Akshaya Tritiya: कल अक्षय तृतीया पर 06 घण्टे 37 मिनट्स का उत्तम मुहूर्त, जानें पूजा-विधि व उपाय
Akshaya Tritiya Time Muhurat : कल ग्रहों की शुभ स्थिति बनने से हर तरह की खरीदारी और नई शुरुआत लंबे समय तक फायदा देने वाली रहेगी। स्कंद पुराण के अनुसार, अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना समृद्धि देने वाला होता है।

Akshaya Tritiya Time: रोहिणी नक्षत्र व बुधवार के दिन पड़ने वाली अक्षय तृतीया को अत्यधिक शुभ माना जाता है, जो कल है। अक्षय तृतीया को आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। अक्षय शब्द का अर्थ कभी कम न होने वाला है। इसलिए इस दिन कोई भी जप, यज्ञ, पितृ-तर्पण, दान-पुण्य करने का लाभ कभी कम नहीं होता तथा व्यक्ति को सदैव प्राप्त होता रहता है। चारों युगों में त्रेता युग का आरंभ भी इसी तिथि से हुआ था। ब्रह्मा पुराण और स्कंद पुराण में अक्षय तृतीया को धन, सौभाग्य और आत्मविश्वास में वृद्धि करने वाला दिन बताया गया है। कल ग्रहों की शुभ स्थिति बनने से हर तरह की खरीदारी और नई शुरुआत लंबे समय तक फायदा देने वाली रहेगी। स्कंद पुराण के अनुसार, अक्षय तृतीया पर खरीदा गया सोना समृद्धि देने वाला होता है। आइए जानते हैं पूजन व खरीदारी का मुहूर्त, विधि, मंत्र, भोग व उपाय-
शुभ योग- कल सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन, शोभन योग दोपहर 12:02 बजे तक व रवि योग शाम 04:18 बजे से 05:40 ए एम, मई 01 तक रहेगा। रोहिणी नक्षत्र शाम 04:18 बजे तक व तृतीया तिथि दोपहर 02:12 बजे तक समाप्त हो जाएगी।
कल अक्षय तृतीया पर 06 घण्टे 37 मिनट्स का उत्तम मुहूर्त- सुबह 05:41 बजे से दोपहर 12:18 बजे तक, जिसकी अवधि - 06 घण्टे 37 मिनट्स तक है। पंचांग अनुसार इस मुहूर्त में पूजन, खरीदारी व कोई कोई भी शुभ कार्य करना उत्तम रहेगा।
सोने की पूजा का मुहूर्तः ज्योतिषी अशोक वार्ष्णेय के अनुसार, सुबह 7:50 से दोपहर 12:20 बजे तक मुहूर्त है।
शुभ चौघड़िया मुहूर्त
- प्रातः मुहूर्त (शुभ) - 10:39 से 12:18
- प्रातः मुहूर्त (लाभ, अमृत) - 05:41 से 09:00
पूजा-विधि
- गणेश जी को प्रणाम करें
- विष्णु जी का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
- मां लक्ष्मी समेत सभी देव-देवताओं का जलाभिषेक करें
- अब प्रभु को पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें
- मां लक्ष्मी को लाल पुष्प, चुनरी, लाल चंदन अर्पित करें
- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
- चालीसा का पाठ व मंत्र जाप करें
- पूरी श्रद्धा के साथ विष्णु जी व मां लक्ष्मी की आरती करें
- तुलसी दल सहित भोग लगाएं
- अंत में क्षमा प्रार्थना करें
भोग- पंचामृत, मिठाई, सूखे मेवे, फल, केसर या बादाम की खीर
उपाय- धन से जुड़ी दिक्कतें कम करने के लिए विष्णु चालीसा व श्री लक्ष्मी सुक्तम् का पाठ करें। वैवाहिक जीवन की दिक्कतें दूर करने के लिए मां लक्ष्मी को शृंगार का समान चढ़ाएं।
मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय। ॐ नमो नारायणाय नमः। श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।