विवादों में इस कंपनी की पहली इलेक्ट्रिक कार, हादसा और झूठे दावों से मचा हंगामा; यहां जानें पूरी कहानी
शियोमी (Xiaomi) की पहली इलेक्ट्रिक कार SU7 विवादों में घिर गई है। इस ईवी से जुड़े हादसे, झूठे दावे और परफॉर्मेंस कटौती ने ग्राहकों की समस्याओं को बढ़ा दिया है, जिसको लेकर अब हंगामा हो रहा है। आइए जरा विस्तार से इसे समझते हैं।

स्मार्टफोन की दुनिया में क्रांति लाने वाली चीनी कंपनी शियोमी (Xiaomi) ने जब अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार SU7 EV लॉन्च की, तो हर कोई हैरान रह गया। सुपरकार जैसी स्पीड, हाई-टेक फीचर्स और आकर्षक डिजाइन के चलते SU7 ने जबरदस्त शुरुआत की। लेकिन, अब इस कार को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस ईवी से जुड़े हादसे के मामले, झूठे दावे और परफॉर्मेंस कटौती ने ग्राहकों की समस्याओं को बढ़ा दिया है, जिसको लेकर अब लोग हंगामा कर रहे हैं। आइए जरा विस्तार से इसकी पूरी कहानी समझते हैं।
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दर्दनाक हादसे ने मचाई हलचल
मार्च 2025 में Xiaomi SU7 से जुड़ा एक भयानक सड़क हादसा सामने आया था। इस हादसे में कार हाईवे बैरियर से टकराकर आग का गोला बन गई और तीन लोगों की जान चली गई। रिपोर्ट के अनुसार, कार की हाई पावर मोटर और इलेक्ट्रॉनिक सेफ्टी फीचर्स जैसे दरवाजों की लॉकिंग और ड्राइवर असिस्ट सिस्टम पर गंभीर सवाल उठे हैं।
कार की शुरुआती स्पेसिफिकेशन में 1138 किलोवाट पावर और 1770 Nm टॉर्क बताया गया था। यह किसी रेसिंग कार के बराबर है। अब सवाल उठ रहे हैं कि क्या इतनी पावरफुल कार आम लोगों को इतनी आसानी से दी जानी चाहिए थी? हादसे के बाद शियोमी (Xiaomi) ने एक ओवर-द-एयर अपडेट के जरिए कार की पावर को कम कर दिया। फिर इसके बाद इसकी नई पावर लिमिट 662kW तक सेट की गई। लेकिन, यह सब हादसे के बाद किया गया।
लॉन्च कंट्रोल पर 60 सेकंड की देरी
ये सब कदम सेफ्टी को ध्यान में रखते हुए उठाए गए, लेकिन कार खरीदने वाले यूजर्स ने इसे धोखा और फरेब कहा। भारी विरोध के बाद Xiaomi को अपना फैसला वापस लेना पड़ा। शियोमी (Xiaomi) ने सफाई देते हुए कहा कि हम अपने यूजर्स की भावनाओं की कद्र करते हैं और भविष्य में बेहतर पारदर्शिता रखेंगे।
'नकली' एयर डक्ट: फीचर्स निकले दिखावे के
शियोमी (Xiaomi) ने SU7 के कार्बन फाइबर बोनट में दो खास "एयर डक्ट" होने का दावा किया था, जो कार को ठंडा रखने और परफॉर्मेंस बढ़ाने के लिए बताए गए थे। लेकिन जब यूजर्स ने खोलकर देखा, तो वो सिर्फ दिखावे के लिए थे, उनका कोई काम नहीं था। कंपनी ने यह स्वीकार किया कि "कम्युनिकेशन में भ्रम" था और यूजर्स को ऐल्युमिनियम बोनट में बदलाव का विकल्प दिया गया, जिस पर 40 हफ्ते का वेटिंग था। इसके अलावा कस्टूमर को लॉयल्टी पॉइंट्स देने की बात भी कही गई। लेकिन, इतना लंबा इंतजार यूजर्स की नाराजगी को और बढ़ा गया।
Xiaomi CEO की प्रतिक्रिया: सबसे कठिन दौर
Xiaomi के CEO Lei Jun ने सोशल मीडिया पर माना कि यह समय उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा। Xiaomi की शुरुआत से अब तक का यह सबसे कठिन महीना रहा,” उन्होंने Weibo पर लिखा। उन्होंने बताया कि वे कुछ दिनों के लिए सोशल मीडिया और मीटिंग्स से दूर रहकर सोच-विचार कर रहे हैं कि आगे कैसे बेहतर कदम उठाए जाएं।
भविष्य की योजना: Xiaomi हार मानने को तैयार नहीं
हालात चाहे जैसे भी हों Xiaomi EV बाजार में बनी रहना चाहती है। SU7 के बाद इस साल के अंत तक कंपनी एक नई EV SUV Xiaomi YU7 लॉन्च करने जा रही है। यह एक मिड-साइज SUV होगी और SU7 की गलतियों से सबक लेते हुए बनाई जाएगी।
सपनों की रफ्तार, लेकिन रास्ता कठिन
SU7 ने दिखाया कि शियोमी (Xiaomi) के पास टेक्नोलॉजी है, लेकिन जिम्मेदारी के साथ नहीं। सुरक्षा और ईमानदारी के बिना EV सेगमेंट में टिकना मुश्किल है। कंपनी को पारदर्शिता, क्वॉलिटी कंट्रोल और कस्टमर ट्रस्ट पर ज्यादा काम करना होगा।
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