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को-ऑपरेटिव बैंक में शुरू होगी डिजिटल सेवाएं

पेज तीन की लीडपेज तीन की लीड हिन्दुस्तान विशेष सहकारी समितियों के सदस्यों को बनाए जाएंगे बैंक मित्र को-ऑपरेटिव बैंक की ओर से बढाए

Newswrap हिन्दुस्तान, बांकाTue, 8 April 2025 04:09 AM
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को-ऑपरेटिव बैंक में शुरू होगी डिजिटल सेवाएं

बांका, निज प्रतिनिधि। सरकार की ओर से को-ऑपरेटिव बैंकों का दायरा बढाया जा रहा है। इसको लेकर को-ऑपरेटिव बैंक खातों की संख्या में बढोतरी कर रहा है। इसके साथ ही सहकारी बैंकों में डिजिटल और ऑनलाइन सेवा की सुविधा देने की कवायद शुरू कर दी गई है। इसके लिए केंद्रीय सहकारी बैंक मुख्यालय और शाखाओं के आईटी अपग्रेडेशन के लिए एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिसे चालू वित्तीय वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। अपग्रेडेशन के बाद जिले के को-ऑपरेटिव बैंकों को डिजिटल सुविधाओं से लैस किया जायेगा। जिससे वे अपने ग्राहकों को डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने में सक्षम हो सके। इसके ग्राहकों को अन्य बैंकों की तरह ही आधुनिक तकनीकी सेवाओं का लाभ मिल सकेगा। इससे इन बैंकों के कामकाज मेें पारदर्शिता आएगी। वहीं, सहकारी समितियों के सदस्यों तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाना सरल हो जाएगा। बैंकिग के बदलते परिवेश में सहकारी बैंकों में डिजिटल सेवाएं बहाल करना जरूरी हो गया है। इससे बैंक व्यवसाय के उपर समुचित निगरानी रखने के लिए लगातार इसकी मॉनिटरिंग करने एवं साइबर फ्रॉड पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी। इससे किसानों, सहकारी समितियों और सदस्यों को भी फायदा होगा। इसके अलावे समिति सदस्यों तक योजनाओं का लाभ पहुंचाये जाने की प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी। जिले में पैक्सों और अन्य सहकारी समितियों के करोबार का दायरा बढने के साथ ही सहकारी बैंकों के व्यवसाय में भी वृद्धि हो रही है। जिससे बैंकों के कामकाज में पारदर्शिता लाना जरूरी हो गया है। इसके लिए सहकारी बैंकों का डिजिटलाईजेशन किया जाएगा। इसके साथ ही पैक्सों को बैंक मित्र बनाये जाएंगे। जिससे सहकारी समितियों को बैंक मित्र के रूप में विकसित किया जा सके। सहकारी बैंकों की ओर से खातों में बढोतरी की जा रही है। ऐसे में ग्राहकों की जरूरत के मुताबिक ऑनलाइन सेवा की मांग की जा रही है। केंद्रीय सहकारी बैंकों को संबंधित जिले की सभी दुग्ध समितियों और सदस्यों का तेजी से खाता खोला जा रहा है। इसके अलावे उन किसानों का भी खाता खोले जाने का लक्ष्य तय किया गया है। जो धान, गेहूं और दलहन को पैक्सों और व्यापार मंडलों पर बेचते हैं। डीसीओ संतोष कुमार ने कहा कि सरकार की ओर से सहकारी बैंकों को अपग्रेड किया जा रहा है। जिसके बाद सहकारी बैंकों में भी अन्य बैंकों की तरह डिजिटल और ऑनलाइन सेवाएं शुरू की जाएगी। जिससे सहकारी बैंकों के कामकाज में पारदर्शिता लाई जा सके। इसके लिए पैक्सों को बैंक मित्र बनाये जाएंगे। जिससे सहकारी समितियों तक सरकार की योजना का लाभ पहुंचाये जाने में आसानी होगी।

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