बोले मुंगेर : सड़कों पर खोदे गये गड्ढों में भरा पानी, खराब पड़ी हैं स्ट्रीट लाइटें
रिफ्यूजी कॉलोनी मुंगेर में 14,000 लोग रहते हैं, लेकिन उन्हें मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। 20 वर्षों से सड़क का निर्माण नहीं हुआ और 300 घरों में नल का पानी नहीं पहुंचा। लोग नगर प्रशासन से समस्याओं के...
रिफ्यूजी कॉलोनी मुंगेर का एक घनी आबादी वाला क्षेत्र है जो आजादी के सात दशक बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है। लगभग 14,000 की आबादी और 3,500 मतदाताओं वाला यह इलाका एक जीवंत बस्ती है, लेकिन यहां की जमीनी हकीकत इस बात की गवाही देती है कि योजनाएं तो बनीं, पर उनका सही क्रियान्वयन आज भी सपना बना हुआ है। इसके कारण यहां के लोग कई महत्वपूर्ण समस्याओं से जूझ रहे हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। हिन्दुस्तान के साथ संवाद में रिफ्यूजी कॉलोनी के लोगों ने अपनी परेशानी बताई। साथ ही समस्याओं को दूर करने की नगर प्रशासन से अपील की।
14 हजार है रिफ्यूजी कॉलोनी की आबादी
35 सौ मतदाता हैं इस कॉलोनी के निवासी
20 वर्षों से मोहल्ले की मुख्य सड़क नहीं बनी
03 सौ घरों में नल का पानी नहीं पहुंचा
15 एलइडी स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, रहता है अंधेरा
संवाद कार्यक्रम में रिफ्यूजी कॉलोनी के निवासियों ने बताया कि यहां की सबसे बड़ी समस्या खराब सड़क की है। मुंगेर स्टेशन से लेकर शास्त्री चौक तक की 1400 फीट लंबी और लगभग 21 फीट चौड़ी सड़क मुंगेर का एक प्रमुख मार्ग है, जो इस मोहल्ले से होकर गुजरता है। इसपर प्रतिदिन हजारों वाहन चलते हैं। लेकिन इसकी स्थिति वर्षों से दयनीय बनी हुई है। लगभग 20 वर्षों से इस सड़क का निर्माण नहीं हुआ है। ऐसे में, सड़क पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। जबकि, यह सड़क मुंगेर से बाहर भागलपुर की ओर निकलने का प्रमुख मार्ग है। भागलपुर, बरियारपुर, जमुई, तारापुर तक जाने वाली बसें इसी मार्ग से होकर गुजरती हैं और आए दिन यहां दुर्घटनाएं होती रहती हैं। इस सड़क की दुर्दशा की गाथा कई बार विभिन्न समाचार-पत्रों में भी छप चुकी है और इसके पुनर्निर्माण के लिए कई बार नगर निगम को लिखा जा चुका है। इसके बावजूद इस महत्वपूर्ण सड़क के पुनर्निर्माण की तरफ से मुंगेर नगर निगम पूरी तरह से अपनी आंखें मूंदे हुए है।
गड्ढा खोदा और खुला छोड़ दिया :
लोगों ने कहा कि सड़क पर गैस कनेक्शन और सीवरेज कार्य के लिए खोदे गए गड्ढे खुले छोड़ दिए गए हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका हर पल बनी रहती है। सड़क पर ही सीवरेज लाइनें बिछाई गई हैं, जो सतह से ऊपर उठी हैं और वाहन या पैदल यात्रियों के लिए दुर्घटनाओं का कारक बन रहे हैं।लोग इस सड़क पर जान जोखिम में डालकर चलते हैं। हमें तो यही रहना है। हमारे बच्चे प्रतिदिन इस सड़क से होकर गुजरते हैं और हमेशा दुर्घटनाओं का भाय लगा रहता है। यही नहीं मुंगेर स्टेशन के बाहर ट्रेनों के आने-जाने के समय भारी संख्या में टोटो एवं ऑटो की भीड़ लग जाती है। इसके चलते न केवल यातायात बाधित होता है, बल्कि वाहन दुर्घटनाओं का डर भी बना रहता है।यही नहीं इस मोहल्ले में नालों की स्थिति भी चिंताजनक है। छोटे नालों का पानी बड़े नालों तक नहीं पहुंच पा रहा है। इसके चलते जलजमाव की समस्या विकराल होती जा रही है। सड़क किनारे करीब 15 एलईडी स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं, जिससे शाम होते ही मोहल्ले में अंधेरा फैल जाता है और छिनतई जैसी घटनाएं भी होती हैं।
सीसीटीवी कैमरे और रोशनी की नहीं है व्यवस्था :
उन्होंने बताया कि रिफ्यूजी कॉलोनी की करीब 300 घरों में आज भी नल- जल योजना का कनेक्शन नहीं मिल पाया है। मोहल्ले के जिस क्षेत्र में घरों में कनेक्शन हुआ भी है, उस क्षेत्र में कई जगह पाइप लीक हैं, जिससे सड़क पर ही पानी बहता रहता है। ऐसे में, यहां के बुजुर्ग और बच्चों को पानी भरने के लिए रेलवे स्टेशन के पास स्थित प्याऊ तक जाना पड़ता है। उनका कहना था की मोहल्ले में सफाई व्यवस्था तो लगभग ठीक है, पर सफाईकर्मियों की संख्या पर्याप्त नहीं है। वहीं, मोहल्ले में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से लचर है। पूरे क्षेत्र में कहीं भी सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हैं। जिन क्षेत्रों में स्थित लाइट नहीं है उन क्षेत्रों में शाम होते हैं या अंधेरा छा जाता है और अपराध अधिक घटनाएं जीवंत हो उठती हैं। मुंगेर स्टेशन परिसर के आसपास विशेष रूप से इसके दक्षिणी भागों प्राय अंधेरा ही रहता है और यह क्षेत्र सुनसान भी है। यहां न केवल नशे का व्यापार होता है, बल्कि अपराधिक घटनाएं भी होती रहती हैं।
समस्या दूर करने का हो प्रयास :
स्थानीय समाजसेवी हेमंत सिंह ने कहा कि, नगर निगम और संबंधित विभागों के बीच मिलीभगत से योजनाएं आधी-अधूरी चलती हैं। पहले नल जल, गैस और सीवरेज कार्य पूर्ण कराकर ही सड़क निर्माण हो, तो इस स्थिति से बचा जा सकता है। लेकिन, यह भी यथाशीघ्र हो। क्योंकि, मोहल्ले के निवासी वर्तमान स्थिति से तंग आ चुके हैं। लोगों ने बताया कि, इस कॉलोनी के दोनों ओर लगभग 200 दुकानें हैं और पूरे क्षेत्र में लगभग 30,000 लोग रहते हैं, जो किसी- न- किसी रूप में मोहल्ले से होकर प्रतिदिन गुजरते हैं और जिसमें से अधिकांश शिक्षित हैं। इसके बावजूद जब व्यवस्था इतनी बदहाल हो, तो यह प्रशासन की असफलता का स्पष्ट उदाहरण है। रिफ्यूजी कॉलोनी आज ऐसे मोड़ पर खड़ी है जहां नागरिक सुविधाएं नहीं, बल्कि समस्याएं उसके अस्तित्व की पहचान बनती जा रही हैं। ऐसे में, समय की मांग है कि, सरकार और प्रशासन इस ओर ध्यान दें तथा समुचित समाधान प्रदान करें, ताकि एक शिक्षित, सशक्त और जागरूक समाज को उसका वाजिब हक मिल सके।
शिकायत
1. मुंगेर स्टेशन से शास्त्री चौक तक की 1400 फीट लंबी एवं 21 फीट चौड़ी मोहल्ले एवं मुंगेर की प्रमुख सड़क पिछले 20 वर्षों से बदहाल स्थिति में है, जिससे दुर्घटनाएं आम हो गई हैं।
2. मोहल्ले के लगभग 300 घरों में अब तक नल-जल योजना के तहत पानी की सुविधा नहीं पहुंची है। जहां कनेक्शन हुआ भी है, वहां पाइप लीक हो रहे हैं।
3. छोटे नालों का पानी मुख्य नालों तक नहीं पहुंच पा रहा, जिससे जलजमाव की गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है।
4. कॉलोनी में लगभग 15 एलईडी स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। मोहल्ले में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं। इसके न होने से अंधेरे में अपराधों की संभावना बढ़ जाती है।
5. संबंधित विभागों के बीच समन्वय की कमी और मिलीभगत के चलते योजनाएं अधूरी रह जाती हैं, जिससे नागरिक सुविधाएं प्रभावित होती हैं।
सुझाव:
1. पहले गैस, सीवरेज और जल परियोजनाएं पूर्ण करके तत्पश्चात सड़क का समुचित और शीघ्र निर्माण कराया जाए।
2. पाइपलाइन की मरम्मत और बचे हुए घरों में शीघ्र कनेक्शन प्रदान किया जाए।
3. सभी नालियों की समय-समय पर सफाई और जल निकासी के लिए एकीकृत प्रणाली लागू की जाए।
4. खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट्स को तुरंत बदला जाए तथा सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं।
5. नगर निगम को नियमित जन संवाद एवं निगरानी समिति के माध्यम से जवाबदेह बनाया जाए ताकि योजनाएं समय पर और गुणवत्ता के साथ पूरी हों।
हमारी भी सुनें:
रिफ्यूजी कॉलोनी में पानी का कनेक्शन पूरी तरह से फेल हो चुका है। यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुकी है और पाइप लाइन में लिकेज के कारण प्रेशर भी बहुत कम है।
-भोला जी
मुंगेर में कुछ सड़कों का बार-बार निर्माण कराकर घोटाले किए जा रहे हैं, जबकि कई सड़कें 15 वर्षों से बदहाल हैं। रिफ्यूजी कॉलोनी की सड़क और नाली इस स्थिति का स्पष्ट उदाहरण हैं।
-संजय केशरी
मुंगेर रेलवे स्टेशन से मुर्गियां चौक तक की सड़क बेहद जर्जर हो चुकी है। यहां आए दिन वाहन पलटने की घटनाएं होती रहती हैं।
-गोल्डन
रिफ्यूजी कॉलोनी में करीब दो दर्जन स्ट्रीट लाइटें खराब हैं। रात में अंधेरे के कारण कई गलियों में असुरक्षा और आपराधिक घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
-गणेश
मुंगेर किला और मुख्य बाजार की कुछ सड़कों को छोड़कर शेष सभी सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। आए दिन इन पर हादसे होते हैं, जिससे आम लोगों को परेशानी होती है
-अर्जुन
रिफ्यूजी कॉलोनी से गुजरने वाली सड़क पर प्रतिदिन हजारों वाहन चलते हैं, फिर भी जिला प्रशासन का ध्यान नहीं है। यह सड़क मुंगेर की मुख्य सड़कों में से एक है।
-रवीश कुमार
रिफ्यूजी कॉलोनी और पूरब सराय की बड़ी आबादी खुदाई के कारण खराब हुई सड़कों से त्रस्त है। सीवरेज और पेयजल आपूर्ति की पाइपलाइन ने सड़क की दुर्दशा बढ़ा दी है।
-राजा हिन्दुस्तानी
आम राहगीरों के साथ-साथ मुंगेर आने वाले विदेशी मेहमानों को भी जर्जर सड़कों के कारण परेशानी होती है। जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं।
-सुदीप
सीवर लाइन और सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार का परिणाम सामने आने लगा है। हल्की बारिश में ही सड़कों पर जानलेवा गड्ढे बन जाते हैं।
-विक्की
इस सड़क पर हजारों लोग वर्षों से परेशान हैं। शाम होते ही खराब स्ट्रीट लाइट के कारण अंधेरा छा जाता है।
-गंगासागर
सड़क इतनी जर्जर हो चुकी है कि जगह-जगह बड़े गड्ढे बन गए हैं। आए दिन वाहन दुर्घटनाएं और ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रहती है।
-मुकुल
निगम की कार्यशैली ऐसी है मानो हम नगर निगम में नहीं बल्कि नरक निगम में रह रहे हों। एक तरफ नाले का निर्माण हुआ, तो दूसरी तरफ अधूरा छोड़ दिया गया, जिससे पानी सड़क पर जमा हो रहा है।
-एसके बाबू
निगम सिर्फ कमीशन के चक्कर में पैसे की बर्बादी कर रही है। पहले जल और गैस कनेक्शन पूरा कर फिर गुणवत्तापूर्ण सड़क व नाला निर्माण होना चाहिए।
-अमीत शर्मा
सड़क पर बड़े गड्ढों के कारण अब ग्राहक भी दुकान पर नहीं आते। जल जमाव हमेशा बना रहता है और नालों की व्यवस्था भी बिगड़ी हुई है।
-उमा
नाले का निर्माण दोनों ओर होना चाहिए था, लेकिन केवल एक तरफ आधा-अधूरा निर्माण हुआ है। दूसरी तरफ पुराने नालों को छोड़ दिया गया, जिससे जल जमाव बढ़ता जा रहा है।
-रेपा
वार्ड नंबर 15 की गलियों में हमेशा जल जमाव रहता है। स्कूल और ट्यूशन जाते समय साइकिल गड्ढों में गिर जाती है, जिससे कॉपी-किताबें भी खराब हो जाती हैं।
-अंकित कुमार
बोले समाजसेवी
सड़कों के बीच में और किनारों पर खोदे गए सीवर के गड्ढे जानलेवा हो सकते हैं। पानी भर जाने के कारण इनका अंदाजा लगाना भी आसान नहीं रहा। ऐसे में लोगों को हादसे का शिकार होना पड़ सकता है। सीवर लाइन की खुदाई करने के बाद जल निगम ने मानकों का पालन नहीं किया है। खुदाई के बाद गड्ढों को ठीक से बंद नहीं कराया गया है। ऐसे में कई जगह सीवर के गड्ढे खुले ही पड़े हैं तो कई अन्य जगहों पर इनमें मिट्टी भर दी गई है। मिट्टी को दबाव के साथ नहीं भरा गया है, जिससे वह पानी पड़ते ही नीचे बैठ जाएगी। और लोग यहां हादसे का शिकार होंगे। मुझे तो लगता है निगम प्रशासन मौत का इंतजार कर रहा है।
-हेमंत सिंह
बोलीं जिम्मेदार
रिफ्यूजी कॉलोनी की सड़क की टेंडर आरसीबी से हो चुकी है। कोणार्क मोड़ से लेकर अम्बे चौक होते हुए पूरब सराय तिनबटीया और मुंगेर रेलवे स्टेशन होते हुए रिफ्यूजी कॉलोनी एवं शास्त्री चौक तक जल्द निर्माण कार्य जल्द शुरू किया जाएगा। वहीं, जहां नल-जल का पानी नहीं जा रहा है, वहां से शिकायत आने पर उसे ठीक किया जा रहा है। जिस घर में जल नल का कनेक्शन नहीं पहुंचा है वहां नया कनेक्शन देने का काम सरकार की अनुमति की प्रत्याशा में रुका हुआ है। अनुमति मिलते ही कनेक्शन दे दिया जाएगा। सीवरेज संबंधी शिकायत भी शीघ्र ही दूर कर दी जाएगी।
-कुमकुम देवी, मेयर, मुंगेर
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