Heavy Rain Causes Flooding in Jamui Streets Traffic Disruptions and Complaints हल्की बारिश से ही शहर की सड़कें हुई जलमग्न, Jamui Hindi News - Hindustan
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हल्की बारिश से ही शहर की सड़कें हुई जलमग्न

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Newswrap हिन्दुस्तान, जमुईSat, 19 April 2025 03:55 AM
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हल्की बारिश से ही शहर की सड़कें हुई जलमग्न

हल्की बारिश से ही शहर की सड़कें हुई जलमग्न हल्की बारिश से ही शहर की सड़कें हुई जलमग्न

महिसौड़ी से महराजगंज जाने वाली सड़क पर ठेहुना भर पानी

पंचमन्दिर के समीप भी जाम पड़ा है नाला

फोटो- 03,04 : शुक्रवार को हुई बारिश के बाद सड़को पर जमा पानी

जमुई, निज प्रतिनिधि

चैत माह की हल्की बारिश ने ही जमुई शहर की सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया है। शुक्रवार की सुबह हुई बारिश से नगर परिषद के कई मुख्य सड़कों और वार्डों की गलियों में ठेहुना भर पानी जमा हो गया। सड़कों पर आते जाते लोगों को वाहन से पानी के छीटें पड़ती रही। जमुई शहर के पंचमन्दिर के निकट मुख्य सड़क पर तालाब का रूप बना था। हर वाहन चालक पानी का आकलन कर ही अपने वाहन को पार कर रहे थे। कुछ यही हाल खैरा मोड़ स्थित सड़कों पर भी देखी गयी। यहां करीब 200 मीटर की दूरी तक सड़कों पर नाले का गंदा पानी और कचरा तैरता नजर आया। यहां के लोगों का आरोप था कि कई माह से वार्ड के नालों की सफाई का कार्य नही कराया गया है। सफाई के नाम पर सिर्फ कागजों पर ही लूट मची हुई है। वार्ड की गलियों में पसरा कूड़ा का भी उठाव सही तरीके से नही होता।

महराजगंज से महिसौड़ी तक था तालाब का रूप

महराजगंज से महिसौड़ी जाने वाली सड़क पर भी तालाब का रूप बना था। जबकि इस सड़क के किनारे लाखों रुपए की लागत से नाले का निर्माण किया गया था। नाले की सफाई नही होने से इस नाले से भी पानी का निकास नही हो पाता है। वहीं शहर के वार्ड नौ और 11 पर स्थित जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल के समीप की स्थिति और भी बदतर हो गई थी। यहां नाले व सड़क निर्माण के लिए खोदे गए गड्ढे की वजह से ठेहुने भर पानी का जमाव हो गया है। हर दिन कई स्कूली बच्चे गिरते पड़ते नजर आते हैं। कई बार घंटों तक वाहन फंसा रहता है।

पैदल चलना भी हुआ मुश्किल

जीवन ज्योति पब्लिक स्कूल के समीप की सड़कें सीधा झाझा स्टैंड और लखीसराय मुख्य मार्ग को जोड़ती है। शहर में जाम लगने पर लोग इस सड़क का उपयोग करते हैं। इस सड़क पर हर दिन सैकड़ों वाहनों का परिचालन होता है। बताया जाता है कि इस सड़क का निर्माण निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर शुरू किया गया था। लेकिन सड़क का अतिक्रमण और कुछ तकनीकी वजह से संवेदक ने काम ठप कर दिया।

क्या कहते हैं अधिकारी

नाले की सफाई कराई जाती है। बारिश से पूर्व शहर के सभी नालों की उड़ाही का कार्य करा लिया जाएगा। इसके लिए कर्मियों को निर्देश दिया गया है।

प्रियंका गुप्ता, ईओ नगर परिषद जमुई।

मुख्यमंत्री के शिलान्यास के बाद भी नहीं बना एन एच 333 से जमुई रेलवे स्टेशन जाने वाली सड़क

एक साल पहले वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए मुख्यमंत्री ने ग्रामीण कार्य मंत्री की उपस्थिति में किया था शिलान्यास

61.65 लाख की लागत से बननी थी सड़क

40 साल पहले बना था सड़क,अब चलना हुआ दुश्वार

चार जिले के लोग नित्य सफर करते हैं इस सड़क पर

फोटो-01 : मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास के बाद सड़क किनारे लगा शिलापट्ट

फोटो-02 : एन एच 333 से डाउन प्लेटफार्म जाने वाली सड़क का हाल

बरहट, निज संवाददाता ( राकेश कुमार सिंह)

सड़क बने पुरा 40 साल बीत गया। अब इस सड़क पर चलना दुश्वार हो गया है। लेकिन परिस्थिति ऐसी है कि पूरे जिले वासियों का इस मार्ग पर चले बिना रहा भी नहीं जा सकता। यह हाल है एन एच 333 से जमुई स्टेशन के डाउन प्लेटफार्म की ओर जाने वाली सड़क का। यह सड़क डाउन प्लेटफार्म की ओर जाने वाली एक मात्र सड़क है। सड़क की महत्ता का अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि इस सड़क पर चार जिला के सैकड़ों लोग नित्य सफर करते हैं।

मुख्यमंत्री ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए किया था शिलान्यास -

सड़क की महत्ता को देखते हुए ग्रामीणों की मांग व जमुई विधायक श्रेयसी सिंह की पहल पर मुख्यमंत्री ने बीते साल 2 मार्च 2024 को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस सड़क का शिलान्यास किया था। मुख्यमंत्री के इस शिलान्यास कार्यक्रम की अध्यक्षता बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव ने किया था जबकि इस कार्यक्रम में जमुई विधायक श्रेयसी सिंह की गरिमामय उपस्थिति थी। एन एच 333 से जमुई रेलवे स्टेशन तक 0.235 किलोमीटर का यह सड़क निर्माण मुख्यमंत्री ग्रामीण कार्य अनुरक्षण कार्यक्रम योजनांतर्गत किया जाना सुनिश्चित किया गया। इसके लिए 61.652 लाख रुपए की स्वीकृति होने की भी बात कही गई। मुख्यमंत्री के शिलान्यास के बाद ग्रामीणों को लगा कि 40 वर्षों के बाद अब इस सड़क का कायाकल्प हो जाएगा। जनप्रतिनिधियों एवं उनके कार्यकर्ताओं द्वारा भी जोर शोर से इसका प्रचार प्रसार किया गया। किंतु शिलान्यास हुए एक साल बीत गया बावजूद सड़क का निर्माण तो दूर इसकी शुरुआत तक नहीं की गई।अब ग्रामीण भी सकते में हैं कि आखिर मुख्यमंत्री के शिलान्यास के बाद भी सड़क क्यों नहीं बन पाया। स्थिति यह है कि सड़क के हर हिस्से में रोड़ा निकल गया है तो जगह जगह गड्डे बन गए हैं।अब इस सड़क पर पैदल क्या वाहन चलाना भी दुश्वार हो गया है।

सड़क पर चार जिला के लोग करते हैं नित्य सफर -

इस सड़क पर चार जिला जमुई के अलावा भागलपुर, मुंगेर, बांका जिला के सैकड़ों रेलयात्री नित्य सफर करते हैं। इतना ही नहीं डाउन प्लेटफार्म से उतरने एवं चढ़ने वाले बुजुर्ग, महिला, बच्चे इसी रास्ते से आना जाना करते हैं।अब आलम यह है कि रात के अंधेरे में क्या दिन के उजाले में भी इस सड़क पर गुजरने में हादसा आम बात हो गई है। इस सड़क पर महिला, बच्चे व बुजुर्ग रेलयात्री गिरकर घायल भी हो चुके हैं। किंतु पदाधिकारियों एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों की निगाहें शायद आज तक इस सड़क पर नहीं गई है ।

सड़क बनने की आस में गुजर जाता है पूरा साल -

मलयपुर के ग्रामीण ललन सिंह, नेपाली सिंह, अमित सिंह,टींकू सिंह, अभय सिंह, मनु सिंह, बबलू मियां, सिंह सहित दर्जनों लोग बताते हैं कि किसी भी जनप्रतिनिधियों ने कभी भी इस सड़क पर ध्यान नहीं दिया। जिस कारण अति महत्वपूर्ण सड़क होते हुए भी यह उपेक्षित है। ग्रामीणों ने बताया चुनाव के दौरान नेता लोग बड़े बड़े वादे तो करते हैं किंतु चुनाव के बाद उनके वादे खोखले रह जाते हैं। जिसका जीता जागता उदाहरण जमुई रेलवे स्टेशन की ओर जाने वाली सड़क है।

1985 में हुआ था सड़क का निर्माण-

तत्कालीन जल संसाधन मंत्री जय प्रकाश नारायण यादव ने सड़क की महत्ता को देखते हुए वर्ष 1985 में सड़क पर पीसीसी ढलाई कार्य कराया था। सड़क निर्माण के बाद जमुई रेलवे स्टेशन से यात्रा करने वाले यात्रियों को राहत मिली। करीब 10 वर्षों तक सड़क ठीक रहा पश्चात धीरे धीरे सड़क जर्जर होने लगी। आज स्थिति यह हो गई कि दिन के उजाले में भी इस सड़क पर चलना दूभर हो गया है । ग्रामीण वर्ष 2006 से सड़क बनाए जाने की मांग को लेकर जनप्रतिनिधियों का चक्कर लगाने की बात कहते हैं।

कहते हैं ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता -

इस संबंध में पूछे जाने पर ग्रामीण कार्य विभाग के कार्यपालक अभियंता अरविंद कुमार कहते हैं कि संवेदक को ग्रुप में कार्य एलाट हुआ है। संवेदक द्वारा सिकंदरा में सड़क का कार्य कराया जा रहा है। सिकंदरा में कार्य समाप्ति के पश्चात अप्रैल माह के अंत तक इस सड़क का निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा।

इंटरसिटी एक्सप्रेस से गिरकर यात्री घायल

घायल झारखंड का है निवासी

फ़ोटो-05 : अस्पताल में भर्ती घायल रेलयात्री

झाझा, नगर संवाददाता

धनबाद पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस से गिरकर एक रेल यात्री घायल हो गए। घायल झारखंड के निवासी बताए जाते हैं। प्राप्त जानकारी अनुसार शुक्रवार की दोपहर झाझा दादपुर मुख्य रेलखंड में बाराजोर गांव के समीप चलती ट्रेन से गिरकर यात्री गम्भीर रूप से घायल हो गए। अप लाइन के किनारे घायल अवस्था मे गिरे पड़े युवक को देख कर लोगों ने तुरन्त डायल 112 पुलिस को इसकी जानकारी दी। डायल 112 की पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायल युवक को इलाज के लिए रेफरल अस्पताल लाकर भर्ती करवाया। डॉक्टर के द्वारा उसका इलाज किया गया। घायल युवक की पहचान झारखंड राज्य के मधुपुर के महुआटांड़ गांव निवासी बबलू साह के रूप में हुई। घायल ने बताया कि धनबाद पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस से मधुपुर से यात्रा शुरू कर कियूल अपनी बहन के यहां शादी समारोह में शामिल होने के लिए जा रहे थे। पेशाब लगने पर ट्रेन के बाथरूम गया तो बाथरूम बंद था जिसके बाद तभी ट्रेन के गेट के पास आकर खड़ा हुआ तभी ट्रेन से नीचे गिर गया। डायल 112 की पुलिस ने बताया कि घटना स्थल पर पहुंच कर लहूलुहान अवस्था मे घायल युवक को उठाया गया और परिजनों के बारे में जानकारी ली और फिर परिजनों को घटना की सूचना दी गई। घायल युवक को इलाज के बाद बेहतर इलाज के लिए परिजन निजी अस्पताल ले गए।

नारगंजो के किसानों ने कृषि मंत्री को पत्र लिख कर की मुआवजे की मांग

लगातार बारिश से बर्बाद गेहूं की फसल के बावजूद विभागीय अधिकारियों की उदासीनता पर उठाए सवाल

कृषि विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार की भी उठाई आवाज

फोटो-06 : लगातार बारिश से खेतों में गेहूं की बर्बाद फसल का दृश्य

झाझा, नगर संवाददाता

नारगंजो के किसानों ने कृषि मंत्री को पत्र लिख कर खेती में हुई क्षति को लेकर सरकार से मुआवजे की मांग की है। लगातार बारिश से खेतों में खड़ी एवं काट कर रखी गेहूं की फसल के बर्बाद होने तथा इस संबंध में मीडिया में दो-दो बार खबरें प्रकाशित होने के बाद भी विभागीय अधिकारियों की उदासीनता पर किसानों ने सवाल उठाए हैं। कृषि मंत्री से उनके

कृषि विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार की भी आवाज उठाई है। कृषि मंत्री के नाम प्रेषित अपने अभ्यावेदन में किसानों ने लिखा है कि

झाझा प्रखंड के बलियाडीह पंचायत के नारगंजो गांव में लगातार बारिश ने किसानों की गेहूं की फसल को पूरी तरह तबाह कर दिया है। किसान बर्बाद हो गए हैं। विभागीय उदासीनता से आक्रोशित किसानों छोटेलाल बास्के, संजय सोरेन, गोरे यादव, जितेंद्र यादव, फुलेश्वर यादव, शंकर यादव, बिनीता देवी नीतीश कुमार सहित अन्य ने बिहार सरकार के कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा को पत्र लिख कर फसल नुकसान का सर्वे कराने और उचित मुआवजा देने की मांग की है।किसानों का कहना है कि इस वर्ष रबी मौसम में उन्होंने कड़ी मेहनत से गेहूं की खेती की थी। फसल पककर तैयार थी, लेकिन पिछले दो-तीन बार के साथ ही शुक्रवार, 18 अप्रैल 2025 को भी हुई मूसलधार बारिश ने खेतों में खड़ी फसल को बर्बाद कर दिया। बालियों में सड़न और अंकुरण शुरू होने से फसल नष्ट हो चुकी है और बिक्री के योग्य नहीं रही।किसानों ने बताया कि उन्होंने पूर्व में जिलाधिकारी, जमुई को भी इस संबंध में पत्र सौंपा था, लेकिन अब तक कोई राहत नहीं मिली। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जमुई के जिला कृषि पदाधिकारी का सरकारी मोबाइल नंबर (9431818750) हमेशा बंद रहता है, जिससे वे अपनी समस्याएं विभाग तक नहीं पहुंचा पा रहे।किसानों ने कृषि मंत्री से मांग की है कि इस स्थिति को प्राकृतिक आपदा मान कर प्रभावित क्षेत्र में फसल क्षति का सर्वे कराया जाए और उचित मुआवजा प्रदान किया जाए। साथ ही, कृषि विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार कर ऐसी व्यवस्था बनाई जाए, जिससे किसानों की समस्याओं का समय पर समाधान हो सके। नारगंजो के किसानों ने मंत्री से इस संकट पर त्वरित कार्रवाई की अपील की है।

झाझा निवासी सरकार के खेल संयुक्त सचिव ने जमुई एसपी झाझा थाना अध्यक्ष से की शिकायत

झाझा थाने के एक चौकीदार एवं एक दारोगा के विरोध में की शिकायत

चौकीदार द्वारा उन्हें भूमि संबंधी नोटिस फोन पर भेजे जाने पर जताई आपत्ति

पूछा, चौकीदार ने ऐसा कौन सा कागज प्रस्तुत कर दिया जिस पर एक उच्च पदाधिकारी को थाना पर उपस्थित होने के लिए नोटिस भेज दिए

झाझा, नगर संवाददाता

झाझा प्रखंड के केशवपुर पंचायत अंतर्गत दादपुर गांव निवासी एवं बिहार सरकार के खेल मंत्रालय में संयुक्त सचिव निरंजन कुमार ने जमुई एसपी तथा झाझा थाना अध्यक्ष से दूरभाष व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से शिकायत की है। झाझा थाने के एक चौकीदार एवं एक दारोगा के विरोध में शिकायत की है। चौकीदार पल्टु पासवान द्वारा फोन नंबर 9693687364 द्वारा उन्हें फोन पर भूमि संबंधी नोटिस भेजे जाने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने जमुई एवं झाझा पुलिस से शिकायत करते हुए पूछा कि चौकीदार ने ऐसा कौन सा कागज प्रस्तुत कर दिया जिस पर एक उच्च पदाधिकारी को थाना पर उपस्थित होने के लिए नोटिस भेज दिए। दादपुर गांव के खाता संख्या 92 खेसरा संख्या 120 रखवा 6 डिसमिल की लगान रसीद रैयत श्रीमती शालिनी कुमारी के नाम प्रस्तुत करते हुए अधिकारी ने शिकायत की सूचना देते हुए बतलाया कि जो जमीन मेरे द्वारा खरीदा गया उस भूमि के रैयत उमराव हाजरा के पुत्र रघु पासवान के खानदान हैं जबकि शिकायतकर्ता चौकीदार उमराव हाजरा के दूसरे पुत्र पवन पासवान की पांचवीं पीढ़ी है। उन्होंने पुलिस से जानना चाहा कि उनके द्वारा जमीन खरीदने के बाद कैसे थाना में आवेदन देकर वह चौकीदार नोटिस करवाते हैं। पुलिस कैसे एक बार भी उचित नहीं समझती कि मेरा पक्ष भी जान लें। उन्होंने मीडिया के माध्यम से झाझा पुलिस के इस व्यवहार पर लिखा है कि थाना का काम है लोगों को सुरक्षा देना अन्याय को रोकना परंतु मेरे जैसे वरीय पदाधिकारी को जब बिना किसी साक्ष्य और बिना वजह के चौकीदार के कहने पर कथित रूप से परेशान करने के लिए बिना जमीन का खाता खसरा बताए थाना पर उपस्थित होने के लिए नोटिस भेज सकते हैं तो समझ सकते हैं कि आम नागरिकों के साथ थाने में कैसा सलूक होता होगा। उन्होंने लिखा है कि क्या सुंदर उदाहरण है कानून के दुरुपयोग का, आम नगरिक को परेशान करने का। इस संबंध में झाझा के थानाध्यक्ष संजय कुमार सिंह ने पूछे जाने पर बताया कि भूमि संबंधी विवाद है। आरक्षी अधीक्षक जमुई को व्हाट्सएप मैसेज द्वारा शिकायत किए जाने के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि लोकतांत्रिक अधिकार के तहत लोग अपनी बात कहीं भी रख सकते हैं।

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