PMAY के लिए बिहार के 75000 लाभुकों को मिली पहली किस्त, खातों में 300 करोड़ ट्रांसफर
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिहार में 75,000 लाभुकों को उनके स्वीकृत आवास की पहली किस्त की सहायता राशि जारी कर दी गई है। खातों में 301 करोड़ 18 लाख रुपए जमा कराए गए हैं। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि 100 दिनों के अंदर पक्के मकान का निर्माण कराकर 3 किस्तों में राशि का भुगतान कराएं।

प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के 75 हजार 295 लाभुक परिवारों के खाते में 301 करोड़ 18 लाख रुपये प्रथम किस्त के रूप में हस्तांतरित किए गए हैं। ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने सोमवार को विभागीय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में राशि का भुगतान किया। साथ ही उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि इन लाभुकों से अधिकतम 100 दिनों के अंदर पक्के मकान का निर्माण कराकर तीन किस्तों में राशि का भुगतान कराएं। मंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि राज्य के बेघर तथा कच्चे आवासों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं से युक्त पक्के आवास की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इस योजना का कार्यान्वयन किया जा रहा है। मौके पर विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह ने कहा कि इस योजना के तहत हर लाभुक को तीन किस्तों में एक लाख 20 हजार रुपये दिये जाते हैं। इनमें 60 प्रतिशत केंद्र और 40 प्रतिशत राज्य सरकार की हिस्सेदारी होती है।
इसके अलावा लाभुक परिवार में एक सदस्य को 90 दिनों की अकुशल मजदूरी लगभग 22 हजार और लोहिया स्वच्छ अभियान के तहत शौचालय निर्माण के लिए 12 हजार दिये जाते हैं। इस तरह हर लाभुक को इस योजना में एक लाख 54 हजार की सहायता राशि प्राप्त होती है। इस योजना में इस साल के लिए 7.90 लाख लाभुकों के आवास निर्माण का लक्ष्य केंद्र से मिला है। इनमें 5.54 लाख को प्रथम, 2.01 लाख को द्वितीय और 1.21 लाख को तृतीय किस्त का भुगतान कर दिया गया है। वहीं, 58 हजार 409 आवास का निर्माण पूरा कर दिया गया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत राज्य में चल रहे सर्वेक्षण में अब तक करीब 50 लाख परिवार चिह्नित किए गए हैं। ये सभी ऐसे परिवार हैं, जो आवासविहीन हैं, या कच्चे मकानों में रहते हैं। इनमें करीब 15 लाख परिवार अर्थात 30 प्रतिशत अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (एससी-एसटी) के हैं। सर्वेक्षण का कार्य 31 मार्च तक चलेगा। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट बताती है कि चिह्नित परिवारों में सबसे अधिक 46 प्रतिशत एससी-एसटी परिवार गया और रोहतास जिले में हैं।
इसी प्रकार नवादा और औरंगाबाद में यह प्रतिशत 44 है। वहीं, चिह्नित परिवारों में एससी-एसटी की सबसे कम 19.71 प्रतिशत संख्या पूर्वी चंपारण में हैं। ये आंकड़े कटिहार, भागलपुर और किशनगंज में 21 प्रतिशत, शिवहर, सीतामढ़ी में 23 प्रतिशत तथा पूर्णियां, दरभंगा और अररिया में 24.50 प्रतिशत हैं। इसी प्रकार कैमूर और शेखपुरा में एससीएसटी वर्ग के 39.50 प्रतिशत परिवार शामिल हैं। शेष जिलों में इनका प्रतिशत 24 से 38 प्रतिशत के बीच है।