सांसद व विधायकों ने कहा-शिक्षा से ही समाज व देश का विकास संभव
सांसद व विधायकों ने कहा-शिक्षा से ही समाज व देश का विकास संभवसांसद व विधायकों ने कहा-शिक्षा से ही समाज व देश का विकास संभवसांसद व विधायकों ने कहा-शिक्षा से ही समाज व देश का विकास संभवसांसद व विधायकों...

गौरव से गर्दिश तक : सांसद व विधायकों ने कहा-शिक्षा से ही समाज व देश का विकास संभव विद्यालयों को किया जा रहा हाईटेक, अन्य कमियों को किया जाएगा दुरुस्त सबों ने एकमत से कहा-लौटना चाहिए विद्यालयों का गौरव फोटो : रहुई हाई स्कूल : रहुई हाई स्कूल। बिहारशरीफ, हिन्दुस्तान संवाददाता। सांसद व विधायकों ने कहा कि शिक्षा से ही समाज व देश का विकास संभव है। हम शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए लगातार प्रयासरत हैं। इसके लिए कई बार विधायक मद से भी स्कूलों को आर्थिक मदद दी जाएगी है। वहीं सरकारी स्तर पर भी विद्यालयों को हाईटेक किया जा रहा है। हम अन्य कमियों को दुरुस्त करने का प्रयास कर रहे हैं। गौरव से गर्दिश तक शृंख्ला में आपके अपने दैनिक हिन्दुस्तान ने रहुई, हरनौत, बिहारशरीफ, बिंद, अस्थावां, हिुसा, राजगीर समेत कई प्रखंडों के नामी गिरामी स्कूलों की मौजूदा स्थिति को पेश किया है। इस बारे में सभी प्रतिनिधियों ने एकमत से कहा कि इन विद्यालयों का गौरव लौटना चाहिए। सांसद कौशलेंद्र कुमार ने बताया कि दो दशक पहले तक स्कूलों में स्मार्ट क्लास नहीं थी। आज सभी हाई स्कूलों में स्मार्ट क्लास चल रहे हैं। इससे बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाया जाता है। कुछ कमियां हैं, उसे दुरुस्त करवाने का प्रयास किया जाएगा। रहुई हाईस्कूल का करेंगे विकास : सांसद : कभी सुसज्जित खपरैल कमरे से व्यवस्थित रहुई हाई स्कूल आज बदहाल हालत में हैं। हाईस्कूल के सभी पुराने कमरे ध्वस्त हो गए। इस विद्यालय में नौवीं से बारहवीं तक 965 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। लेकिन, हाईस्कूल का भवन नहीं होने से प्ल्स-टू विद्यालय के महज छह कमरे में हाईस्कूल व इंटर तक की पढ़ाई करायी जा रही है। सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने बताया कि हाई स्कूल का भवन निर्माण कराने के लिए शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर भवन बनवाने का प्रयास किया जाएगा। सांसद मद से भी विद्यालय का विकास कराया जाएगा। अंडवस अबुल कलाम आजाद हाईस्कूल की बदलेगी तस्वीर : मंत्री: ग्रामीणों व बुद्धिजीवियों ने वर्ष 1962 में विद्यालय स्थापित करायी थी। अंडवस गांव के बुद्धिजीवी व समाजसेवी डॉ. गौहर अली, अब्दुल मतीन, शर्दूद तौहीन, मुन्नु खां, डॉ. मकसूद हक, कमरु मलिक व अन्य ने भूमि दान की। आपसी सहयोग से मिट्टी (कच्चा गारा) व ईंट के चार बड़े-बड़े खपरैल कमरों का निर्माण कराया गया। इस विद्यालय में पढ़ाई कर विद्यार्थी आईएएस व आईपीएस तक बनकर देश की सेवा की। वर्तमान हालात यह है कि इस विद्यालय में महज 10 कमरे हैं। हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में 995 विद्यार्थी पढ़ाई करते हैं। महज दस कमरे में ही प्रयोगशाला, पुस्तकालय, आईसीटी लैब, स्मार्ट क्लास व कार्यालय भी चल रहा है। विद्यालय में वर्ग कक्ष की कमी की वजह से स्कूल प्रशासन को विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना चुनौती बना हुआ है। विद्यालय पीएमश्री में शामिल होने से विद्यालय की तकदीर व तस्वीर बदलने की उम्मीद जगी है। स्थानीय विधायक सह ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने बताया कि सरकार शिक्षा पर प्राथमिकता से ध्यान दे रही है। इस विद्यालय को पीएमश्री में शामिल होने से काफी विकास होगा। जरूरत पड़ेगी तो एच्छिक कोष से भी विद्यालय में अतिरिक्त भवन बनवाकर अन्य मुलभूत सुविधाएं बहाल की जाएगी। विधायक ने कहा-स्कूल के विकास के लिए हम सदैव तत्पर : बिंद हाईस्कूल का पुराने गौरव बरकरार रखने में काफी हद तक सफल रहे हैं। अस्थावां क्षेत्र के विधायक डॉ. जितेन्द्र कुमार ने बताया कि जब से विधायक बने हैं, प्राथमिकता के साथ विद्यालय के सफल संचालन के लिए वर्ग कक्ष समेत मुलभूत सुविधाओं बहाल करायी गयी है। विधानसभा क्षेत्र के किसी भी हाईस्कूल में अगर कोई कमि है, तो उसके विकास के लिए मैं सदैव तत्पर हूं। उन्होंने बताया कि बिंद हाईस्कूल में खेल मैदान बनाया गया है। इसी परिसर में खेल स्टेडियम का निर्माण भी कराया जाएगा। ग्रामीणों ने कहा 1942 में विद्यालय स्थापित करायी गयी थी। 18 कमरे वाले दो मंजिला भवन का निर्माण कराया गया था। करीब 40 वर्षों तक 120 विद्यार्थी हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते थे। अपनी गौरव बरकार रखा विद्यालय ने : इस विद्यालय में हाईस्कूल के 16 तो प्लस टू विद्यालय के छह कमरे हैं। हाईस्कूल में नौवीं में 278, दसवीं में 308, ग्यारहवीं में 296 तो बारहवीं में 247 बच्चों ने नामांकन लेकर पढ़ाई की थी। मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में इस विद्यालय के 90 फीसदी विद्यार्थियों ने सफलता पायी है। हाईस्कूल में 14 तो प्लस टू विद्यालय में 12 शिक्षक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं। खास बात यह कि गुरुजनों के मार्गदर्शन में शिक्षाग्रहण कर 60 से 70 फीसदी विद्यार्थी मैट्रिक व इंटर में प्रथम श्रेणी में सफलता प्राप्त कर रहे है।
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