फोटो-- बच्चों को बताया गया त्रीशरण और पंचशील का महत्व
Sambhal News - बबराला के पीएमश्री विद्यालय में 'बुद्ध पथ प्रदीप कार्यशाला' के छठे दिन विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भगवान बुद्ध के जीवन और उपदेशों पर चर्चा की गई। त्रीशरण और पंचशील के महत्व पर...

बबराला। नगर के पीएमश्री विद्यालय में चल रही 'बुद्ध पथ प्रदीप कार्यशाला' के छठे दिन आज विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान, संस्कृति विभाग लखनऊ के तत्वावधान में संचालित की जा रही है। कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानाचार्य रूप किशोर शर्मा द्वारा बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष मोमबत्ती प्रज्वलित कर की गई। इसके पश्चात कार्यक्रम की संचालिका ममता राजपूत ने उपस्थित छात्रों को भगवान बुद्ध के जीवन, उपदेशों और दर्शन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम में सत्यवीर आनंद ने विद्यार्थियों और विद्यालय स्टाफ को त्रीशरण एवं पंचशील का संज्ञान कराया। उन्होंने बताया कि त्रीशरण (बुद्धं शरणं गच्छामि, धम्मं शरणं गच्छामि, संघं शरणं गच्छामि) और पंचशील - सत्य, अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह - बौद्ध जीवन दर्शन की आधारशिला हैं, जो आज के समय में भी समाज को नैतिकता, संयम और शांति का मार्ग दिखाते हैं।
कार्यशाला का समापन मंगलवार (आज) को किया जाएगा, जिसमें “सुजाता द्वारा बुद्ध को खीर अर्पण” की प्रेरणादायक घटना पर आधारित नाट्य मंचन प्रस्तुत किया जाएगा। समापन समारोह में इंटरनेशनल बुद्ध रिसर्च इंस्टिट्यूट की ओर से बच्चों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे और प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार भी दिए जाएंगे। इस अवसर पर विद्यालय के शिक्षकगण योगेंद्र यादव, पवन लता, सरोज, चंचल रानी, पूजा, सावित्री देवी आदि मौजूद रहे।
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