उत्तराखंड में अप्रैल की बरसात ने किसानों को दी टेंशन, गेहूं,आम-लीची की 30 % फसलों को नुकसान
- ओलावृष्टि और अंधड़ से सरसों को अधिक नुकसान हुआ है। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ वीकेएस यादव ने बताया कि फसलों के नुकसान का सर्वे किया जा रहा है।

उत्तराखंड में पिछले दिन अप्रैल में हुई बारिश ने कृषि और बागवानी को काफी नुकसान पहुंचा दिया। राज्य के अलग अलग हिस्सों में यह नुकसान पांच से 30 प्रतिशत तक आंका जा रहा है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने शुक्रवार को बारिश से हुए नुकसान की पड़ताल की तो यह तस्वीर सामने आई। अधिकारियों का कहना है कि नुकसान का आकलन कराया जा रहा है।
गढ़वाल मंडल में आम की बौर 20 फीसदी तक गिरी: पौड़ी में ओलावृष्टि और अंधड़ से सरसों को अधिक नुकसान हुआ है। मुख्य कृषि अधिकारी डॉ वीकेएस यादव ने बताया कि फसलों के नुकसान का सर्वे किया जा रहा है।
अभी तक करीब 10 फीसदी तक नुकसान का अनुमान है। दूसरी तरफ तेज हवाओं की वजह से आम और लीची बौर भी गिर गई है। हरिद्वार में बारिश से गेहूं की फसलों को लगभग 10 से 15 फीसदी नुकसान हुआ है।
मुख्य कृषि अधिकारी विजय देवराड़ी के अनुसार बारिश और हवा से गेहूं और बागवानों की फसल के नुकसान का निरीक्षण कराया जा रहा है। रुड़की में आम का करीब 20 प्रतिशत बौर गिर गया है।
हल्द्वानी में भी नुकसान: दूसरी ओर हल्द्वानी में किसानों के मुताबिक गेहूं की 25 प्रतिशत फसल खराब हुई है। ओलावृष्टि से लीची की 30 प्रतिशत फसल का नुकसान हुआ है। सहायक कृषि अधिकारी अफरोज अहमद ने बताया कि फसल को हुए नुकसान के लिए विभाग की ओर से सर्वे किया जा रहा है।
कृषि निदेशक केसी पाठक ने बताया कि बारिश से नुकसान की सूचनाएं मिली हैं। सभी जिलों से नुकसान की रिपोर्ट को मंगाया जा रहा है। नुकसान की क्षतिपूर्ति पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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