दर्ज होगा। एटार्नी होल्डर ई-ऑफिस पर सम्बन्धित जोन के अन्तर्गत एटार्नी होल्डर द्वारा निष्पादित विक्रय विलेख सम्बन्धी पत्रावली तैयार करेगा। पत्रावली में प्रत्येक सप्ताह के अन्त में नियमित रूप से सहायक जोनल विक्रय प्रभारी एवं जोनल विक्रय प्रभारी को सप्ताह किन-किन सम्पत्तियों का निष्पादन सब-रजिस्ट्रार कार्यालय में करने की जानकारी दी जाएगी।