पवासी महासू महाराज की देव पालकी को कराया शाही स्नान
जेठ माह शुरू होते ही जौनसार बावर, रवाईं, बंगाण क्षेत्र में आराध्य कुल देवता चार भाई महासू का प्रवास प्रारंभ हो गया। शनिवार को शाही स्नान के लिए पवासी

जेठ माह शुरू होते ही जौनसार बावर, रवाईं, बंगाण क्षेत्र में आराध्य कुल देवता चार भाई महासू का प्रवास प्रारंभ हो गया है। शनिवार को शाही स्नान के लिए पवासी महासू देवता अपने मूल मंदिर से बाहर निकलकर देववन पहुंचे थे। रविवार को पवित्र स्थल देववन में देवता ने शाही स्नान किया। प्रत्येक वर्ष जेठ माह में पवासी महासू देवता की पालकी तीन दिन के प्रवास पर देववन जाती है। शनिवर को ठडियार स्थित मूल मंदिर से कोठी गाड पट्टी, पिंगल पट्टी, मासमोर पट्टी के देव कारिंदे देव पालकी को देववन ले जाने के लिए निकले। इस दौरान हनोल, चातरा, खूनीगाड शटंगधार, कोटी, चौसाल, काण्डा, टियूटाड, त्यूणी, रडू, कथियान, शिलगाव क्षेत्र के दर्जनों गांवों से श्ररदालू देव पालकी के साथ देववन के लिए रवाना हुए।
शनिवार देर रात पालकी प्राचीन पवित्र स्थल देववन पहुंची। रविवार को पालकी ने पवित्र कुंड में शाही स्नान किया। बजीर पाशीबिल जयपाल सिंह पंवार ने बताया शनिवार और रविवार को पालकी देववन में रहेगी। सोमवार को शाम देववन मे पूजा के बाद रात्रि प्रवास देवलाड़ी मंदिर में विराजमान होगी। कुछ समय देवता इसी मंदिर विराजमान रहेंगे। पवासी महासू देवता की देववन यात्रा धर्म-कर्म के लिहाज से बड़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है। संतान प्राप्ति, नाना प्रकार के कष्टों के निवारण देववन यात्रा से सफल होना बताया गया।
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