Midday Meal Disruption and Water Crisis in Kandi Village School Sparks Outrage प्रावि कैन्दी में पेयजल संकट, 25 दिन से एमडीएम बंद, Lakhisarai Hindi News - Hindustan
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प्रावि कैन्दी में पेयजल संकट, 25 दिन से एमडीएम बंद

प्रावि कैन्दी में पेयजल संकट, 25 दिन से एमडीएम बंद

Newswrap हिन्दुस्तान, लखीसरायSat, 17 May 2025 05:42 AM
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प्रावि कैन्दी में पेयजल संकट, 25 दिन से एमडीएम बंद

मन कुमार, हलसी। हलसी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत कैंदी गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय पश्चिम टोला में पिछले 25 दिनों से बच्चों को मिलने वाला मध्याह्न भोजन बंद है, जिससे छात्रों और अभिभावकों में भारी आक्रोश है। विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था ठप होने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि विद्यालय प्रशासन की लापरवाही के कारण बच्चों को न केवल भूखे रहना पड़ रहा है, बल्कि उन्हें पीने का पानी भी घर से लाना पड़ रहा है। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार विद्यालय परिसर में लगा चापाकल लगभग एक महीने पहले खराब हो गया था। जब ग्रामीणों ने इस संबंध में विद्यालय के प्रभारी से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि चापाकल खराब हो जाने के कारण विद्यालय में पानी की व्यवस्था नहीं है और इसी वजह से मध्याह्न भोजन नहीं बन पा रहा है।

ग्रामीणों के दबाव के बाद विद्यालय प्रभारी द्वारा चापाकल मिस्त्री को बुलाया गया। मिस्त्री ने निरीक्षण के बाद बताया कि चापाकल के पाइप में छेद हो गया है, जिसे बदलने में काफी राशि खर्च होगी। इसके बाद विद्यालय प्रभारी ने विद्यालय में पर्याप्त राशि उपलब्ध नहीं होने की बात कहकर चापाकल की मरम्मत कराने से इंकार कर दिया। इस लापरवाही के चलते विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें न केवल घर से पेयजल लेकर विद्यालय आना पड़ता है, बल्कि पानी के अभाव में उन्हें मध्यान भोजन भी नहीं मिल पा रहा है। मध्याह्न भोजन और पेयजल की व्यवस्था सुचारू रूप से न होने से आक्रोशित कैंदी गांव के दर्जनों महिला-पुरुष शुक्रवार को विद्यालय पहुंचे और जमकर हंगामा किया। ग्रामीणों ने तत्काल चापाकल की मरम्मत कराने और मध्याह्न भोजन की व्यवस्था को बहाल करने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि प्राथमिक विद्यालय में गरीब और मजदूर वर्ग के बच्चे पढ़ते हैं, जिनके लिए मध्यान भोजन एक महत्वपूर्ण सहारा होता है। पिछले 25 दिनों से भोजन बंद रहने के कारण इन बच्चों को काफी कठिनाई हो रही है। इसके अलावा, पेयजल की समस्या के कारण उन्हें गर्मी में प्यासा रहना पड़ता है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ रहा है। यह घटना शिक्षा व्यवस्था और बच्चों के अधिकारों के प्रति प्रशासनिक उदासीनता को दर्शाती है। एक प्राथमिक विद्यालय में मूलभूत सुविधाओं का अभाव चिंताजनक है और इस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे और उन्हें शिक्षा के साथ-साथ पोषण भी मिल सके। देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले पर कब संज्ञान लेता है और कब तक कैंदी गांव के प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को राहत मिलती है। हलसी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी एजाज अहमद ने बताया कि चापाकल खराब रहने की जानकारी मिली है। सोमवार तक चापाकल को दूरूस्त करवा दिया जाएगा। चापाकल ठीक होने के बाद एमडीएम चालू कराया जाएगा। वहीं प्रभारी शिक्षिका ने बताया कि बीते 26 अप्रैल से विद्यालय का चापाकल खराब है। जिसके बाद स्थानीय के घर से पानी लाकर 30 अप्रैल तक मध्याह्न भोजन बच्चों के लिए बनवाया गया। मिस्त्री ने बतलाया कि चापाकल मरम्मती कराने में दस हजार रुपया से ज्यादा खर्च आयेगा। जिसके बाद दो मई को बीईओ, पीएमपोषण योजना, पीएचईडी तथा सभी संबंधित विभाग को जानकारी दिया गया। पीएम पोषण योजना का रिपोर्ट में लिखा जाता है कि पानी की कमी के कारण एमडीएम बंद है। पेयजल की कमी के कारण बच्चे घर से बोतल में पानी लेकर आते है।

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