गंगा एक्सप्रेसवे पर मई से दौड़ेंगी गाड़ियां, मेरठ से प्रयागराज तक के सफर को मिलेगी रफ्तार
- यूपी में बन रहे गंगा एक्सप्रेसवे पर मई से गाड़ियां दौड़ेंगी। अब यूपीडा मई के अंत तक गंगा एक्सप्रेस को दोनों तरफ से प्रारम्भ करने में लगा है। यूपीडा का दावा है कि मई से गंगा एक्सप्रेस को वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा।

महाकुंभ के पहले गंगा एक्सप्रेस-वे को यूपीडा एक तरफ के रास्ते को चालू करने में लगा हुआ था। बहुत प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिल पाई। अब यूपीडा मई के अंत तक गंगा एक्सप्रेस को दोनों तरफ से प्रारम्भ करने में लगा है। यूपीडा ने दावा किया है कि अगर सब कुछ सही रहा तो मई से गंगा एक्सप्रेस को वाहनों के लिए खोल दिया जाएगा। रायबरेली जिले से गंगा एक्सप्रेस वे का 79 किलोमीटर की सड़क निकल रही है। इसमें से 68 किमी का काम पूरा हो गया है।
पूरे गंगा एक्सप्रेस वे की लम्बाई 594 किलोमीटर है। गंगा एक्सप्रेस वे का निर्माण मेरठ से लेकर प्रयागराज तक किया जा रहा है। गंगा एक्सप्रेस में सड़क का कार्य पूरा हो चुका है। सिर्फ स्ट्रक्चर के दोनों तरफ मिट्टी भराई का कार्य ही बाकी रह गया है। मिट्टी भराई का कार्य बहुत ही तेजी से चल रहा है। इसके साथ में जिले में दो स्थानों पर रेलवे ओवरब्रिज का भी निर्माण किया जाना है। आरओबी के लिए खंभे खड़े किए जा चुके हैं। रेलवे से ब्लाक लेने की तैयारी चल रही है। ब्लाक मिलते ही आरओबी के ऊपर गर्डर रखने का कार्य किया जाएगा। यूपीडा के पत्र का संज्ञान लेकर रेलवे के अधिकारी ब्लाक लेने वाली जगहों के मुआयने के लिए रायबरेली आकर आरओबी के निर्माण कार्य को देख चुके हैं। कार्य से संतुष्ट होकर रेलवे ने ब्लाक दिए जाने की स्वीकृति दे दीहै। अब निर्माण कार्य कर रही एजेंसी के ऊपर है कि वह कब और कैसे ब्लाक लेगा।
कुछ जगह पिछड़ा है काम
गंगा एक्सप्रेस का निर्माण कर रही एजेंसी आईटीडी सीमेंटेशन के अधिकारियों का कहना है कि अधिकतर जगहों पर कार्य को पूरा कर लिया गया है। मिट्टी की कमी से रायबरेली जिले के साथ प्रयागराज और प्रतापगढ़ जिले में कार्य पिछड़ गया था। इसके चलते एक्सप्रेस वे को महाकुंभ के पहले नहीं खोला जा सका।
बारिश के चलते पिछड़ गया था निर्माण कार्य
पिछले साल जल्द बारिश के शुरू हो जाने से निर्माण कार्य रुक गया था। उसके बाद जब दोबारा कार्य शुरू किया गया तो बारिश ने फिर से कार्य रोक दिया था। उसके बाद देर तक हुई बारिश ने निर्माण कार्य पर पूरी तरह से विराम लग गया था। दिसम्बर में गीली मिट्टी होने के बाद भी कार्य को शुरू किया गया। मिट्टी को सड़क पर डालने के बाद उसको तोड़कर सुखाने के बाद निर्माण कार्य में प्रयोग किया जा रहा है। जिले के 79 किलोमीटर में से 68 किलोमीटर सड़क को पक्का करने का कार्य किया जा चुका है।
यूपीडा इंजीनियर मनोज कुमार ने बताया कि सड़क निर्माण में आई सभी बाधाएं दूर हो गईं हैं। सब कुछ ठीक रहा तो मई से सड़क पर आवागमन शुरू हो जाएगा।