भगवान की भक्ति से मिलती है आत्मा को शांति: ममता पाठक
बैकुंठपुर के दक्षिण बनकटी गांव में बुढ़िया माई के मंदिर में शतचंडी महायज्ञ चल रहा है। कथावाचिका ममता पाठक ने श्रद्धालुओं को भगवान की भक्ति के महत्व और उनकी कृपा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि...

बैकुंठपुर प्रखंड के दक्षिण बनकटी गांव स्थित बुढ़िया माई के मंदिर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ में बोलीं कथावाचिका कथावाचिका ने श्रद्धालुओं से कहा कि जिस इलाके में महायज्ञ का आयोजन होता है, वहां की धरती पवित्र हो जाती है बैकुंठपुर। एक संवाददाता भगवान की भक्ति से आत्मा को शांति मिलती है। भगवान अपने भक्तों का सदा कल्याण करते हैं। उनकी इच्छा के बिना कुछ भी संभव नहीं है। यह बातें उज्जैन से पहुंची कथा वाचिका ममता पाठक ने रविवार की रात कहीं। वे प्रखंड के दक्षिण बनकटी गांव स्थित बुढ़िया माई के मंदिर में नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ सह भागवत कथा में प्रवचन सुना रही थीं। उन्होंने कहा कि भगवान तो स्वयं अंतर्यामी हैं। अपने भक्तों की मनोदशा समझ लेते हैं। उसके बाद भक्तों की कल्याण की दिशा में आवश्यक कदम उठाते हैं। निस्वार्थ भाव से की गई भगवान की पूजा सार्थक होती है। जिस इलाके में महायज्ञ का आयोजन होता है, वहां की धरती पवित्र हो जाती है। भगवान की भक्ति कभी भी और कहीं भी की जा सकती है। इसके लिए कोई निश्चित समय नहीं माना जाता है। प्रवचन के दौरान स्थानीय मुखिया विकास कुमार सिंह, महायज्ञ आयोजन समिति के मनोज सिंह, सुनील कुमार साह, दिनेश लाल, मनोज श्रीवास्तव, रामबाबू सिंह, मंटू सिंह, अखिलेश महतो, रवि कुमार सिंह, बिंदेश्वरी प्रसाद, राजू सिंह, असगर अली आदि श्रद्धालु मौजूद थे।
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