अर्बन प्लानर, डिजाइन एक्सपर्ट, UP में शहरी योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए 19 विशेषज्ञ रखे जाएंगे
यूपी में शहरी योजनाओं को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों को रखा जाएगा। पहले चरण के लिए 19 विशेषज्ञों को रखने पर सहमति बन गई है।

शहरी योजनाओं को बेहतर बनाने के साथ शुद्ध पेयजल की सुविधा उपलब्ध कराने और जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए विशेषज्ञ रखे जाएंगे। नगर विकास विभाग इसके लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) बनाने जा रहा है। पहले चरण में इसमें विशेष के साथ कुल 19 लोगों को रखा जाएगा। जरूरत के आधार पर इसमें भविष्य में बढ़ोत्तरी की जाएगी। फिलहाल टीम लीडर, अर्बन प्लानर, वरिष्ठ जल विज्ञानी, डिजाइन एक्सपर्ट, शहरी बाढ़ विशेषज्ञ, निर्माण विशेषज्ञ, जीआईएस विशेषज्ञ, प्रोग्राम विशेषज्ञ, आईटी विशेषज्ञ, डेटा एनालिस्ट, पब्लिक रिलेशन विशेषज्ञ, एकाउंटेंट, कंप्यूटर आपरेटर व मल्टीटास्क स्टाफ रखे जाएंगे।
नगर विकास विभाग द्वारा इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) जारी कर दिया है। इसके आधार पर आवेदन करने वाली कंपनियों को इसके गठन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। प्रदेश में मौजूदा समय केंद्र सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं। अमृत और स्वच्छ भारत मिशन में कई महत्वपूर्ण काम होने हैं। खासकर लोगों को स्वस्थ्य पानी की व्यवस्था कराने के साथ जल निकासी और जलभराव से निजात दिलाने के लिए नाले-नाली की व्यवस्था करना है। इन दोनों योजनाओं में 20 हजार करोड़ से अधिक के काम होने हैं।
नगर विकास विभाग के पास अधिकारियों की टीम तो है, लेकिन विशेषज्ञों की कमी है। इसीलिए विशेषज्ञों को रखने के लिए पीएमयू का गठन किया जाएगा। पीएमयू में विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को रखा जाएगा। उनका काम होगा केंद्रीय योजनाओं को जमीन पर उतराने में मदद करना और प्रस्ताव तैयार करना होगा। उनके द्वारा तैयार किए जाने वाले प्रस्ताव के आधार पर केंद्र से पैसे की मांग की जाएगी। उत्तर प्रदेश में इसके पहले जवाहर लाल नेहरू अरबन नवीकरण मिशन के तहत पीएमयू का गठन किया गया था। योजना समाप्त होने के साथ ही इसमें तैनात विशेषज्ञों को हटा दिया गया।
शासन स्तर पर पिछले दिनों उच्चाधिकारियों की बैठक हुई थी। इसमें अमृत और स्वच्छ भारत मिशन योजना में होने वाले कामों के लिए विशेषज्ञों की जरूरत महसूस की गई। इसके आधार पर ही आरएफपी जारी करते हुए प्रस्ताव मांगे गए हैं। कंसलटेंसी फार्मों द्वारा आने वाले प्रस्तावों के आधार पर चयन किया जाएगा। इनके द्वारा ही पीएमयू गठन का काम किया जाएगा।