Vaccination for Pregnant Women Essential to Reduce Maternal and Infant Mortality गर्भवती महिलाओं का समय पर करायें टीडी वैक्सीनेशन, Kishanganj Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsKishanganj NewsVaccination for Pregnant Women Essential to Reduce Maternal and Infant Mortality

गर्भवती महिलाओं का समय पर करायें टीडी वैक्सीनेशन

टेटनस, डिप्थेरिया, परट्यूटिस रोगों से होता है बचाव गर्भवती महिलाओं का समय पर टीडी वैक्सीनेशनगर्भवती महिलाओं का समय पर टीडी वैक्सीनेशन

Newswrap हिन्दुस्तान, किशनगंजThu, 24 April 2025 02:54 AM
share Share
Follow Us on
गर्भवती महिलाओं का समय पर करायें टीडी वैक्सीनेशन

किशनगंज, एक प्रतिनिधि। गर्भवती व शिशु स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जिले में ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस पर जिले के चिह्नित सत्र स्थलों पर गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण के चिह्नित करते हुए उनका आवश्यक टीकाकरण किया जा रहा है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार टीकाकरण स्थल निरीक्षण करते हुए बताया कि टीकाकरण संक्रामक बीमारियों से बचाता है। गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए काफी कारगर है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में तेजी से बदलाव होते हैं। इस दौरान रोगी प्रतिरोधी क्षमता पर असर पड़ता है। शरीर की प्रतिरोधी क्षमता कम होने के कारण कई प्रकार के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। टीकाकरण संक्रामक रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है। गर्भवती महिलाओं का समय पर आवश्यक टीकाकरण जच्चा-बच्चा दोनों को स्वस्थ्य रखता है। प्रसव पूर्व जांच के दौरान गर्भवती महिलाओं को टिटनेस, डिप्थेरिया और परट्यूटिस से बचाव के लिए आवश्यक टीकाकरण किया जाता है।

टीडी वैक्सीन गर्भवती के लिए महत्वपूर्ण:

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल के मुताबिक गर्भावस्था में टिटनेस, डिप्थेरिया और परट्यूटिस का टीकाकरण जरूरी है। इससे बचाव के लिए टीडी वैक्सीन दिया जाता है। टीडी वैक्सीन इन सभी रोगों से बचाव में कारगर है, चूंकि टिटनेस संक्रमण नवजात शिशुओं के मृत्यु का एक बड़ा कारण है, इस लिए गर्भावस्था के दौरान ही टिटनेस टाक्साइड के दो टीका लगाये जाते हैं₹। दोनों टीका लगभग एक माह के अतराल पर दिया जाता है। वहीं काली खांसी से बचाव के लिए गर्भावस्था के 27वें सप्ताह से 36 सप्ताह के बीच टीकाकरण किया जाता है। नवजात शिशु के लिए काली खांसी जोखिम भरा होता है।

गर्भवती का समय पर टीकाकरण कराया जाना जरूरी:

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बताया कि गर्भवती का समय पर टीकाकरण कराया जाना आवश्यक है और इसमे किसी प्रकार की कोताही नहीं की जानी चाहिए। गर्भवती के टीकाकरण से शिशु की रोग प्रतिरोधी क्षमता भी मजबूत होती है। टेटनस व डिप्थेरिया दोनों ही संक्रामक रोग है। उच्च रक्तचाप, तंत्रिका तंत्र का प्रभावित होना, मांसपेशियों में ऐंठन, गर्दन व जबड़े में अकड़न व पीठ का आकार धनुषाकार होना इसके प्रमुख लक्षण हैं। डिप्थेरिया संक्रमण से रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है तथा गर्दन में सूजन, बुखार व खांसी रहता है। इसके अलावा गर्भवती का फ्लू, हेपेटाइटिस ए और बी का भी टीकाकरण कराय जाना चाहिए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।