नाटक अंधों का हाथी ने भ्रष्टाचार पर उठाए तीखे सवाल
लीड युवा पेज ... हाथी का मंचन करते कलाकार। बेगूसराय, हिंदुस्तान प्रतिनिधि। रतनपुर स्थित 'द फैक्ट स्पेस' के मंच पर मंगलवार की

बेगूसराय, हिंदुस्तान प्रतिनिधि। रतनपुर स्थित 'द फैक्ट स्पेस' के मंच पर मंगलवार की शाम प्रभावशाली नाट्य प्रस्तुति ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया। संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार की ओर से प्रायोजित और एक्टिव कल्चरल सोसायटी की ओर से प्रस्तुत शरद जोशी लिखित तथा इम्तियाजुल हक डब्लू निर्देशित नाटक “अंधों का हाथी” का सफल मंचन किया गया। इस नाटक ने न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया, बल्कि देश के मौजूदा सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य पर भी करारा प्रहार किया। नाटक की कथा छह अंधों और एक सूत्रधार के माध्यम से बुनी गई थी। लेखक ने प्रतीकात्मकता का उपयोग करते हुए यह सवाल उठाया कि क्या आम जनता जो आंखों से देख सकती है, क्या वास्तव में देख पा रही है कि देश में क्या चल रहा है। भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी और प्रशासनिक तानाशाही के बीच जनता की खामोशी पर यह नाटक ने खूब कटाक्ष किया। मंच पर हो रही गतिविधियां देश के मौजूदा हालात का आईना बन गई। नाटक में दिवाकर कुमार ने सूत्रधार की भूमिका को प्रभावशाली तरीके से निभाया। वहीं कोमल कुमारी, नैंसी प्रिया, शुभम कुमार, रोबिन कुमार, विकास कुमार और हरिश्चंद्र कुमार ने अपने सशक्त अभिनय से नाटक में जान फूंक दी। दर्शकों ने कलाकारों के संवाद अदायगी, हावभाव और भावनात्मक अभिव्यक्ति की भरपूर सराहना की। संगीत पक्ष भी नाटक का एक सशक्त स्तंभ रहा। आकाश कुमार ने नाल पर, राहुल कुमार ने खंजरी पर और फागुनी कुमारी ने ट्रैक म्यूजिक से नाटक के वातावरण को सजीव किया। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। इसमें जिला कला एवं संस्कृति अधिकारी श्याम कुमार सहनी, वरिष्ठ रंग निर्देशक दीपक सिन्हा, कुमार संजय, परवेज युसूफ, मो. फैयाजुल हक, समाजसेवी दिलीप कुमार सिन्हा और संजय गौतम उपस्थित रहे।
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