सीमांचल के सभी विधानसभा सीटों पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पूरी ताकत से उतरेगी। पार्टी पुराने और मेहनती कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देगी। चंद्र भूषण ने कहा कि बिहार में दिल्ली और पंजाब के विकास मॉडल को लागू किया...

पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं को दी जाएगी प्राथमिकता बिहार में भी दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर होगा विकास का काम:प्रदेश प्रवक्ता अररिया, निज संवाददाता आम आदमी पार्टी बिहार में पूरी ताकत से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ेगी।सीमांचल के सभी सीटों पर पूरी ताकत से आम आदमी पार्टी चुनावी समर उतरेगी।यह जानकारी आम आदमी पार्टी के बिहार प्रदेश प्रवक्ता चंद्र भूषण ने दी।उन्होंने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की सहमति के बाद पटना स्थित प्रदेश कार्यालय में शुक्रवार को आयोजित कार्यकारिणी की बैठक में प्रदेश चुनाव प्रभारी अजेश यादव ने इस आशय की घोषणा की।चन्द्र
भूषण ने स्पष्ट किया कि पार्टी आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पूरी ताकत के साथ भाग लेगी। हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ है कि पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन पार्टी केवल उन्हीं सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी जहां जीत की संभावना सर्वाधिक होगी।प्रदेश प्रवक्ता चंद्र भूषण ने कहा कि चुनाव प्रभारी के मुताबिक चुनाव में पार्टी के पुराने, मेहनती और जमीनी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। उनका अनुभव और संघर्ष ही पार्टी की असली ताकत है। दिल्ली और पंजाब माडल को बिहार में किया जाएगा लागू: प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी बिहार में पारदर्शी, ईमानदार और जनता की भागीदारी वाली राजनीति को मजबूत करने के लिए कार्य कर रही है। बिहार में भी केजरीवाल जनसंपर्क यात्रा के ज़रिए पार्टी दिल्ली और पंजाब के विकास मॉडल को गांव-गांव और घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है।चंद्र भूषण ने कहा कि पार्टी बिहार में भी दिल्ली की तर्ज पर काम करने के लिए संकल्पित है। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा,बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ,महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण,मुफ्त बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं देने के वादे के अलावा बेरोजगारी और पलायन के मुद्दे पर भी फोकस रहेगा।उन्होंने कहा कि जब दिल्ली में केजरीवाल सरकार थी तो हर बुजुर्ग को तीर्थ यात्रा पर भेजा गया। महिलाओं को बस में मुफ्त यात्रा मिली, मोहल्ला क्लीनिक से इलाज मिला, लेकिन बिहार के लोग इन मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। क्या उनका कोई कसूर है? नीतीश कुमार ने शराब तो कागज़ पर बंद कर रखी है, लेकिन होम डिलीवरी चालू है,ये कैसा विकास है?उल्लेखनीय है कि बिहार में 2014 के बाद पार्टी कोई भी चुनाव नहीं लड़ी। करीब 11 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पार्टी चुनाव में उतरेगी। इस घोषणा के बाद पार्टी संगठन में फिर से जान फूंकने की कोशिश की गई है। सीमांचल सहित पूरे बिहार में इसके बाद पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों में भारी उत्साह का माहौल देखा जा रहा है। अररिया के जिला प्रभारी राजेश कुमार बहरदार, किशनगंज के जिला अध्यक्ष मो शकील, पूर्णिया के जिलाध्यक्ष सरदार प्रीतम सिंह, पूर्णिया के जिलाध्यक्ष विकास झा आदि ने पार्टी के इस फैसले से प्रसन्नता जाहिर की है और कहा कि अब सभी कार्यकर्ता बूथ स्तर पर संगठन निर्माण में जुट जाएं।
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