Empowering Rural Innovation and Self-Reliance Seminar at Darbhanga College of Engineering ग्रामीण नवाचार से आत्मनिर्भर बनेगा भारत, Darbhanga Hindi News - Hindustan
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ग्रामीण नवाचार से आत्मनिर्भर बनेगा भारत

दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में 'सशक्त भारत: ग्रामीण नवाचार और आत्मनिर्भर भारत' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सेवानिवृत्त आईएएस कमल ताओरी ने कहा कि भारत का भविष्य गांवों में है। महिला नेतृत्व और...

Newswrap हिन्दुस्तान, दरभंगाTue, 13 May 2025 07:16 PM
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ग्रामीण नवाचार से आत्मनिर्भर बनेगा भारत

दरभंगा। दरभंगा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (डीसीई) में सशक्त भारत : ग्रामीण नवाचार और आत्मनिर्भर भारत विषय पर संगोष्ठी का आयोजन मंगलवार को किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रीय लोक आंदोलन न्यास की ओर से डीसीई को विशेष प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। इसमें उल्लेख किया गया है कि डीसीई न केवल वैश्विक स्तर की उत्कृष्टता का केंद्र बन चुका है, बल्कि स्थानीय से वैश्विक मॉडल का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है। सेवानिवृत्त आईएएस कमल ताओरी ने कहा कि भारत का भविष्य गांवों में है। पंचगव्य आधारित खेती, ग्राम उद्योग और स्वदेशी नवाचार से ही भारत आत्मनिर्भर बन सकता है। इंजीनियरिंग शिक्षा का उद्देश्य केवल डिग्री नहीं, बल्कि समाज सेवा और समाधान निर्माण होना चाहिए।

राष्ट्रीय लोक आंदोलन की कार्यकारी अध्यक्ष कल्पना इनामदार ने कहा कि महिला नेतृत्व के बिना कोई भी आंदोलन अधूरा है। ग्रामीण महिलाएं संगठित हो जाएं तो गांव से ही देश का पुनर्निर्माण संभव है। प्रदीप चौधरी ने छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि गांव को प्रयोगशाला बनाइए, वहां जाकर सस्ते, सुलभ और टिकाऊ समाधान विकसित कीजिए। यही असली नवाचार है। न्यास के तरुण ने युवाओं से आह्वान किया कि लोक आंदोलन तभी सफल होगा, जब विद्यार्थी वर्ग उससे जुड़ेगा और जमीनी स्तर पर बदलाव की बुनियाद बनेगा। सखी, बिहार की सचिव डॉ. सुमन सिंह ने कहा कि ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य, शिक्षा और आत्मनिर्भरता को केंद्र में रखकर नीतियां बनानी होंगी। डब्ल्यूआईटी के पूर्व निदेशक डॉ. पीएम मिश्रा ने कहा कि तकनीकी संस्थानों को चाहिए कि वे सामाजिक सरोकार से जुड़ें और शिक्षा को सेवा से जोड़ें। प्रमोद गुप्ता ने कहा कि मीडिया को शहरी चमक-दमक से हटकर ग्रामीण भारत की सच्चाई, चुनौतियों और संभावनाओं को सामने लाना चाहिए। डीसीई के प्राचार्य डॉ. संदीप तिवारी ने कहा कि डीसीई समाजोन्मुखी शिक्षा का प्रतीक बन रहा है। हम छात्रों को केवल तकनीकी ज्ञान नहीं, बल्कि समाज के लिए कार्य करने की प्रेरणा भी दे रहे हैं।

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