उत्तराखंड में मदरसों पर सामने आया एक और चौंकाने वाला सच, सच्चाई जानकर उड़ेंगे होश
- सीईओ ने मान्यता लेने के लिए सभी मुतवल्लियों, प्रबंधकों एवं प्रशासकों को पत्र भेजा है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हाजी शादाब शम्स का कहना है कि मान्यता लेने की जिम्मेदारी मुतवल्ली या प्रशासक की होती है।

उत्तराखंड में संचालित मदरसों पर एक और चौंकाने वाला सच सामने आया है। उत्तराखंड में वक्फ बोर्ड के कुछ मदरसे भी बगैर मान्यता के चल रहे हैं। कई जिलों में प्रशासन की कार्रवाई की जद में वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर बने मदरसे भी आए हैं।
अब कार्रवाई होने के बाद वक्फ बोर्ड ने भी इसका संज्ञान लिया है। सीईओ ने मान्यता लेने के लिए सभी मुतवल्लियों, प्रबंधकों एवं प्रशासकों को पत्र भेजा है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष हाजी शादाब शम्स का कहना है कि मान्यता लेने की जिम्मेदारी मुतवल्ली या प्रशासक की होती है। वक्फ बोर्ड में केवल संपत्ति का पंजीकरण होता है।
हालांकि अधिकांश मदरसों का पंजीकरण हुआ है। वक्फ बोर्ड के सभी 117 मदरसों को मॉडर्न बनाए जाने की तैयारी है। इन्हें उत्तराखंड बोर्ड से मान्यता दिलाई जाएगी। सीईओ सैय्यद सिराज उस्मान की ओर से सभी मदरसा प्रबंधकों, प्रशासकों को चिट्ठी जारी की है। उन्हें मदरसा बोर्ड से मान्यता लेने को समन्वय बनाने को कहा है।
मदरसा बोर्ड अध्यक्ष ने किया निरीक्षण
मदरसा बोर्ड अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी ने रविवार को मदरसा फैजुल उलूम, कांवली का निरीक्षण किया और यहां पर सुविधाओं का जायजा लिया। बोर्ड अध्यक्ष का प्रबंधन ने स्वागत किया। बोर्ड अध्यक्ष कासमी ने कहा कि नए वक्फ संशोधन अधिनियम से गरीब मुसलमानों का भला होगा। कहा कि प्रदेश में सभी 452 मदरसों का निरीक्षण कर सुविधाओं का जायजा लेंगे। मानक पूरे नहीं मिलने पर कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।