हेड़ागज्जर में झोपड़ी जली, बच्चों ने भागकर बचाई जान
आग बुझाने के दौरान पीड़ित काश्तकार भी झुलसा दुधारू भैंस भी झुलसी, हजारों के नुकसान

हल्द्वानी, कार्यालय संवाददाता। गोरापड़ाव क्षेत्र में हेड़ागज्जर निवासी एक काश्तकार की झोपड़ी में शनिवार को भीषण आग लग गई। घटना के दौरान काश्तकार के चार बच्चे घर पर थे लेकिन आग लगने का पता लगते ही वह बाहर की ओर दौड़े। इस हादसे में एक भैंस बुरी तरह झुलस गई। जबकि आग लगने के बाद बुझाने के दौरान काश्तकार भी झुलस गया। एक घंटे बाद आग पर दमकल ने काबू पाया। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर निवासी श्रीराम ने बताया कि वह पिछले एक दशक से हेड़ागज्जर में परिवार संग रहते हैं। यहां वह ललित पाठक की खेती का काम ठेके पर करते हैं।
उनके खेत में ही झोपड़ी बनाकर रहते हैं। श्रीराम के अनुसार शनिवार को वह गौला नदी में ट्रैक्टर-ट्राली लेकर पहुंचे। उनकी पत्नी, बहू को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लेकर गई थी। दोपहर 11 बजे उनके पास फोन आया कि उनकी झोपड़ी में आग लग गई है। घर पहुंचे तो बच्चे बाहर खड़े होकर रो रहे थे। भैंस आग की लपटों के बीच में फंसी थी। भैंस को बचाने के चक्कर में श्रीराम के दोनों हाथ झुलस गए। साथ ही आग से झोपड़ी के अंदर रखे जेवरात, 12 कुंतल के आसपास गेहूं, सात कट्टे धान, 25 हजार रुपये नकद, कूलर, फ्रीज, वाशिंग मशीन, कपड़े, राशन, बच्चों के कपड़े, कापी-किताबें जलकर राख हो गए। दमकल विभाग के एफएसओ एमपी सिंह ने बताया कि आग पर एक घंटे बाद काबू पाया।
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