Yogi government is going to give a big gift to Sanskrit teachers teaching on honorarium will be made permanent मानदेय पर पढ़ा रहे संस्कृत के टीचर होंगे स्थाई, योगी सरकार देने जा रही बड़ी सौगात, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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मानदेय पर पढ़ा रहे संस्कृत के टीचर होंगे स्थाई, योगी सरकार देने जा रही बड़ी सौगात

यूपी की योगी सरकार संस्कृत के मानदेय पर पढ़ा रहे टीचरों को बड़ी सौगात देने जा रही है। राजकीय एवं ऐडेड संस्कृत विद्यालयों के 1010 शिक्षक नियमित हो जाएंगे। प्रस्ताव को मंजूरी के बाद विनियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

Yogesh Yadav लखनऊ, प्रमुख संवाददाताFri, 21 March 2025 11:31 PM
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मानदेय पर पढ़ा रहे संस्कृत के टीचर होंगे स्थाई, योगी सरकार देने जा रही बड़ी सौगात

यूपी की योगी सरकार संस्कृत विद्यालयों के टीचरों को बड़ी सौगात देने जा रही है। संस्कृत विद्यालयों में मानदेय पर पढ़ा रहे संस्कृत शिक्षकों को जल्द ही नियमित किया जाएगा। राज्य सरकार राजकीय एवं ऐडेड संस्कृत विद्यालयों में मानदेय पर कार्य कर रहे 1010 शिक्षकों को नियमित करने जा रही है। माध्यमिक शिक्षा विभाग इस संबंध में बीते जनवरी में ही एक प्रस्ताव शासन को भेज चुका है।

इसमें नियुक्ति की भंति एक निश्चित प्रक्रिया को अपनाते हुए मानदेय पर कार्य कर रहे संस्कृत शिक्षकों को नियमित किए जाने का प्रस्ताव है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद संस्कृत शिक्षकों के विनियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रदेश में राजकीय व सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में कुल 2080 पदों में से मात्र 955 पद ही भरे हुए हैं, शेष 1125 पद रिक्त हैं।

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सरकार की मंशा है कि रिक्त पदों को शीघ्र भर दिया जाए। चूंकि नियुक्तियों के माध्यम से पदों को भरने की प्रक्रिया काफी लम्बी है और उसके लिए उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग को अधियाचन भेजकर तमाम तरह की प्रक्रिया करनी पड़ती जिसमें लम्बा समय लगने का अंदेशा है। ऐसे में इसके लिए एक नया रास्ता निकाला जा रहा है। जिसके तहत मानदेय वाले शिक्षकों को उनकी सेवाकाल के लिए विशेष अंक देकर उनकी परीक्षाएं एवं साक्षात्कार लेकर पात्र पाए जाने पर विनियमितीकरण करने की योजना है।

सूत्र बताते हैं कि विनियमितीकरण की यह प्रक्रिया नजीर न बन जाए इसके लिए इस बारे में जारी होने वाले शासनादेश में बकायदा इस बात का उ‌ल्लेख किया जाएगा कि इसका किसी अन्य संवर्गों के लिए नजीर के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।

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बताया जाता है कि संस्कृत शिक्षकों की विनियमितीकरण में किसी प्रकार की तकनीकी या कानूनी अड़चन न आए इसके लिए विधि विभाग व सार्वजनिक उद्यम ब्यूरो से राय मांगी जा रही है। राय प्राप्त होते ही शासन स्तर पर कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी और कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त कर विनियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।