झिटकी में विजिलेंस ने सीओ प्रिंस राज के मां-पिता से चार घंटे की पूछताछ
खिरहर थाना क्षेत्र के झिटकी गांव में विशेष निगरानी इकाई ने निलंबित सीओ प्रिंस राज के घर छापेमारी की। उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और भ्रष्टाचार के आरोप हैं। छापेमारी के दौरान उनके माता-पिता से...
हरलाखी , एक संवाददाता। खिरहर थाना क्षेत्र के झिटकी गांव में बुधवार को निलंबित सीओ प्रिंस राज के घर स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसवीयू) ने छापेमारी की। सुबह करीब नौ बजे विजिलेंस टीम के उपाधीक्षक राजेश रंजन के नेतृत्व में टीम सीओ के पैतृक आवास पर पहुंची। प्रिंस राज पर सीओ पद पर रहते हुए आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप है। कड़ी सुरक्षा के बीच टीम ने चार घंटे तक प्रिंस राज के माता-पिता से पूछताछ की और घर के सामान का आकलन कर मकान, जेवरात, जमीन के कागजात व अन्य संपत्तियों की कीमत आंकी। सीओ घर पर नहीं थे। वे शेखपुरा में अपनी पत्नी के आवास पर हैं। उनकी पत्नी भी सीओ हैं। पत्नी भी निगरानी जांच के दायरे में हैं। अधिकारियों ने थाने की मदद से सीओ के पिता व मां को बुलाया। टीम ने सभी के मोबाइल जब्त कर लिए। अधिकारियों ने घर में घुसकर संपत्ति की जांच की।खिरहर थाना क्षेत्र के झिटकी गांव निवासी रघुनंदन साह व द्रोपदी देवी के पुत्र प्रिंस राज 2019 में बीपीएससी की परीक्षा पास कर सीओ बने थे। प्रिंस के बड़े भाई भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र में वैज्ञानिक हैं व भाभी बैंक में आरएम है। प्रिंस की पत्नी भी शेखपुरा में अंचलाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। निलंबन से पूर्व प्रिंस सुपौल में बतौर सीओ कार्यरत थे। इस दौरान उनके ऊपर भ्रष्टाचार व आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया था।
दो बार दी मैट्रिक परीक्षा उम्र भी छुपाई
पटना। निलंबित सीओ प्रिंस राज पर सरकारी सेवा में रहते गलत तरीके से अकूत संपत्ति अर्जित किए जाने का आरोप लगा है। इन आरोपों की जांच के बाद विशेष निगरानी इकाई ने उनके विरुद्ध आय से 93 फीसदी अधिक संपत्ति अर्जित किए जाने का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की। प्रिंस राज पर दो बार मैट्रिक परीक्षा देने और चवार साल की उम्र छुपाने का भी आरोप है। शेखपुरा जिले के अरियरी अंचलाधिकारी एवं प्रिंस राज की पत्नी अंकु गुप्ता के आवासीय परिसर की भी छानबीन हुई।
हजारीबाग सदर के दीपागरधा इलाके में स्थित आवासीय परिसर की जांच के दौरान अंकु गुप्ता के नाम पर हजारीबाग की बैंक ऑफ इंडिया शाखा में एक लॉकर की जानकारी मिली है। सूत्रों के मुताबिक छापेमारी के दौरान परिसरों से कई नामी व बेनामी संपत्तियों के साक्ष्य मिले हैं, जो उनकी आय से कई गुणा अधिक संपत्ति के आरोपों को पुष्ट करते हैं। 2019 में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग में योगदान करने वाले प्रिंस राज को सुपौल में अंचलाधिकारी रहते निलंबित किया गया था। निलंबन उपरांत उनकी प्रतिनियुक्ति कोशी कमिश्नरी में की गयी है। सीओ प्रिंस राज ने दो बार मैट्रिक की परीक्षा दी।
पहली बार उन्होंने वर्ष 2002 में धर्मेंद्र कुमार के नाम से बिहार बोर्ड से परीक्षा दी, जिसमें द्वितीय श्रेणी से पास हुए। चूंकि द्वितीय श्रेणी के उत्तीर्ण छात्र आईटीआई के प्रवेश हेतु मान्य नहीं हैं, इसलिए उन्होंने प्रिंस राज के नाम से दूसरा फर्जी प्रमाण पत्र बनवाया और इसका उपयोग कर बीपीएससी परीक्षा के लिए चयनित हुए। उन्होंने करीब चार साल अपनी जन्म तिथि का अवैध लाभ लिया।
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