Severe Weather Damages Vegetable Crops in Kaimur District तीखी धूप से झुलसने लगे सब्जी के पौधे, सिंचाई पर खर्च बढ़ा, Bhabua Hindi News - Hindustan
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तीखी धूप से झुलसने लगे सब्जी के पौधे, सिंचाई पर खर्च बढ़ा

कैमूर जिले में आंधी-बारिश और तीखी धूप के कारण सब्जी की फसल को बड़ा नुकसान हुआ है। किसान हर दूसरे दिन सिंचाई कर रहे हैं, जिससे खर्च बढ़ गया है। टमाटर और बैगन जैसी फसलों की उपज कम हो रही है और बाजार में...

Newswrap हिन्दुस्तान, भभुआThu, 17 April 2025 09:05 PM
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तीखी धूप से झुलसने लगे सब्जी के पौधे, सिंचाई पर खर्च बढ़ा

जिले में दो दिन आंधी-बारिश से भी सब्जी की फसल को हुआ था नुकसान सब्जी की फसल को बचाने के लिए किसान हर दूसरे दिन कर रहे हैं सिंचाई (पेज चार की फ्लायर खबर) भभुआ, कार्यालय संवाददाता। कैमूर में मौसम का मिजाज तलख होते जा रहा है। गुरुवार को जिले का अधिकतम तापमान 41 व न्यूनतम 26 डिग्री रहा। जबकि 21 व 22 अप्रैल को अधिकतम तापमान 44 डिग्री रहने की संभावना है। तीखी धूप व गर्म हवा के कारण सब्जी के पौधे झुलसने लगे हैं। उपज कम होने लगी है। पौधों का पूरा विकास नहीं हो पा रहा है। सब्जी के पौधों को बचाने के लिए किसानों को हर दूसरे दिन सिंचाई करनी पड़ रही है, जिससे उनका खर्च बढ़ जा रहा है। डीजल महंगा हो गया है और नहरों में पानी कम है। बाजार में सब्जी के दाम भी अच्छे नहीं मिल रहे हैं। किसान प्रदीप मौर्या ने बताया कि उनके खेत में लगे टमाटर के पौधों की पत्तियां सूखने लगी हैं। टमाटर का दाम अच्छा नहीं मिलने से उन्हें घाटा लग रहा है। जितना बन पा रहा है, उतना तोड़ रहे हैं। मजदूर रखकर टमाटर तोड़वाने पर मजदूरी नहीं मिल पाएगी। दो-ढाई रुपए किलो के हिसाब से व्यापारी टमाटर खरीद रहे हैं। राजधार सिंह ने बताया कि उन्होंने बैगन की खेती की है। तीखी धूप के कारण बैगन का रंग बदरंग हो जा रहा है। पत्ते सूखने लगे हैं। हर दूसरे दिन खेत की सिंचाई करनी पड़ रही है। उपज भी पर्याप्त नहीं हो पा रही है। किसानों ने बताया कि खेत में नेनुआ, लौकी, करैली, भिंडी, बैगन, खीरा, पालक, टमाटर, पत्तागोभी की फसल लगी है। जो किसान फसल की समय पर सिंचाई कर रहे हैं, उन्हें दो-चार पैसे मिल जा रहे हैं। लेकिन, जिनके पास साधन या पैसे नहीं हैं उन्हें परेशानी हो रही है। उन्होंने बताया कि कुछ किसान कर्ज लेकर फसल की सिंचाई कर रहे हैं। तीखी धूप फल व फूल मारे जा रहे हैं। खेतों में लगे सब्जी के पौधे मुरझाने लगे हैं। सिंचाई, बीज, सोहनी, कोड़नी, कीटनाशक दवा के छिड़काव में लगा पैसा भी वापस नहीं मिल पा रहा है। क्या कहते हैं सब्जी विक्रेता सब्जी दुकानदार शामू राइन व सोनू ने बताया कि मौसम खराब रहने से बीच-बीच में लोकल सब्जियां मंडी में नहीं पहुंच पा रही हैं। थोक व्यापारी लौकी, नेनुआ, करैला, भिंडी, खीरा व पालक आदि सब्जी वाराणसी मंडी से मंगा रहे हैं। उनके पास से वह लोग सब्जी लाकर बेच रहे हैं। उत्पादन ज्यादा होने के कारण सब्जियों के दाम में कमी आ रही है। टमाटर तो सभी सब्जियों से सस्ता है। टमाटर 20 रुपया में ढाई किलो बेच रहे हैं। बाकी सब्जियां 30-40 रुपए किलो बिक रही है। व्यापारी व ग्राहकों से बेच रहे सब्जी कुछ किसान खेतों में उपजी सब्जी को तोड़कर सुबह में व्यापारियों के हाथों बेच रहे हैं, तो कुछ ग्राहकों से बेचने के लिए दुकान लगा रहे हैं। मुंडेश्वरी सिनेमा हॉले के पास सब्जी बेच रही ललीता देवी ने बताया कि उसके खेत में नेनुआ, लौकी, साग है। वह खुद बेचती है तो लाभ होता है। दो घंटा में सब्जी बेचकर लौट जाती है। किसान जनार्दन कुशवाहा ने बताया कि वह ठेला पर सब्जी लाकर दुकानदारों के हाथों बेच देते हैं। दो पैसा कम जरूर मिलता है, लेकिन समय की बचत हो जाती है। इस दौरान वह खेत में काम कर लेते हैं। फोटो- 17 अप्रैल भभुआ- 8 कैप्शन- शहर के राजेंद्र सरोवर बाइपास पथ में स्थित खेत में सूखते पत्तागोभी व टमाटर के पौधे।

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