This UP farmer has been producing electricity, gas and fertilizer at home for three decades तीन दशक से बिजली, गैस और खाद घर में बना रहा यूपी का यह किसान, Raebareli Hindi News - Hindustan
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तीन दशक से बिजली, गैस और खाद घर में बना रहा यूपी का यह किसान

रायबरेली के इस किसान से दूसरे प्रेरणा ले रहे हैं। तीन दशक पहले लगाया गोबर गैस प्लांट उनके लिए वरदान साबित हुआ है

Gyan Prakash हिन्दुस्तान, रायबरेली जगतपुर। नागेश्वर द्विवेदीMon, 19 May 2025 05:38 PM
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तीन दशक से बिजली, गैस और खाद घर में बना रहा यूपी का यह किसान

आज जब रसोई में पाइप लाइन के जरिये कुकिंग गैस पहुंच रही है तो ऐसे में दौर गोबर गैस संयंत्र को लेकर लोग ठिठक जाते हैं। रायबरेली जिले मदारदीन मजरे जगतपुर निवासी शालिकराम 34 साल से गोबर गैस संयंत्र चला रहे हैं। इससे निकलने वाली गैस से खाना बनाते हैं और रात में लाइट जलाते हैं। साथ ही इससे निकलने वाली कंपोस्ट खाद से अपनी खेती को उन्नत बनाते हैं।

जगतपुर क्षेत्र के मदारदीन निवासी शालिकराम के लिए गोबर गैस संयंत्र वरदान साबित हुआ है। 1991 में तीन घन मीटर का गोबर गैस संयंत्र लगाया गया था। इसके लिए बैंक ऑफ बड़ौदा जगतपुर से 5000 का कर्ज लिया था। तब से शालिकराम इसको लगातार संचालित कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गोबर से तैयार होने वाली गैस का उपयोग खाना बनाने में लिया जाता है। इससे अच्छी सुविधा और कोई नहीं है। उन्होंने बताया कि संयंत्र के लिए गोबर का इंतजाम करने के लिए पशुपालन करते हैं। वह इस समय तीन भैंस पाले हुए हैं। उससे तैयार होने वाले गोबर को सुबह घोल बनाकर डाला जाता है। उसे तैयार होने वाली गैस परिवार को खाना बनाने के काम आती है। इससे दो बल्ब जलाते हैं।

गोबर खाद का करते हैं इस्तेमाल

संयंत्र से निकलने वाले गोबर से कंपोस्ट खाद तैयार की जाती है। इससे खेतों में डालने से उर्वरा शक्ति बढ़ जाती है। यूरिया व डीएपी का प्रयोग नहीं किया जाता है। इससे फसल तैयार की जाती है। शालिकराम का कहना है कि कीटनाशक दवा, यूरिया व डीएपी का प्रयोग नहीं किया जाता है। इससे फसल की पैदावार भी अच्छी होती है। इसी से परिवार का पालन पोषण भी किया जाता है।

 

पर शालिक राम को है मलाल

शालिक राम का कहना है कि लगातार 34 साल से गोबर गैस संयंत्र चला रहे हैं। इसके बावजूद कोई भी अधिकारी ने प्रोत्साहित नहीं किया। न ही इसको देखने के लिए समय निकल पाया है। गोबर गैस संयंत्र संचालित होने से परिवार में रसोई गैस की समस्या दूर हो जाती है। खेती के लिए वर्मी कंपोस्ट भी तैयार हो जाता है। अगर बड़ा संयंत्र बन जाए तो इसके फायदे और अधिक होंगे। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इसका फायदा लें।

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