बोले मुंगेर : खराब रोड पर पलटते हैं वाहन, 50 स्ट्रीट लाइटें काम की नहीं
आजादी के 76 वर्षों बाद भी जमालपुर के छोटी केशोपुर के निवासी पानी, सड़क, बिजली और सफाई जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। नगर परिषद का गठन तीन साल पहले हुआ, लेकिन समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं।...
आजादी के 76 वर्षों बाद भी यदि किसी क्षेत्र में पानी, सड़क, बिजली और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाएं नदारद हों, तो यह विकास की विफलता का जीवंत उदाहरण बन जाता है। मुंगेर जिला के अंतर्गत आने वाले जमालपुर के छोटी केशोपुर के निवासी आज भी इसी विडंबना को अपने अस्तित्व में जी रहे हैं। तीन वर्षों पूर्व नगर परिषद का गठन हुआ, उम्मीदें जगीं, पर जमीनी सच्चाई यह है कि यहां के लोग अब भी बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्षरत हैं। हिन्दुस्तान के साथ संवाद के दौरान जमालपुर केशोपुर के निवासियों ने अपनी परेशानी बताई साथ ही नगर प्रशासन से इसके निदान की भी मांग की।
15 हजार आबादी है छोटी केशोपुर मोहल्ला की
05 हजार मतदाता हैं जमालपुर के केशोपुर में
06 सौ घरों में नहीं पहुंचा है नल का पानी
08 सौ घरों में पानी का कोई साधन नहीं है मौजूद
संवाद के दौरान लोगों ने बताया कि जमालपुर के छोटी केशोपुर की कुल आबादी लगभग 15,000 है, जिनमें से 5,000 लोग मतदाता हैं। इसके बावजूद यहां की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है। यहां के लोगों ने अपनी समस्याओं के निदान के लिए वोट बहिष्कार जैसा कदम भी उठाया, लेकिन नतीजा अभी तक कुछ नहीं आया है। उन्होंने बताया कि, यहां लगभग 600 से अधिक घरों में अब तक जल-नल योजना का कनेक्शन नहीं पहुंचा है। वहीं, लगभग 800 घरों में जल आपूर्ति का कोई साधन नहीं है। उन्होंने कहा कि, जो घर जल-नल योजना से जुड़े भी हैं, वहां या तो पानी नहीं आता है या पाइप लीक हैं, जिनकी शिकायत के बावजूद मरम्मत तक नहीं कराई जा रही है। जिन घरों में पानी का कोई साधन नहीं है उन घरों के लोगों को शिव साईं धाम के पास स्थित पीआईयू से सुबह-शाम पानी भरने के लिए जाना पड़ता है। इसके चलते ऐसे परिवारों के बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को भारी परेशानी होती है। लोगों ने बताया कि, मोहल्ले के एक भाग में जल मीनार है भी इससे सभी घरों में पानी नहीं पहुंचता है। ऐसे में मोहल्ले के इस क्षेत्र में भी पानी की किल्लत बनी हुई है, जो प्रशासनिक उदासीनता को उजागर करता है।
स्ट्रीट लाइटें खराब, शाम होते ही अंधेरा :
केशोपुर के लोगों का कहना था कि यहां की बिजली व्यवस्था भी चरमराई हुई है। लगभग 50 स्ट्रीट लाइटें पहले से खराब पड़ी हुई हैं और नए लगाए गए खंभों पर एक भी लाइट नहीं लगाई गई है। ऐसे में, शाम ढलते ही पूरा इलाका अंधेरे में डूब जाता है और चोरी, छिनतई जैसी आपराधिक घटनाएं बढ़ जाती हैं। इन अपराधिक घटनाओं की निगरानी के लिए कोई सुरक्षा व्यवस्था नहीं है। मोहल्ले में पुलिस प्रशासन की ओर से कहीं सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है। पुलिस प्रशासन किसी भी मामले में केवल खानापूर्ति करके रह जाता है।
टूटी हैं सड़कें, पलटता है ई-रिक्शा :
लोगों ने कहा कि छोटी केशोपुर से गुजरने वाली सड़कें भी पूरी तरह से टूट चुकी हैं। विशेष रूप से 6 नंबर गेट से धरहरा रोड तक जाने वाली सड़क की स्थिति अत्यंत ही दयनीय है। यहां आए दिन ई-रिक्शा के पलटने की घटनाएं हो रही हैं। इसके साथ ही मोहल्ले में सफाई व्यवस्था भी लगभग नदारत है। यहां के बड़े नाले की सफाई लंबे समय से नहीं हुई है। इसके चलते इस मोहल्ले का पानी बाहर नहीं निकल पाता है। ऐसे में, विशेष रूप से बरसात में यहां बार-बार जलजमाव की स्थिति उत्पन्न होती है। इसके अलावा मोहल्ले की सड़कों एवं कई गलियों में अतिक्रमण अब आम बात हो गई है। इसके चलते ऐसी गलियों एवं सड़कों में आवागमन बाधित होता है, इसे कोई देखने वाला नहीं है। लोगों ने कहा कि वार्ड प्रतिनिधि द्वारा कई बार आवेदन देने के बावजूद नगर परिषद की ओर से नाला सफाई तथा अतिक्रमण हटाने को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
कूड़ा उठाव के लिए 300, पानी के लिए 500 की वसूली :
लोगों ने कहा कि कूड़ा उठाव के नाम पर नगर परिषद द्वारा प्रति घर 300 रुपए अतिरिक्त वसूले जा रहे हैं, जबकि इसका टैक्स पहले से ही वसूला जा रहा था। वहीं, पानी के नाम पर भी 500 रुपये वसूले जाने की चर्चा है, जो आमजन के आर्थिक बोझ को और बढ़ाएगा। वह भी तब, जब लोगों के घरों तक पानी पहुंच ही नहीं रहा है। छोटी केशोपुर के लोग प्यास, अंधकार, गंदगी और बदहाल सड़कों के बीच अपनी जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं। यहां के नागरिकों ने वोट बहिष्कार जैसा कदम भी उठाया, पर हालात नहीं बदले। यह प्रशासन के लिए एक चेतावनी है कि अगर अब भी सुधार नहीं हुआ, तो जनता का विश्वास पूरी तरह टूट जाएगा।
शिकायत
1. छोटी केशोपुर में नल-जल योजना के तहत सैकड़ों घरों में अब तक कनेक्शन नहीं हुआ है; जहां कनेक्शन है वहां पानी नहीं आता या पाइप लीक हैं।
2. मोहल्ले में लगभग 50 स्ट्रीट लाइटें खराब पड़ी हैं और नए खंभों पर लाइट नहीं लगाई गई है, जिससे शाम होते ही क्षेत्र अंधकार में डूब जाता है।
3. मोहल्ले में खराब सड़कें और जाम की समस्या लंबे समय से है। विशेष रूप से 6 नंबर गेट से धरहरा रोड तक की सड़क अत्यंत जर्जर है; ई-रिक्शा और अन्य वाहन आए दिन पलटते रहते हैं।
4. मोहल्ले में नालों की नियमित सफाई नहीं होती, जिससे बरसात में जलजमाव हो जाता है।
5. कूड़ा उठाव के नाम पर अगर परिषद् द्वारा प्रति घर 300 रुपये अतिरिक्त टैक्स वसूला जा रहा है; साथ ही पानी के लिए भी जबरन राशि वसूले जाने की चर्चा है।
सुझाव:
1. नल-जल योजना की समीक्षा कर बचे हुए घरों में शीघ्र कनेक्शन दिए जाएं; लीक पाइपों की मरम्मत की जाए और जलमीनार को समुचित रूप से सक्रिय किया जाए।
2. मोहल्ले की सभी खराब लाइटों की मरम्मत की जाए तथा नए खंभों पर लाइट लगाए जाएं, ताकि रात में सुरक्षा बनी रहे।
3. धरररा रोड सहित मुख्य सड़कों को प्राथमिकता देते हुए पक्की सड़क निर्माण कर ट्रैफिक जाम की समस्या कम की जाए।
4. नालों की समय-समय पर सफाई कराई जाए और कचरा प्रबंधन की व्यवस्था मजबूत की जाए; अतिक्रमण हटाने की भी कार्रवाई हो।
5. बिना जन सहमति और उचित अधिसूचना के कोई अतिरिक्त टैक्स न वसूला जाए और पूर्व टैक्स व्यवस्था की पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
हमारी भी सुनें:
नल-जल योजना के तहत नियमित जलापूर्ति नहीं होती है। इसके कारण इस भीषण गर्मी में लोगों के लिए पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है।
-किशोर कुमार
ताड़गाछ काली स्थान के सामने गली में एक दर्जन से अधिक परिवार रहते हैं, जहां आजादी के बाद से अब तक न तो सड़क बनी है, न नल-जल योजना पहुंची है। यहां स्ट्रीट लाइट की भी व्यवस्था नहीं हुई है।
-सुमन देवी
मोहल्ले में करीब दर्जनों स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, जिससे रात के समय कई गलियों में अंधेरा रहता है। लेकिन, वार्ड प्रतिनिधि के अनुसार नगर परिषद इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
-राकेश कुमार
करीब दो दशक से जमालपुर-धरहरा मुख्य मार्ग की सड़क जर्जर स्थिति में है। इसपर आए दिन जाम लगता है और रोजाना एक-दो सड़क हादसे होते रहते हैं।
-नीतीश
मोहल्ला से होकर गुजरने वाले रेलवे के बड़े नाले की न तो रेलवे और न ही नगर परिषद द्वारा सफाई की जाती है। ऐसे में, बरसात में नाले का गंदा पानी गलियों से होकर घरों तक पहुंच जाता है।
-पुष्पा देवी
मोहल्ला में नगर परिषद द्वारा लगाए गए चार चापानल में से किसी में से भी एक बूंद पानी नहीं निकलता है। यहां पानी की स्थिति भयावह बनी हुई है।
-मंटू मंडल
धरहरा मुख्य मार्ग पर करीब 150 घरों को अब तक नल-जल योजना से जोड़ा नहीं गया है। यहां चापानल भी नहीं है, जिससे पानी की भारी किल्लत है।
-सीता देवी
मोहल्ला में नगर परिषद द्वारा लगाए गए सभी चापानल खराब हैं। हमारे पास पानी के अन्य कोई साधन नहीं है। ऐसे में हम लोगों को लगभग आधा किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है।
-सोनी देवी
नगर परिषद की गैरमजरूआ जमीन पर बने मैदान को कांग्रेस के पूर्व एमएलसी ने पिछले 10 वर्षों से अवैध रूप से कब्जा कर घेर लिया है। इसे कोई देखने वाला नहीं है।
-रंजू कुमारी
यहां लगाए गए करीब आधा दर्जन चापानल खराब हैं। हमें योजना का पानी भी नहीं मिलता है। हम महिलाओं को रोजमर्रा के लिए दूर से पानी ढोकर लाना पड़ता है।
-पूनम देवी
हम लोग नगर परिषद को नियमित टैक्स देते हैं, फिर भी नल-जल योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। इसके अलावा हमें बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित रखा गया है।
-रीना देवी
नगर परिषद की जमीन का अतिक्रमण कर पर दर्जनों मकान बनाए गए हैं। इसके कारण जिससे रास्ता संकरा हो गया है और आवागमन में भारी परेशानी होती है।
-वर्षा देवी
मोहल्ले में लगभग 600 घरों में नल-जल योजना का कनेक्शन नहीं पहुंचा है। यहां सबमरसिबल भी नहीं है। जिससे हमें आधा किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता है।
-गायत्री देवी
मोहल्ले में बिजली, पानी और सड़क की गंभीर समस्या है। नल-जल योजना का कार्य अधूरा है। लोग अब तक शुद्ध पेयजल के लिए तरस रहे हैं।
-सुलोचना देवी
नगर परिषद टैक्स तो वसूलता है, लेकिन सुविधा नहीं दे रहा है, यदि पानी की आपूर्ति नहीं हुई तो हम लोग धरहरा-मुंगेर मुख्य मार्ग को जाम कर देंगे।
-निशा देवी
मोहल्ले में कांग्रेस की पूर्व एमएलसी द्वारा नगर परिषद की जमीन पर अवैध कब्जा कर घेराबंदी कर दी गई है। इसका एमएलसी द्वारा अब व्यावसायिक रूप से उपयोग किया जा रहा है। लेकिन, इसे कोई नहीं देखने वाला है।
-राकेश कुशवाहा
बोले प्रतिनिधि:
यहां की समस्याओं से नगर परिषद को अवगत कराया गया है और उसे दूर करने के लिए प्रस्ताव भी दिया गया है। लेकिन अभी तक यहां की समस्याओं को दूर करने के लिए कोई प्रयास नहीं किया गया है। मोहल्ले में एक घर के निकट नगर परिषद द्वारा नल-जल योजना का पाइप नाला में डाल दिया गया है। इसके कारण नाला से निकलने वाला गंदा पानी अवरुद्ध हो गया है और कई घरों से निकलने वाला गंदा पानी पूरी तरह से बाधित हो गया है। अतिक्रमण की समस्याओं को लेकर नगर परिषद को शिकायत करने के बावजूद अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।
-दिलीप तांती, वार्ड प्रतिनिधि
बोले जिम्मेदार
जो भी घर नल-जल योजना में छूटे हुए हैं, उसे जोड़ने के लिए प्रपोजल को तैयार कर लिया गया है। सरकार से मंजूरी मिलते ही बचे घरों में नल-जल योजना के कार्य को पूरा कर लिया जाएगा। अभी और तीन जलमीनार बने हैं। जहां तक साफ-सफाई की बात है तो यह अभी हो ही रहा है। बड़े नाले की सफाई का काम अभी चल रहा है। जहां तक बिजली के खंभे पर लगे एलईडी लगाने एवं खराब लाइटों की समस्या की बात है, खराब लाइटों को जल्द ही दिखवा कर दुरुस्त कर दिया जाएगा। फिर नई लाइटें भी लगाई जाएंगी।
-विजय शील गौतम, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर परिषद, जमालपुर
बोले मुंगेर असर
आदर्श ग्राम टीकारामपुर में दूर हुई पानी की समस्या
हिन्दुस्तान में बोले मुंगेर अभियान के तहत बीते 30 अप्रैल को महोली पंचायत के आदर्श ग्राम टीकारामपुर में पानी की समस्या एवं नल जल योजना की खराब स्थिति के संबंध में छपी खबर का असर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग पर हुआ। खबर छपने के चंद दिन बाद ही खबर पर संज्ञान लेते हुए विभाग के कार्यपालक अभियंता अभिषेक रंजन ने समस्या का समाधान करा दिया। ज्ञात हो कि आदर्श ग्राम टीकारामपुर के दोनों वार्डों में पिछले लगभग 5 महीनों से नल-जल योजना का पंप खराब पड़ा था। वार्ड नंबर- 8 के पंप का तो पीएचईडी विभाग के लोगों ने पाइप भी निकाल कर बाहर खड़ा कर दिया था, जो काफी समय से यूं ही पड़ा हुआ है। इसकी सूचना संबंधित विभाग को कई बार दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। बोले मुंगेर में लोगों की इस समस्या को प्रकाशित करने के बाद समस्या का समाधान हो गया। इसे लेकर टीकारामपुर के लोगों ने विभाग और हिन्दुस्तान के बोले मुंगेर मुहिम का आभार जताया है।
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