आपरेशन का पैसा न देने पर चिकित्सक ने मरीज को ओटी से किया बाहर
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर जिला अस्पताल में मरीजों को उपचार के लिए दलालों के माध्यम से गुजरना पड़ता है। सर्जरी विभाग में बिना पैसे दिए कोई ऑपरेशन नहीं हो रहा है। एक मरीज से 6000 रुपये की मांग की गई, जिसके बाद उसे ओटी...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिला अस्पताल में यदि किसी को उपचार कराना है तो सबसे पहले उसे दलालों के माध्यम से होकर गुजरना पड़ेगा। चिकित्सक के पास उनके चहेतों की लंबी फेहरिस्त रहती है। इन दिनों सर्जरी विभाग में बिना पैसे दिए किसी मरीज का आपरेशन नहीं हो रहा है। एक मरीज द्वारा छह हजार रूपए की व्यवस्था न करने पर उसे आपरेशन थियेटर से चिकित्सक ने बहाना बनाकर बाहर कर दिया। जिससे उनका आपरेशन नहीं हो सका। इस बात की जानकारी होने पर मरीजों के परिजनों ने इसकी शिकायत अस्पताल के जिम्मेदारों से की।
सेमरियावां ब्लाक क्षेत्र के रजापुर सरैया गांव निवासी भगवानदीन (65) अपनी बहू चंद्रावती देवी के साथ कई दिनों से हार्निया का आपरेशन कराने के लिए सर्जरी विभाग के चिकित्सक डा. सेराज अहमद से परामर्श लिए। चिकित्सक ने उनकी सभी जांचें करवाईं। शनिवार को आपरेशन करने को कहा। शनिवार को जब मरीज को ओटी में ले गए तो बाहर एक लड़के को चिकित्सक ने भेजा। उसने उनके बहू चंद्रावती से कहा कि छह हजार रूपए दीजिए सामान मंगवाना है। तभी आपरेशन हो पाएगा। इस बात को सुनकर महिला ने कहा कि यह तो सरकारी अस्पताल यहां पर पैसा किस बात का। इस बात को चिकित्सक द्वारा भेजे गए लड़के ने उन्हें ओटी में बताया। जिस पर डा. सेराज अहमद ने मरीज को ओटी से बाहर कर दिया। मरीज के बाहर आने पर कहा कि यहां पर दलालों का बोलबाला है। हर जगह पर पैसे देने पर ही काम हो रहा है। इससे बेहतर तो निजी अस्पताल में उपचार करवाना होगा।
मरीज के परिजनों ने सीएमएस से की शिकायत
उक्त घटना की जानकारी चंद्रावती व अन्य कुछ लोगों ने सीएमएस को दी। सभी ने कहा कि यहां पर हर जगह पर पैसे से ही काम हो रहा है। जबकि सरकार यह कहती है कि सरकारी अस्पताल में सब कुछ मुफ्त है। यह दावा कहां तक सही है, यह आपे के सामने है।
ऑपरेशन कराने वाले हर मरीजों मगंवाई जाती है मेडिकल स्टोर से दवाएं
ऑपरेशन के नाम पर मरीजों से दवा बाहर से मंगवाई जाती है और फिर वही पर दवा वापस उसी दुकान पर कर दी जाती है।ओपीडी में आए बड़गो गांव निवासी बाबूराम ने बताया कि हाथ में गांठ का आपरेशन करवाना था लेकिन इसके लिए चिकित्सक के द्वारा पैंतिस सौ रूपए की मांग की गई। मैंने कहा कि जब यह सरकारी अस्पताल है तो पैसा किस बात की। इस पर उन्होंने हमारा आपरेशन नहीं किया।
सीएमओ डा. रामानुज कन्नौजिया ने कहा कि मरीजों से पैसे की मांग करना बहुत की गलत है। इस मामले की जानकारी नहीं रही। अस्पताल में दवाएं मौजूद हैं। रही बात पैसा न देने पर उसे ओटी से बाहर कर देना तो यह तो बहुत ही दंडनीय है। उक्त मामले की जांच कार्रवाई की जाएगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।