उद्यमी योजना: कर्ज न चुकाने वाले 32 लाभार्थियों पर शिकंजा, नीलामवाद दायर
उद्यमी योजना: कर्ज न चुकाने वाले 32 लाभार्थियों पर शिकंजा, नीलामवाद दायरउद्यमी योजना: कर्ज न चुकाने वाले 32 लाभार्थियों पर शिकंजा, नीलामवाद दायरउद्यमी योजना: कर्ज न चुकाने वाले 32 लाभार्थियों पर...

हिन्दुस्तान एक्सक्लूसिव : उद्यमी योजना: कर्ज न चुकाने वाले 32 लाभार्थियों पर शिकंजा, नीलामवाद दायर साल 2018-19 में उद्योग लगाने के लिए मिला था 10-10 लाख नोटिस के बाद भी नहीं जमा की एक भी किस्त की राशि तो कार्रवाई कई अन्य लाभार्थी भी उद्योग विभाग के रडार पर, गिर सकती है गाज फोटो उद्योग : जिला उद्योग विभाग का कार्यालय। बिहारशरीफ, कार्यालय प्रतिनिधि। युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना चलायी जा रही है। चयनित प्रत्येक लाभुक को 10 लाख की आर्थिक मदद दी जाती है। 50 फीसद अनुदान तो शेष 50 फीसद राशि कर्ज के रूप में मिलती है। शर्त यह कि उद्योग लगाने के बाद 84 किस्तों में कर्ज को लौटानी होती है। लेकिन, जिले के 32 ऐसे लाभार्थियों को चिह्नित किया गया है, जो कर्ज लेने के बाद अबतक एक भी किस्त की राशि जमा नहीं की गयी। ऐसे लाभुकों पर जिला उद्योग विभाग द्वारा अब कार्रवाई का शिकंजा कस दिया गया है। इन सभी के विरुद्ध नीलामवाद दायर किया गया है। कार्रवाई की जद में 10 प्रखंडों के लाभार्थी आये हैं। सबसे अधिक नूरसराय के छह, अस्थावां के पांच, बिहारशरीफ के चार तो सिलाव के तीन लाभुकों के विरुद्ध नीलामवाद दायर किया गया है। जबकि, बिंद, हरनौत, रहुई, इस्लामपुर, एकंगरसराय व गिरियक के दो-दो लाभार्थी हैं। इन सभी को उद्योग लगाने के लिए साल 2018-19 में उद्योग विभाग द्वारा आर्थिक मदद दी गयी थी। विडंबना यह कि राशि लेने के बाद अबतक एक भी किस्त की राशि विभाग को नहीं लौटायी है। जबकि, एक नहीं, कई बार इनसबों को कर्ज की राशि लौटाने के लिए नोटिस भेजा गया था। विभाग का मानना है कि कर्ज की राशि नहीं लौटाने के कारण योजना को संचालित करने में दिक्कत आ रही है। यही कारण है कि अब राशि वसूली के लिए विभाग ने कड़ा कदम उठाया है। तो हो सकती है कुर्की की कार्रवाई भी: नीलामवाद दायर होने के बाद भी अगर कर्ज की राशि नहीं लौटाते हैं तो डिफॉल्टर लाभार्थियों के विरुद्ध कुर्की व बॉडी वारंट जारी हो सकता है। संपत्ति को जब्त कर कर्ज की राशि की वसूली की जा सकती है। इतना ही नहीं उद्योग के साथ अन्य विभागों द्वारा चलायी जा रहीं योजनाओं के लाभ से भी वंचित होना पड़ सकता है। 20 और लाभार्थियों पर कार्रवाई जल्द : जिला उद्योग विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजर सचिन कुमार बताते हैं कि उद्योग लगाने के लिए 10 लाख लेने के बाद अबतक एक भी किस्त की राशि न लौटाने वाले जिले के करीब 20 और लाभुकों को चिह्नित किया गया है। ऐसे लाभुकों को कई बार नोटिस भेजा गया है। बावजूद, राशि लौटाने में रुचि नहीं ले रहे हैं। जल्द ही इन सभी के विरुद्ध भी नीलामवाद दायर किया जाएगा। क्या है राशि लौटाने का नियम: चयनित लाभुक को उद्योग लगाने के लिए तीन किस्तों में अधिकतम 10 लाख की आर्थिद मदद दी जाती है। पहली किस्त में 25 फीसदी (2.50 लाख ), दूसरी किस्त में 50 फीसदी (पांच लाख) और तीसरी किस्त में 25 फीसदी (2.50 लाख) मिलती है। इसपर 50 फीसदी का यानी पांच लाख रुपया सरकार द्वारा अनुदान दिया जाता है। शेष पांच लाख लोन दिया जाता है। शर्त यह कि ऋण को उद्योग लगाने के एक वर्ष बाद 84 किस्तों यानी सात साल में विभाग को लौटाना होता है। क्या कहते हैं अधिकारी: नोटिस भेजने के बाद भी 32 लाभुकों द्वारा एक भी किस्त की राशि जमा नहीं की गयी है। ऐसे लाभार्थियों के खिलाफ नीलामवाद दायर किया गया है। इसके बाद भी राशि लौटाने में रुचि नहीं लेते हैं तो कुर्की-जब्ती की कार्रवाई हो सकती है। कार्रवाई से बचना चाहते हैं तो अब भी मौका है, लोन की राशि जल्द से जल्द जमा कर दें। विशेश्वर प्रसाद, महाप्रबंधक, उद्योग विभाग इनके विरुद्ध नीलमवाद दायर: 1. अस्थावां : अजीत कुमार पासवान, विनोद पासवान, राकेश कुमार, आदित्या सौरभ,सार्जन कुमार, उजाला कुमारी 2. हरनौत : जयपाल कुमार, रिंकी कुमारी 3. रहुई : राजेश पासवान, कविता कुमारी, आकाश कुमार 4. बिंद : रामाकांत कुमार, पप्पु पासवान 5. सिलाव : अखिलेश कुमार, पप्पु कुमार, रानी कुमारी 6. इस्लामपुर : विकेश कुमार, शंकर कुमार चौधरी 7. नूरसराय : सूरज कुमार, संजय कुमार, कलेन्द्र पासवान, सुरेश पासवान, सोमराज पासवान, न्यासा सावंत 8. गिरियक : संतोष पासवान, श्रवण कुमार 9. एकंगरसराय : निरंजन कुमार, सन्नी कुमार 10. बिहारशरीफ : विशाल कुमार, निशा कुमारी, पप्पु कुमार, सुमंत कुमार
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