गंगोत्री धाम में हर्षोल्लास के साथ मनाया गंगा जन्मोत्सव
गंगोत्री धाम में गंगा सप्तमी का उत्सव धूमधाम से मनाया गया। हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना की। इस अवसर पर ब्रह्म मुहूर्त से विशेष पूजा की गई और मां...

विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम में गंगा सप्तमी अर्थात मां गंगा का जन्मोत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर हजारों श्रद्धालु गंगोत्री धाम पहुंचे। जहां श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और मां गंगा के श्रृंगार रूपी दर्शन के साक्षी बने। वहीं श्री पांच मंदिर समिति की ओर से भी मां गंगा की विशेष पूजा अर्चना की गई और उन्हें राजभोग अर्पित किया गया। कपाट बंद होने तक धाम में आने वाले श्रद्धालु श्रृगांर रूप में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे। शनिवार को गंगोत्री धाम में गंगा सप्तमी अर्थात मां गंगा का अवतरण दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
इस मौके पर श्री पांच गंगोत्री मंदिर समिति की ओर से तय कार्यक्रम के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त से ही विशेष पूजा-अर्चना शुरू की गई। श्रीसूक्त पाठ के साथ मां गंगा की निर्वाण मूर्ति का दुग्धाभिषेक, जलाभिषेक किया गया। इसके बाद सुबह 07 बजे से गंगा स्तुति, विष्णु सहस्रनाम, गंगा लहरी के पाठ के बाद 09 बजे मां गंगा का भव्य श्रृंगार कर राजभोग अर्पित किया गया। इस पावन पर्व पर बड़ी संख्या में गंगोत्री धाम पहुंचे पहुंचे देश- विदेश सहित स्थानीय श्रद्धालुओं ने भी गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और मांग गंगा की पूजा अर्चना कर भोग मूर्ति के दर्शन किए। गंगोत्री के तीर्थ पुरोहित व सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि अब अगले छह माह तक धाम में आने वाले श्रद्धालु श्रृगांर रूप में ही मां गंगा के दर्शन कर सकेंगे। इस मौके पर मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल,अरूण सेमवाल, सुशील सेमवाल, अभिषेक सेमवाल, चंडी प्रसाद सेमवाल, पुरोहित सभा के संजीव सेमवाल,अशोक सेमवाल, हिमांशु, विजय सेमवाल, संतोष सेमवाल, पं. राजेश सेमवाल सहित देश विदेश से आये श्रद्धालु मौजूद रहे। क्या है गंगा सप्तमी गंगा सप्तमी वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी को कहा जाता है। पौराणिक धर्मग्रंथों और हिन्दू मान्यताओं के अनुसार वैशाख मास की इस तिथि को ही मां गंगा स्वर्ग लोक से भगवान शिव की जटाओं में पहुंची थीं। इसलिए इस दिन को 'गंगा सप्तमी' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन के बाद मां गंगा पूरी तरह से श्रृंगार दर्शन में नजर आती है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान, पूजा-अर्चना करने मात्र से सभी पाप दूर होते हैं।
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