बोले सहरसा : अतिक्रमण की वजह से लगता है जाम, फंसते हैं स्कूली वाहन
सिमरी बख्तियारपुर का मुख्य बाजार, जो कभी व्यापार का केंद्र था, अब सुविधाओं की कमी से जूझ रहा है। यहां शौचालय, पानी और प्रकाश की व्यवस्था नहीं है। सड़कें जर्जर हो गई हैं और जल निकासी की व्यवस्था भी ठीक...
नगर परिषद सिमरी बख्तियारपुर का मुख्य बाजार, जो कभी कोसी अंचल का व्यापारिक केंद्र हुआ करता था, आज बदहाली की मार झेल रहा है। इतिहास के पन्नों में दर्ज यह बाजार आज सुविधाओं के अभाव से ग्रस्त है। यह बाजार अंग्रेजी हुकूमत के दौर में विकसित हुआ। वर्ष 1889 में जब यहां रेलवे स्टेशन की स्थापना हुई, तब से ही बाजार ने आकार लेना शुरू किया। शुरुआत में यह इलाका सुनसान और जंगल से घिरा हुआ था। परंतु “हटिया गाछी” के नाम से प्रसिद्ध क्षेत्र में साप्ताहिक हाट लगने लगी और धीरे-धीरे स्थायी बाजार विकसित हो गया। हिन्दुस्तान के साथ संवाद में बाजारवासियों ने अपनी समस्याएं साझा कीं।
18 सौ 89 ईस्वी से ही सिमरी बख्तियारपुर में चल रहा मुख्य बाजार
40 वर्षों से यहां दुकान चलाने वालों ने भी कहा अभी तक नहीं सुधरी व्यवस्था
02 सौ से अधिक दुकान व प्रतिष्ठान हैं सिमरी मुख्य बाजार में
सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद का मुख्य बाजार है। एक समय था जब यह बाजार सहरसा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के व्यापारियों के लिए प्रमुख खरीद केंद्र था। यहां अनाज, तेल, दाल, किराना, वस्त्र, लोहे और प्लास्टिक सामग्रियों की थोक मंडी सजती थी। स्टेशन पर माल गोदाम और पार्सल कार्यालय की मौजूदगी इसका प्रमाण है कि यह बाजार कितना सक्रिय और समृद्ध था। लेकिन आधुनिकता की आहट में भी यह मुख्य बाजार बुनियादी सुविधाओं का संकट झेल रहा है।
वर्तमान समय में सिमरी बख्तियारपुर बाजार में मॉल जैसे स्टोर, खुदरा दुकानों की भरमार है। इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल स्टोर्स की चकाचौंध दिखाई देती है। बैंकिंग सुविधाएं भी पर्याप्त हैं। बावजूद इसके, यह बाजार बुनियादी सुविधाओं से आज भी वंचित है। न तो शौचालय की सुविधा है, न ही पीने के पानी की। सार्वजनिक प्रकाश व्यवस्था भी नाममात्र की है, जिससे शाम ढलते ही बाजार की कई गलियां अंधेरे में डूब जाती हैं। पूर्व में नगर परिषद द्वारा एलईडी लाइट लगाई गई थी। जिसमें कुछ तो जलती है लेकिन अधिकांश खराब हो गई है। इस कारण रात में अंधेरा रहता है। सड़कें बदहाल हैं। हर बारिश में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है। स्टेशन चौक से लेकर डाकबंगला चौराहा तक की मुख्य सड़कें जर्जर हो चुकी हैं। जगह-जगह सोलिंग ईंट दिखाई देने लगी है। और सड़कों की पिचिंग उखड़ चुकी है। बारिश के मौसम में ये सड़कें कीचड़ में तब्दील हो जाती हैं, जिससे राहगीरों और पैदल चलने में भी परेशानी होती है। पहले स्टेशन चौक से शर्मा चौक तक सड़क एवं नाला निर्माण किया गया था। लेकिन अब सड़क की स्थिति दयनीय है। नाले हैं, पर जल निकासी सुविधा नहीं है। लोग परेशान हैं।
नाला का हुआ निर्माण पर जलनिकासी की व्यवस्था नहीं
बाजार के दोनों ओर नालों का निर्माण तो हुआ है, लेकिन जल निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। घरों और दुकानों का गंदा पानी नालों में जमा हो जाता है, जिससे गंध और बीमारियों का खतरा बना रहता है। बरसात में नालों का पानी सड़कों पर बहने लगता है और बाजार जलजमाव से जूझता है। वही मुख्य बाजार अतिक्रमण के कारण चौपट हो रही है बाजार की व्यवस्था एवं जाम भी लगा रहता है। बाजार में जगह-जगह फेरीवालों और अस्थायी दुकानों द्वारा अतिक्रमण कर लिया गया है। फुटपाथ और सड़कें भी दुकानों में तब्दील हो गई हैं, जिससे यातायात व्यवस्था चरमराई हुई है।
वेंडिंग जोन निर्धारित नहीं किए जाने से समस्या
नगर परिषद द्वारा वेडिंग जोन निर्धारित नहीं किए जाने से यह समस्या और विकराल होती जा रही है। स्थानीय व्यापारियों और आम लोगों का कहना है कि नगर परिषद द्वारा मुख्य बाजार के विकास के लिए कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई। लोग चाहते हैं कि बाजार को व्यवस्थित करने के लिए एक मास्टर प्लान बनाया जाए, जिसमें सड़क चौड़ीकरण, अतिक्रमण, नाले की सफाई, शौचालय, पेयजल, प्रकाश और ट्रैफिक नियंत्रण जैसी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाए।
शिकायत
1. बाजार में शौचालय, मूत्रालय, साफ पीने के पानी, सीसीटीवी कैमरे की है घोर कमी।
2. नालों की सफाई नहीं होने से जल निकासी बाधित है।
3. पार्किंग की व्यवस्था नहीं होने से यातायात बाधित होता है ।
4. स्ट्रीट लाइट की कमी और सुरक्षा का अभाव है।
सुझाव
1. नगर परिषद को चाहिए कि बाजार के लिए एक समन्वित मास्टर प्लान तैयार करे ।
2. अतिक्रमण हटाने के साथ वैकल्पिक व्यवस्था की जाए।
3. बाजार में स्थायी पार्किंग और बस स्टॉप का निर्माण हो।
4. बाजार में सार्वजनिक शौचालय, मूत्रालय, पेयजल व्यवस्था हो।
हमारी भी सुनें
मुख्य बाजार में एक भी शौचालय नहीं रहने महिला ग्राहकों को परेशानी झेलनी पड़ती है। सार्वजनिक पेयजल सुविधा भी नहीं है। -कीर्ति कुमारी
कभी यह बाजार थोक व्यापार का केंद्र था, अब खुदरा तक सीमित रह गया है। बुनियादी सुविधाओं का अभाव है।
-शक्ति नंदन भारती
सिमरी बख्तियारपुर के मुख्य बाजार में जाम की स्थिति रहती है। सड़कों का अतिक्रमण किए जाने से सड़क सिकुड़ गई है।
-मनोज कुमार
बाजार में यातायात की स्थिति अत्यंत अव्यवस्थित है। बच्चों और महिलाओं के लिए बाजार सुरक्षित नहीं है। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चों के सामने परेशानी रहतीहै। -सुमित गुप्ता
हम 20 वर्षों से दुकान चला रहे हैं। पहले जैसा व्यापार अब नहीं रहा। सड़क और जाम की हालत इतनी खराब है कि ग्राहक आकर लौट जाते हैं। -चंद्र मुकेश ललन
मुख्य बाजार में नाला बनाया गया था। लेकिन निकासी की व्यवस्था नहीं रहने से बरसात का पानी दुकान व सड़क पर जमा रहता है। -संतोष भगत
सिमरी बख्तियारपुर मुख्य बाजार ऐतिहासिक बाजार है। इस बाजार को सजाने संवारने की आवश्यकता है।
-पंचानंद साह
इस बाजार में ग्राहक खरीदारी करने आते हैं। लेकिन बाजार में शौचालय और पीने के पानी की कोई सुविधा नहीं है। महिलाओं के लिए यह बाजार असुविधाजनक होता जा रहा है। -संजीव गुप्ता
यह बाजार कोसी अंचल की पहचान है। प्रशासन की उदासीनता इसे बर्बादी की ओर ले जा रही है। मुद्दा उठाया जाता है। फिर भी कुछ नहीं हो रहा। -रितु कुमार
नगर परिषद बना लेकिन मुख्य बाजार को सुविधा नहीं मिली। हाट के दिनों में जाम लगा रहता है। जिससे आए दिन परेशानी होती है
-विक्की कुमार
मुख्य बाजार की सड़कें उखड़ गई है। नाला के पानी के निकासी का साधन नहीं रहने से गंदा पानी नाला में ही जमा रहता है।
-राणा सिंह
सिमरी बख्तियारपुर मुख्य बाजार में रात में प्रकाश की व्यवस्था नहीं है। कई पोल पर छिटपुट स्ट्रीट लाइट लगाई गई थी। जिसमें अधिकांश खराब हो गई है। -नवीन कुमार
ग्राहक बाइक लेकर आते हैं, पार्किंग नहीं होने से सड़कों पर खड़ा करते हैं। जिस कार बाजार में ट्रैफिक जाम हो जाता है।
-विक्रम सोनी
मुख्य बाजार को व्यवस्थित एवं सौंदर्यीकरण करने की आवश्यकता है। ताकि पेयजल, शौचालय का निर्माण किया जाएं। -सोनू गुप्ता
मुख्य बाजार पूर्व में समृद्ध था। कपड़े खरीदने सहरसा से यहां आते थे। लेकिन बाजार में सुविधाएं नहीं रहने से व्यापार पर असर पड़ा है। -अरुण केशरी
सिमरी बख्तियारपुर मुख्य बाजार बहुत ही पुराना बाजार है। बाजार तो बड़ा है लेकिन सुविधाओं का अभाव है। शौचालय पेयजल की व्यवस्था यहां नहीं है।
-चंद्रशेखर सिंह
बोले जिम्मेदार
सिमरी बख्तियारपुर मुख्य बाजार की समस्याएं हमारे संज्ञान में हैं। सड़क, जल निकासी, शौचालय, पार्किंग और प्रकाश व्यवस्था जैसे बिंदुओं पर कार्य योजना तैयार की जाएगी। अतिक्रमण हटाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर अभियान चलाने जाएगी। पार्किंग के लिए जगह चिन्हित किया जाएगा।
-रामविलास दास, कार्यपालक पदाधिकारी, सिमरी बख्तियारपुर नगर परिषद
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