दो महीने की रोकी सैलरी, बहन की बीमारी में भी नहीं दी छुट्टी, परेशान होकर लिपिक ने ऑफिस में खाया जहर
मुरादाबाद में अफसरों की प्रताड़ना के चलते सदर तहसील में कनिष्ठ सहायक के पद पर तैनात कुलदीप बन ने अपने दफ्तर में जहर खा लिया। गंभीर हालत में तहसीलदार की गाड़ी से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया।

यूपी के मुरादाबाद में अफसरों की प्रताड़ना के चलते सदर तहसील में कनिष्ठ सहायक के पद पर तैनात कुलदीप बन ने अपने दफ्तर में जहर खा लिया। गंभीर हालत में तहसीलदार की गाड़ी से उसे जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से निजी अस्पताल में रेफर कर दिया। जिला अस्पताल पहुंचे कर्मचारी नेता ने आरोप लगाया कि अधिकारी कुलदीप को परेशान कर प्रताड़ित कर रहे थे। आरोप है कि कुलदीप की दो महीने की सैलरी रोक दी गई और उसकी बहन की तबीयत खराब होने पर उसे छुट्टी भी नहीं दी गई थी। एसडीएम सदर ने आरोपों को नकारा है।
मझोला थाना क्षेत्र के लाइनपार शंकर नगर निवासी कुलदीप बन (35) सदर तहसील के संग्रह शाखा में एडब्ल्यूवीएन के पद पर तैनात हैं। शुक्रवार रात करीब 8:30 बजे तहसीलदार की सरकारी गाड़ी से कुलदीप बन को गंभीर हालत में जिला अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में लाया गया। थोड़ी देर में तहसील और कलक्ट्रेट एम्प्लाई वेलफेयर कमेटी के नेता और परिवार के लोग भी जिला अस्पताल पहुंच गए। कलक्ट्रेट एम्प्लाई वेलफेयर कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष संजीव सक्सेना ने आरोप लगाया कि एसडीएम और तहसील के अधिकारी कुलदीप बन का उत्पीड़न कर रहे थे। दो माह का वेतन रोक लिया था। बहन बीमार थी जिसके लिए कुलदीप बन छुट्टी पर जा रहा था लेकिन उसको छुट्टी नहीं दी। उससे दस-दस बजे रात तक काम कराते थे।
आरोप लगाया कि परेशान होकर कुलदीप अवसाद में रहने लगा। प्रताड़ना के कारण ही रात करीब आठ बजे दफ्तर में ही उसने जहर खा लिया। उधर डॉक्टरों ने उपचार के बाद हालत गंभीर देखते हुए हायर मेडिकल सेंटर के लिए रेफर कर दिया, जिसके बाद कर्मचारी कुलदीप बन को दिल्ली रोड मझोला स्थित अपेक्स अस्पताल ले जाया गया है। सिविल लाइन्स एसएचओ मनीष सक्सेना ने भी जिला अस्पताल पहुंच कर जानकारी ली। बाद में अपेक्स अस्पताल पहुंचकर घायल कर्मचारी का हाल जाना।
एसडीएम सदर डॉ. राम मोहन मीणा ने बताया, एक से पंद्रह अप्रैल तक कर्मचारी अवकाश पर थे फिर बिना सूचना के नहीं आए। एक मई को ज्वाइन किया था इस वजह से सैलरी नहीं बनी थी। उत्पीड़न का आरोप बेबुनियाद और झूठा है। तबीयत खराब होने पर कर्मचारी को तहसीलदार की गाड़ी से अस्पताल पहुंचाया गया।