वाराणसी के मोहल्लों के नाम बदलने की तैयारी, नगर निगम कार्यकारिणी में आज होगी चर्चा
- हिन्दूवादी संगठन लंबे समय से वाराणसी के मोहल्लों के नाम बदलने की मांग कर रहे हैं। अब इसकी कवायद तेज होती नज़र आ रही है। ऐसे करीब 50 मोहल्ले हैं जिनके नाम को लेकर हिन्दूवादी संगठनों को आपत्ति है। नगर निगम कार्यकारिणी में आज इस पर चर्चा होने की संभावना है।

Varanasi News: काशी और बनारस के नाम से भी दुनिया भर में मशहूर धर्म नगरी वाराणसी के 50 मोहल्लों के नाम बदलने की तैयारी है। गुरुवार को होने वाली नगर निगम कार्यकारिणी की बैठक में इस पर चर्चा होने की संभावना है। हिन्दूवादी संगठन लंबे समय से वाराणसी के मोहल्लों के नाम बदलने की मांग कर रहे हैं। अब इसकी कवायद तेज होती नज़र आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नगर निगम कार्यकारिणी की गुरुवार को होने वाली बैठक में कई विषयों के साथ मोहल्लों के नाम बदलने को लेकर भी चर्चा होगी। बिंदु संख्या 5 के 8वें कॉलम पर औरंगाबाद मोहल्ला का नाम बदलकर लक्ष्मीनगर या नारायणी धाम नगर किए जाने के संदर्भ में चर्चा होनी है।
बता दें कि पिछले 20 मार्च को वाराणसी में वैदिक स्नातन न्यास की ओर से औरंगाबाद मोहल्ले का नाम बदलने की मांग वाला एक पत्र नगर आयुक्त को सौंपा गया था। 24 मार्च को वाराणसी आए जगतगुरु रामभद्राचार्य ने भी मोहल्लों के नाम बदलने की पैरवी की थी।
काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान जगतगुरु रामभद्राचार्य ने एक सवाल के जवाब में कहा था कि आक्रांताओं के नाम पर मोहल्लों के नाम नहीं हो सकते। ये नाम बदलने होंगे। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी से भी इस पर बात करने की बात कही थी।
सनातन रक्षक दल के प्रदेश अध्यक्ष अजय शर्मा का कहना है मदनपुरा गोल चबूतरा का नाम सिद्ध पीठ/ सिद्ध महल होना चाहिए। इसी तरह गोलगड्डा नाम विश्वकर्मा नगर या विश्वकर्मा तीर्थ किया जाना चाहिए। पीलीकोठी का नाम स्वर्णतीर्थ, कज्जाकपुर/ सरैया का नाम अनारस तीर्थ, अंबिया मंडी का नाम बदलकर अमरेश्वर तीर्थ किया जाना चाहिए। खालिसपुर का नाम बदलकर ब्रह्मेश्वर महाल या ब्रह्मा तीर्थ होना चाहिए। वाराणसी में ऐसे करीब 50 मोहल्ले हैं जिनके नाम को लेकर हिन्दूवादी संगठनों को आपत्ति है। इनके नाम बदलने को लेकर वाराणसी नगर निगम के मेयर से मांग की गई थी जिस पर अब नगर निगम कार्यकारिणी में चर्चा होने जा रही है।