बंधुआ-पहाड़पुर सेक्शन पर तीसरी रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू
-गया-कोडरमा सेक्शन के 20 किलोमीटर लंबी कॉरिडोर रेल लाइन बनेगी -मार्च 2026 तक निर्माण
गया-धनबाद के रास्ते पंजाब के लुधियाना से दानकुनी (प.बंगाल) के बीच तीसरी नई रेलवे लाइन का निर्माण कार्य में तेजी आयी है। डीएफसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) द्वारा गया-कोडरमा सेक्शन के बंधुआ-पहाड़पुर स्टेशन के बीच तीसरी रेल लाइन बिछाने के काम में तेजी आ गयी है। गया-कोडरमा सेक्शन के करीब 20 किलो मीटर लंबी कॉरिडोर रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू किया गया है। निर्माण के तहत जमीन समतल किए जाने के साथ ही मिट्टी भराई का कार्य में तेजी आयी है। नई रेल लाइन को बिछाने के लिए बंधुआ स्टेशन के पैमार नदी पर और पहाड़पुर-गुरपा सेक्शन के ढाढ़र नदी पर रेल पुल का निर्माण के साथ ही कई पुलियों का भी निर्माण होगा। इस कार्य को मार्च 2026 तक पूरा किये जाने का है लक्ष्य निर्धारित है।
लुधियाना से दानकुनी तक करीब 1856 किलोमीटर बने रही लाइन
रेलवे के सबसे महत्वपूर्ण डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसी) पंजाब के लुधियाना से प.बंगाल के दानकुनी तक करीब 1856 किलोमीटर सिर्फ मालगाड़ियों के लिए लाइन बिछाई जा रही है। पूर्व मध्य रेलवे के डीडीयू से डेहरी ऑन सोन स्टेशन तक रेल लाइन बिछाई जा चुकी है। डीएफसी की बनायी जा रही तीसरी रेल लाइन से माल ढुलाई कार्य में तेजी लाने में इस सेक्शन से काफी सहूलियत होगी। बताया गया कि डेडिकेटिड फ्रेट कॉरिडोर पर तेज गति की माल गाड़ियों का का परिचालन किया जाएगा।
बिहार में 239 और झारखंड में 196 किलो मीटर बनेगी रेल लाइन
रेल सूत्रों ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए यूपी में 1058, बिहार में 239, झारखंड में 196 और बंगाल में 203 किलोमीटर लाइन बिछाई जा रही है। प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद करीब 116 डिब्बों की मालगाड़ियां इस लाइन पर दौड़ेगी। इसकी स्पीड भी करीब सौ किलोमीटर प्रतिघंटा तक होगी।
माल ढुलाई में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाला है धनबाद मंडल
डबल लेन के इस डीएफसी का रेल लाइन निर्माण से मालगाड़ियों के निर्वाध परिचालन शुरू हो जाएगा। इसमें ईसीआर के दो डिविजन मुगलसराय और धनबाद शामिल है। डीएफसी के निर्माण से माल ढुलाई को गति मिलेगी। पूर्व मध्य रेलवे के धनबाद रेल मंडल माल ढुलाई के लिए पूरे रेलवे में राजस्व देने वाला सबसे बड़ा मंडल है। धनबाद के रास्ते 70 से 75 गुड्स ट्रेनें प्रति दिन गुजरती हैं। अलग रेल लाइन होने से गुड्स ट्रेनें के परिचालन में तेजी आने के साथ-साथ रेलवे के राजस्व में बढ़ोत्तरी होगी।
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