गर्मी दिखाने लगी असर, सार्वजनिक हैंडपंप बिन पानी के
घर में लगे नलों से बेहद कम व दूषित पानी आने से लोग बाहर खड़े सार्वजनिक हैंडपंपों की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं, लेकिन सार्वजनिक हैंडपंप अपनी ब

रुद्रपुर। शहर में घरों में लगे नलों से बेहद कम व दूषित पानी आने से लोग बाहर खड़े सार्वजनिक हैंडपंपों की ओर उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं, लेकिन वह भी अपनी बेबसी बयां कर रहे हैं। क्योंकि ज्यादातर सार्वजनिक हैंडपंप बीमार व उनका खुद का गला प्यासा है। ऐसे में वह आम जनता की प्यास बुझाने में असमर्थता जाहिर कर रहे हैं। जिन विभागों के ऊपर उन्हें ठीक व रिबोर करने की जिम्मेदारी है, उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं है कि शहर में कुल कितने सार्वजनिक हैंडपंप हैं। विभाग एक-दूसरे की जिम्मेदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं। शहर के कुल 40 वार्डों में सैकड़ों की संख्या में हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है, लेकिन विभागों की ओर से अभी टेंडर प्रक्रिया तक पूरी नहीं हो पाई है। शहर में नगर निगम, जल निगम व मंडी परिषद के पास सार्वजनिक हैंडपंपों के रखरखाव की जिम्मेदारी है।
भूजल से लबालब रहने वाले ऊधमसिंह नगर जिले में लोग वर्तमान में पानी की समस्या से जूझने लगे हैं। जैसे-जैसे गर्मी बढ़ रही है, पीने के पानी को लेकर हाय-तौबा मचनी शुरू हो गई है। लोगों की प्यास बुझाने के लिए सरकार अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से पानी की तरह पैसा बहा रही है, लेकिन योजनाएं धरातल पर उतरने का नाम ही नहीं ले रही हैं। पेयजल योजनाओं में तमाम तरह के गड़बड़झालों व इनके तय समय पर पूरा नहीं होने से सरकार की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं। गर्मी का असर कहें या गिरता भूजल स्तर, लोग पानी को लेकर बेहद परेशान दिखने लगे हैं, जबकि मई, जून का महीना अभी बाकी है। रुद्रपुर के ज्यादातर क्षेत्रों में घरों में लगे नलों के कम व गंदा पानी आने की वजह से लोग पेयजल के लिए सार्वजनिक हैंडपंपों पर निर्भर हैं, लेकिन अधिकतर हैंडपंप खुद लंबे समय से बीमार पड़े हैं, जबकि कई को रिबोर किया जाना है। कल्याणी व्यू-रविंद्र नगर, वार्ड-37 में पेयजल की समस्या पर बात करने के लिए देखते ही देखते 15-20 लोग एकत्रित हो गए। शिव मंदिर के पास स्थित मोहल्ले के सार्वजनिक हैंडपंप को दिखाते हुए लोग कहते हैं कि यह लंबे समय से खराब है। बताया कि मोहल्ले के 30 से ज्यादा परिवारों की पेयजल आपूर्ति इसी सार्वजनिक हैंडपंप से होती है, लेकिन इसमें खराबी आने के कारण लोगों को पेयजल के लिए यहां-वहां भटकना पड़ रहा है। इसी तरह आदर्श कॉलोनी, वार्ड-29 की सुखविंदर कौर व प्रभजीत कौर बेहद मायूसी से कहती हैं कि सार्वजनिक हैंडपंप खराब होने के कारण पेयजल की काफी किल्लत हो गई। यह कुछ उदाहरण भर हैं, यह बताने के लिए कि रुद्रपुर में पेयजल का संकट कितना गंभीर हो चुका है। इधर, सार्वजनिक हैंडपंपों के रखरखाव के लिए जल निगम व नगर निगम ने कुल 40 वार्डों को दो भागों में बांट लिया है। इसके तहत वार्ड-1 से 20 में जल निगम व वार्ड-21 से 40 में नगर निगम सार्वजनिक हैंडपंपों का रखरखाव करेगी। आश्चर्यजनक बात यह कि जल निगम के अधिकारियों को यह जानकारी ही नहीं है कि वार्ड-1 से 20 तक में कितने सार्वजनिक हैंडपंप हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि वार्ड-1 से 20 तक में 27 हैंडपंपों को जल्द रिबोर किया जाएगा, लेकिन अन्य खराब हैंडपंपों को कब तक रिबोर किया जाएगा, इसके संबंध में उनके पास कोई सटीक जानकारी नहीं है।
विभागों के पास नहीं हैंडपंपों से जुड़े आंकड़े
जिन विभागों के ऊपर शहर के बाशिंदों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है, उनके पास ही हैंडपंप से जुड़े आंकड़े नहीं हैं। 1 से 20 वार्डों के हैंडपंपों के रखरखाव का जिम्मा संभाल रहे पेयजल निगम के अधिकारियों के पास इस संबंध में कोई जानकारी नहीं है कि इन वार्डों में कुल कितने हैंडपंप हैं। अधिकारियों ने कहा कि विभाग की ओर से हैंडपंपों की मरम्मत का कार्य ठेका पद्धति के तहत किया जा रहा है। इसके तहत विभाग ने एक निजी कंपनी के साथ साल भर का करार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि वार्ड- 1 से 20 में सार्वजनिक हैंडपंपों की मरम्मत के लिए बीते दिनों एक अभियान चलाया गया, जिसमें 102 हैंडपंपों की मरम्मत की गई। वर्तमान में शिवनगर, वार्ड-9 आदि क्षेत्रों से कुछ सार्वजनिक हैंडपंपों के खराब होने की शिकायत मिली है। इन क्षेत्रों में टीमों को भेजा जा रहा है। कहा कि इसकी जानकारी उन्हें नहीं है कि वार्ड 1 से 20 में कितने हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है। रिबोर व नए हैंडपंप लगाने की जिम्मेदारी उनके विभाग के पास नहीं है।
रिबोर के इंतजार में सार्वजनिक हैंडपंप
गर्मी अपना असर दिखाने लगी है, लोगों का हाल बेहाल है, लेकिन उन्हें शुद्ध पेयजल तक नहीं मिल पा रहा है। खराब पड़े सार्वजनिक हैंडपंपों को कब तक रिबोर किया जाएगा, लोगों को इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पा रही है। वार्ड-21 से 40 तक में हैंडपंपों का रखरखाव की जिम्मेदारी संभाल रहे नगर निगम के पास इनकी मरम्मत के लिए तीन लोगों की केवल एक टीम है। नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक, इन वार्डों में कुल 230 हैंडपंप हैं, जिसमें से वर्तमान में करीब 130 खराब पड़े हैं, जिसमें 50-60 हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है, लेकिन वार्ड 1 से 20 तक में रिबोर होने वाले हैंडपंपों की संख्या कितनी है, इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। नगर निगम के अधिकारी अगले 5-10 दिन में खराब हैंडपंपों को रिबोर कराने की बात कर रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि वार्ड-21 से 40 में स्थित 27 हैंडपंपों को रिबोर करने के लिए टेंडर हो चुका है, लेकिन इसकी प्रक्रिया पूरी करने में अभी एक-दो दिन लगेंगे। इधर, लोगों ने बताया कि टेंडर होने के बाद हैंडपंपों को रिबोर होने में भी 2-3 दिन का समय लगता है।
इन वार्डों के लोग पानी के लिए सबसे ज्यादा परेशान
समय से हैंडपंपों की मरम्मत व रिबोर नहीं होने से शहर के कई वार्डों के लोगों को शुद्ध पानी के लिए काफी संघर्ष करना पड़ रहा है। कई क्षेत्रों में लोगों को सार्वजनिक हैंडपंपों के भरोसे ही पेयजल उपलब्ध हो पाता है। इन स्थानों में लोग खराब हैंडपंपों के सही होने व उनसे शुद्ध पानी आने की उम्मीद में दिन व्यतीत करने को मजबूर हैं। खराब हैंडपंपों की मरम्मत के लिए नगर निगम कार्यालय में प्रतिदिन 4-5 शिकायतें आ रहीं हैं। इसके अलावा, कई क्षेत्रों में हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है। फुलसुंगा, वार्ड-1 के पार्षद पवन कुमार राना ने बताया कि वार्ड में 5-6 हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है। आदर्श कॉलोनी, वार्ड-29 के पार्षद प्रतिनिधि बाबू खान ने बताया कि पेयजल नहीं मिलने से लोग काफी परेशान हैं। करीब 10 हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है। कहा कि इंद्रपाल, पुष्पा रानी, नाजिम, ललित बिष्ट आदि के घरों व पुलिस चौकी के पास स्थित हैंडपंपों को रिबोर किया जाएगा। वार्ड-31, एलाइंस कॉलोनी के पार्षद प्रतिनिधि सचिन मुंजाल ने बताया कि उनके यहां 8-9 सार्वजनिक हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है। वार्ड-33, सिंह कॉलोनी के पार्षद सुशील चौहान के कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र के समीप व श्री कल्याणेश्वर महादेव मंदिर में लगाए गए हैंडपंपों को रिबोर होना है। इसी तरह वार्ड-37, कल्याणी व्यू में भी 6-7 हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है।
दूषित पानी पीने से लोग पड़ रहे बीमार
स्वच्छ जल उपलब्ध नहीं होने से लोगों को दूषित पानी पीने को विवश होना पड़ रहा है, जिसकी वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों में मरीजों की लंबी कतारें लग रही हैं। जिला अस्पताल के फिजिशियन डॉ. एमके तिवारी ने बताया कि इन दिनों अस्पताल में उल्टी, दस्त व पेट दर्द जैसी बीमारियों के रोगियों की संख्या बढ़ रही है। वर्तमान में इन बीमारियों के रोजाना 10-12 मरीज अस्पताल में आ रहे हैं। इस तरह की बीमारियां दूषित जल व खान पान की वजह से ही होती है। कहा कि 80 प्रतिशत बीमारियां पानी के दूषित होने से ही होती हैं। दूषित पानी में चलने, तैरने आदि तक बीमारी का कारण बन सकते हैं। ऐसे में, खाना पकाने व धोने, पेय पदार्थ बनाने व दांत साफ करने के लिए दूषित पानी का इस्तेमाल करने पर लोग बीमार पड़ सकते हैं। लोगों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि पानी दूषित होने पर उसका सीधा इस्तेमाल करने की बजाए उसे कम से कम 5 मिनट उबालकर व छानकर पीना चाहिए, जिससे बीमारियों से बचा जा सके।
जल संरक्षण के प्रति जागरूकता की कमी
लगातार जिले में भूजल स्तर गिरता जा रहा है, जिसकी वजह से ही शहर में अधिकांश सार्वजनिक हैंडपंपों से दूषित पानी व उन्हें रिबोर करने की नौबत आ रही है। लोगों ने बताया कि वर्तमान में पानी का तल कम हो गया है, जिससे हैंडपंपों से गंदा पानी आ रहा है। कहा कि हैंडपंपों का पानी खराब होने पर लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करना व जल की गुणवत्ता सुधारने के उपाय करना आवश्यक है। जल संरक्षण के महत्व को समझकर व जागरूक होकर भविष्य में जल संकट से बचा जा सकता है। कहा कि भूजल एक महत्वपूर्ण संसाधन है। ऐसे में जल संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करना और उन्हें पानी बचाने के तरीके बताना आवश्यक है। जल एक सीमित संसाधन है और इसकी बर्बादी के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जागरूकता अभियान, शिक्षा और प्रोत्साहन जैसे तरीकों से लोगों को जल संरक्षण के महत्व को समझाना चाहिए। जल संरक्षण से आने वाली पीढ़ी के लिए जल सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
सुझाव व शिकायत:
1- विभागों के शीर्ष अधिकारियों को सार्वजनिक हैंडपंपों से संबंधित सभी जानकारी होनी चाहिए। उन्हें अपने जूनियर अधिकारियों के भरोसे सारे काम नहीं छोड़ने चाहिए।
1- सार्वजनिक हैंडपंपों का रखरखाव कर रहे विभागों को इसकी जानकारी तक नहीं कि शहर के कुल 40 वार्डों में कहां कितने हैंडपंप लगे हैं।
2- सार्वजनिक हैंडपंपों को रिबोर करने के लिए समय से टेंडर आदि की प्रक्रिया की जानी चाहिए, जिससे लोगों को दिक्कतें न हो।
2- गर्मियां शुरू होने के बाद भी अब भी शहर के वार्डों में स्थित सार्वजनिक हैंडपंपों को रिबोर नहीं किया गया है। इसके लिए टेंडर निकालने में देरी हो रही है।
3- खराब हैंडपंपों की मरम्मत के लिए नगर निगम कार्यालय में रोजाना प्राप्त हो रही शिकायतें पर त्वरित कार्रवाही की जानी चाहिए।
3- खराब हैंडपंपों की मरम्मत के लिए नगर निगम कार्यालय में प्रतिदिन 4-5 शिकायतें आ रही हैं, लेकिन इनकी मरम्मत नहीं होने से लोग परेशान हैं।
4- लोगों को दूषित पानी को उबालकर व छानकर पीना चाहिए, जिससे बीमारियों से बचा जा सके। करीब 80 प्रतिशत बीमारियां दूषित पानी से होती हैं।
4- दूषित पानी पीने से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। जिला अस्पताल में दूषित पानी से होने वाली बीमारियों के मरीजों की संख्या रोजाना बढ़ रही हैं।
5- लोगों को जल संरक्षण के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए। जल संरक्षण के महत्व को समझकर ही भविष्य में जल संकट से बचा जा सकता है।
5- शहर का भूजल स्तर लगातार गिर रहा है, लेकिन जल संरक्षण के लिए जमीनी स्तर पर कोई ठोस कार्य होते नहीं दिख रहे हैं।
कोट
1- पानी का गंभीर संकट है। सार्वजनिक हैंडपंप से लोगों को पीने का पानी मिलता था, लेकिन इसे अब तक रिबोर नहीं किया गया है। लोग परेशान हैं।
- रंजन
2- हैंडपंपों के जांच के लिए नगर निगम के कर्मचारी आए थे, लेकिन उसके बाद कोई नहीं आया। पेयजल के लिए लोग काफी परेशान हो रहे हैं।
- पार्वती
3- लोगों को पानी के प्रति जागरूक होना होगा। पानी की एक-एक बूंद का महत्व समझना चाहिए। लोगों को पानी की फिजूलखर्ची से बचना चाहिए।
- रमा
4- हैंडपंपों की जल्द मरम्मत की जानी चाहिए। गर्मी बढ़ रही है, लेकिन लोग पानी के लिए परेशान हो रहे हैं। नलों में दूषित पानी आ रहा है, जिसे पीकर लोग बीमार पड़ रहे हैं।
- सुचित्रा
5- विभागों के अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। लोगों को पेयजल तक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है, लेकिन अधिकारियों को इसकी कोई चिंता नहीं है।
- पुलीन सरकार
6- लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाना चाहिए। कल्याणी व्यू में हैंडपंप को रिबोर किया जाना है। हैंडपंपों को समय से रिबोर करना चाहिए। मोहल्ले के दर्जनों परिवार पेयजल के लिए एक ही हैंडपंप पर निर्भर हैं।
- संजय हलधर
7- समय से हैंडपंपों की मरम्मत की जानी चाहिए। पानी के बिना सारा काम ठप पड़ जाता है। लोगों को जल संरक्षण के महत्व को समझना चाहिए, जिससे भविष्य में जल के संकट से बचा जा सके।
- विपुल गाइन
8- आदर्श कॉलोनी में पेयजल का काफी संकट है। हैंडपंप से गंदा पानी आ रहा है, जो पीने योग्य नहीं है। इसके पानी को पीकर बीमार पड़के की आशंका है।
- सुखविंदर कौर
9- आदर्श कॉलोनी में इंद्रजीत के घर के पास स्थित हैंडपंप को रिबोर किया जाना है, लेकिन अब तक यह नहीं किया गया है। इसे जल्द रिबोर किया जाना चाहिए।
- प्रभजीत कौर
10- आदर्श कॉलोनी में करीब 10 हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है। नगर निगम के अधिकारियों ने बताया कि रिबोर के लिए जल्द टेंडर निकाला जाएगा।
- बाबू खान, पार्षद प्रतिनिधि, वार्ड- 29
11- सिंह कॉलोनी में दो हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है। हैंडपंपों के रिबोर होने से लोगों को स्वच्छ जल उपलब्ध होगा। इन्हें जल्द रिबोर कराया जाना है।
- सुशील चौहान, पार्षद, वार्ड- 33
12- एलाइंस कॉलोनी में 9-10 हैंडपंपों को रिबोर किया जाना है, जो अब तक नहीं हो पाए हैं। हैंडपंपों के रिबोर नहीं होने से वार्ड के लोग को गंदा पानी पीने को विवश हैं।
- सचिन मुंजाल, पार्षद प्रतिनिधि, वार्ड- 31
13- वार्ड-1 से 20 तक में हैंडपंपों के रखरखाव की जिम्मेदारी विभाग के पास है। इन वार्डों में अब तक 102 हैंडपंपों की मरम्मत की जा चुकी है। वार्ड-1 से 40 तक में सभी हैंडपंपों को नगर निगम की ओर से रिबोर किया जाएगा।
- अमित नौटियाल, जेई, पेयजल निगम
14- वार्ड-21 से 40 तक में फिलहाल 27 हैंडपंपों को रिबोर किया जाएगा। इसके लिए टेंडर हो चुका है, लेकिन कागजी कार्रवाही पूरी होने में अभी एक-दो दिन और लगेंगे।
- शुभम, जेई, नगर निगम
---------
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।