14 साल से भवन की राह ताक रहा राज्य कर विभाग
Sambhal News - राज्य कर विभाग को अपने भवन के लिए दो साल पहले भूमि आवंटित की गई थी, लेकिन नक्शे की स्वीकृति अब तक नहीं मिली है। कार्यालय में जगह की कमी के कारण कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। विभाग...

जनपद बने 14 साल बीत गए हैं लेकिन विभागों के अपने भवन ही नहीं बन सके हैं। राज्य कर भवन की भी स्थिति भी है। राज्य कर विभाग के अपने भवन बनाने के लिए जिला प्रशासन ने दो साल पूर्व करीब एक हेक्टेयर भूमि आवंटित कर दी थी। जिस पर विभाग ने भवन बनाने का नक्शा छह माह पूर्व मुख्यालय में भी भेज दिया लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है। नक्शे की स्वीकृति मिलने के बाद ही डीपीआर बनाने व बजट स्वीकृति की कार्यवाही होगी। उच्चाधिकारियों की अगर ऐसी ही सुस्त रफ्तार रही तो भवन को बनने में करीब पांच साल और लग जाएंगे।
राज्य कर विभाग जनपद में राजस्व वसूली की रीढ़ है। सरकार को विभाग जनपद से लाखों रुपये का राजस्व कर के रूप में देता है। 14 साल पूर्व जनपद में विभाग का कार्यालय आलम सराय में किराए के भवन में खोला गया। कार्यालय में सात से आठ कमरे हैं। जिनमें चार से पांच अधिकारियों के चैंबर हैं तो बाकी में अन्य कार्यालय स्टाफ। जगह का अभाव होने के कारण कर्मचारियों व अधिकारियों को कार्य करने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। विभाग ने अपना भवन बनाने के लिए जिला प्रशासन से भूमि की मांग की थी। दो वर्ष पूर्व किसौली में प्रशासन ने दस हजार वर्ग मीटर भूमि राज्य कर विभाग के नाम पर आवंटित कर दी लेकिन विभाग अभी तक अपने भवन बनाने का कार्य शुरू नहीं कर सका है। उपायुक्त लल्लन प्रसाद यादव ने बताया कि भवन बनाने के लिए नक्शा मुख्यालय भेजा गया है। मगर अभी मुख्यालय से नक्शा स्वीकृत नहीं हुआ है। नक्शा स्वीकृत होने के बाद भवन की डीपीआर तैयार होगी। इसके बाद निर्माण में तेजी आएगी। आवास बनाने के लिए करीब दस करोड़ का प्रस्ताव नक्शे के साथ मुख्यालय भेजा गया है। करीब दस करोड़ की लागत से बनेंगे आवास राज्य कर कार्यालय के भवन बनाने की प्रक्रिया भले एक साल से आगे नहीं बढ़ी हो लेकिन आवास बनाने की प्रक्रिया जरूर आगे बढ़ी है। मुख्यालय ने आवास बनाने के विभाग से प्रस्ताव मांगा। इस पर विभाग ने करीब दस करोड़ का प्रस्ताव नक्शे के साथ बनाकर मुख्यालय में भेज दिया है। प्रस्तावित आवासीय भवन में टाइप ‘ए के 5, टाइप ‘बी के 6 और टाइप ‘सी के 8 आवास शामिल होंगे। इससे न केवल विभाग को स्थायी ठिकाना मिलेगा, बल्कि किराए के तंग भवन में काम कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को भी बेहतर कार्य वातावरण मिलेगा।
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