सच्चे भाव को स्वीकार करते हैं, भगवान
तारापुर के माधोडीह गांव में चल रहे महारूद्र यज्ञ के आठवें दिन श्रद्धालु तेज धूप में भी परिक्रमा करने पहुंचे। कथावाचिका किशोरी गौरी प्रिया ने कृष्ण की बाल लीलाओं का जीवंत वर्णन किया, जिससे श्रद्धालु...

तारापुर, निज संवाददाता। प्रखंड के माधोडीह गांव में चल रहे महारूद्र यज्ञ के आठवें दिन तेज धूप के बावजूद श्रद्धालु परिक्रमा के लिए पहुंचते रहे। कथावाचिका किशोरी गौरी प्रिया ने भागवगत कथा में कृष्ण बाल लीलाओं का ऐसा जीवंत चित्रण किया कि उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। कृष्ण जन्म, नामकरण, पूतना वध, शकटासुर मर्दन, त्रिणावर्त वध, और माखन चोरी जैसी बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए बताया कि किस प्रकार बालक रूप में प्रभु ने अपने प्रेम और चमत्कार से समस्त वृंदावन वासियों को मोहित कर लिया। भगवान की बाल लीलाएं केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि प्रत्येक घटना में आध्यात्मिक संदेश छिपा है। पूतना वध के माध्यम से यह संदेश मिलता है कि भगवान सच्चे भाव को स्वीकार करते हैं, चाहे वह किसी भी रूप में क्यों न हो। वहीं, माखन चोरी की लीला भगवान की निष्कलंक और निष्कपट भक्ति का प्रतीक है। कथा के बीच बीच में गौरी प्रिया द्वारा राधिका गोरी से बृज की छोरी से मैया करा दे मेरा ब्याह गाये भजन पर श्रद्धालु भाव विभोर हो खूब झूमे। कथा के बीच में बाल कृष्ण की बाल रूप में निकाली गई ।
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