Cooperative Representatives Protest Against Authority for Delaying Elections Despite Court Orders सहकारिता निर्वाचन प्राधिकरण के खिलाफ सहकारों का प्रदर्शन, Dehradun Hindi News - Hindustan
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सहकारिता निर्वाचन प्राधिकरण के खिलाफ सहकारों का प्रदर्शन

सहकारिता से जुड़े प्रतिनिधियों ने प्राधिकरण कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। कोर्ट के आदेशों के बावजूद सहकारिता चुनाव प्रक्रिया को आगे न बढ़ाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। प्रदर्शनकारियों ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, देहरादूनFri, 2 May 2025 04:32 PM
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सहकारिता निर्वाचन प्राधिकरण के खिलाफ सहकारों का प्रदर्शन

सहकारिता से जुड़े प्रतिनिधियों ने प्राधिकरण कार्यालय पर जताया विरोध कोर्ट के फैसले के बाद भी सहकारिता चुनाव न कराने पर खोला मोर्चा देहरादून, मुख्य संवाददाता। सहकारी निर्वाचन प्राधिकरण के खिलाफ सहकारिता से जुड़े प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया। हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी अभी तक सहकारिता चुनाव प्रक्रिया आगे न बढ़ाने के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। विरोध जताने वालों में जिला सहकारी बैंकों के पूर्व अध्यक्ष, निदेशक, सहकारी समितियों के पूर्व अध्यक्ष भी शामिल रहे। प्राधिकरण कार्यालय पर बड़ी संख्या में जुट कर सहकारिता से जुड़े प्रतिनिधियों ने जोरदार नारेबाजी के साथ विरोध जताया।

प्राधिकरण पर कोर्ट के फैसलों को भी लटकाने का आरोप लगाया। जिला सहकारी बैंक टिहरी के पूर्व अध्यक्ष सुभाष रमोला ने कहा कि प्राथमिक स्तर की बहुउद्देशीय समितियों के चुनाव पर कोर्ट ने स्थिति साफ कर दी है। पहले सुप्रीम कोर्ट और अब हाईकोर्ट ने भी साफ कर दिया है कि चुनाव कराने में कोई दिक्कत नहीं है। तत्काल चुनाव कराए जा सकते हैं। इसके बावजूद प्राधिकरण स्तर पर हीलाहवाली की जा रही है। चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित किया जा रहा है। कोर्ट के आदेशों को भी माना जा रहा है। कहा कि यदि जल्द चुनाव प्रक्रिया शुरू न की गई तो प्राधिकरण के खिलाफ कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की जाएगी। पौड़ी जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र रावत ने कहा कि सहकारी समितियों समेत सहकारी संस्थाओं का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। हर जगह प्रशासक नियुक्त हैं। इसके कारण पूरा सहकारी सेक्टर ठप पड़ा है। जल्द चुनाव करवा कर सहकारिता की मूल भावना को आगे बढ़ाते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कार्य सुनिश्चित कराए जाएं। चुनाव जल्द न होने पर 12 मई से प्राधिकरण कार्यालय में अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया जाएगा। विरोध करने वालों में निवर्तमान निदेशक सुनील हनुमंती, बसंत सिंह, जेपी चंद, नरेश नेगी, सतपाल कलूडा, डॉ विजय लक्ष्मी, रोशनी राणा, कुलदीप कठैत, टीका राम भट्ट, रणधीर बिष्ट आदि मौजूद रहे। बंद कर दिया जाए प्राधिकरण विरोध जताने वाले प्रतिनिधियों ने कहा कि प्राधिकरण का गठन सिर्फ सहकारिता के चुनाव कराने के लिए किया गया है। पांच वर्ष में सिर्फ एकबार चुनाव कराने का काम होता है। इस काम को भी प्राधिकरण सही तरीके से नहीं करवा पा रहा है। जबकि हर महीने लाखों का बजट प्राधिकरण के संचालन पर खर्च हो रहा है। अब जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से चुनाव कराने का रास्ता साफ हो चुका है, तो क्यों चुनाव को लटकाया जा रहा है। ऐसे में यदि प्राधिकरण समय पर चुनाव सुनिश्चित नहीं करा सकता है, तो तत्काल प्राधिकरण को समाप्त किया जाए।

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