दिल पर पत्थर रखकर दोनों बच्चों को सना ने पाकिस्तान भेजा, बार्डर पर मासूमों को छोड़ते ही फूट-फूटकर रोई
सरका के कड़े निर्देश के बाद अंततः सना के दोनों बच्चों को पाकिस्तान भेज दिया गया। अटारी बार्डर पर अपने बच्चों को उनके पिता के हवाले करते ही सना फूट-फूटकर रोई।

मेरठ की सना सोमवार को सीने पर पत्थर रखकर अपने दो मासूम बच्चों को सरहद पर छोड़ आई। वह बच्चों को लेकर अटारी बार्डर पहुंची और अपने पाकिस्तानी पति को दोनों बच्चे सौंप दिए। अटारी बार्डर पर जिगर के टुकड़ों को उसके पिता को सौंपते समय सना फूट-फूटकर रो पड़ी। इसके बाद सना परिजनों के साथ मेरठ के लिए लौट पड़ी।
मेरठ के सरधना निवासी सना की शादी पाकिस्तान के कराची में डा. बिलाल से हुई है। पहलगाम आतंकी घटना से पहले वह अपने दो मासूम बच्चों के साथ 45 दिन के वीजा पर भारत आई थी। सना के पास भारत का पासपोर्ट है जबकि दोनों बच्चों के पास पाकिस्तान का पासपोर्ट है। पहलगाम की घटना के बाद सरकार ने वीजा पर भारत आए पाकिस्तान के लोगों को 48 घंटे में देश छोड़ने का आदेश दिया था।
इसके बाद सना 25 अप्रैल को दोनों बच्चों के साथ अटारी बार्डर पहुंची थी, लेकिन पाकिस्तान के अधिकारियों ने सिर्फ बच्चों को पाक आने की अनुमति दी थी, सना को पासपोर्ट भारतीय होने के कारण रोक दिया था। उस समय सना बच्चों को लेकर मेरठ लौट आई थी। लेकिन सरकार के कड़े निर्देश के बाद सोमवार को सना बच्चों के साथ फिर अटारी बार्डर पहुंची। बार्डर पर उसने दोनों बच्चों को उसके पाकिस्तानी पिता को सौंप दिया और खुद मेरठ लौट आई।
2020 में हुई थी सना की शादी
मोहल्ला घोसियान निवासी सना पुत्री पीरुदीन की शादी 2020 में पाकिस्तान के कराची में हुई है। सना के दो बच्चे हैं। एक बेटा तीन वर्ष व एक बेटी छह माह की है। परिजनों के अनुसार सना ने पाक अधिकारियों को बच्चों के छोटे होने का हवाला दिया, लेकिन उन्होंने सिर्फ बच्चों को ही पाक आने दिया। सना की कोई बात पाक अधिकारियों ने नहीं सुनी। उधर, सना के पति डा. बिलाल भी बच्चों की परवरिश को लेकर काफी परेशान हैं। परिजनों ने बताया कि बॉर्डर पर डा. बिलाल ने दोनों बच्चों को साथ लिया और पाकिस्तान रवाना हो गए। सना को अब दोनों देशों के बीच संबंध सुधरने का इंतजार करना होगा।