70 दलित परिवारों को घर खाली करने का नोटिस, मरघट की जमीन पर कब्जे का आरोप
यूपी के आगरा में धनौली के नगला कारे गांव में एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार द्वारा 70 परिवारों को बेदखली के नोटिस भेजे गए हैं। इन सभी पर मरघट की जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। इस मामले में बरौली की प्रधान उषा कुमार ने डीएम को पत्र लिखकर मांग की है कि पीड़ितों के साथ न्याय किया जाए।

यूपी के आगरा में धनौली के नगला कारे गांव में एसडीएम के आदेश पर तहसीलदार द्वारा 70 परिवारों को बेदखली के नोटिस भेजे गए हैं। इन सभी पर मरघट की जमीन पर कब्जा करने का आरोप है। इस मामले में बरौली की प्रधान उषा कुमार ने डीएम को पत्र लिखकर मांग की है कि पीड़ितों के साथ न्याय किया जाए। बाद में भाजपा नेता के नेतृत्व में पीड़ितों ने डीएम और तहसीलदार से भी मुलाकात की। बेदखली के नोटिस और वसूली के आदेश के विरोध में शुक्रवार को प्रधान द्वारा पीड़ितों के पक्ष में लिखा गया पत्र डीएम को सौंपा गया है।
पत्र में कहा गया कि नगला कारे में इस जमीन पर लोग वर्षों से रह रहे हैं। जिन पर पूर्व प्रधान द्वारा पट्टे की रसीदें आवंटित की गई थीं। पत्र में कहा गया कि अभिलेखों में दर्ज हरिजन मरघट कभी रहे ही नहीं हैं। वहां वर्ष 1971 से सभी लोग (हरिजन) प्राप्त रसीदों के आधार पर अपना आशियाना बनाकर रह रहे हैं। कुछ लोगों के तो पूर्व में प्रधानमंत्री आवास भी बने हैं। प्रतिनिधिमण्डल में भाजपा नेता उपेन्द्र सिंह, लोकेश कुमार प्रधान प्रतिनिधि, भगवान सिंह, रूप किशोर, मनीष, रमेश जाटव आदि शामिल थे।
नोटिस में ये कहा गया
17 मार्च 2025 को जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि चार अप्रैल 2024 को लेखपाल की रिपोर्ट के आधार पर राजस्व निरीक्षक द्वारा मौजा धनौली के गाटा संख्या 487 क रकवा 0.4030 हेक्टेयर और 487 मि. रकवा 0.0630 हेक्टेयर में से रकवा 54.62 वर्गमीटर पर पक्का निर्माण कर अवैध कब्जा कर लिया है। इससे ग्राम सभा को 327720 रुपये की क्षति हुई है। इस पर 12 अप्रैल 2024 को नोटिस जारी किए गए थे। प्रतिवादी ने जवाब भी प्रस्तुत किया था। लेखपाल द्वारा तेज कपूर का कब्जा बताया गया। इसमें उनके अधिवक्ता द्वारा जिरह नहीं की गई।