मुंगेर विवि में छात्रों को मिलेगा साइबर सुरक्षा का व्यावहारिक प्रशिक्षण
संवाददाता। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के तहत छात्रों को व्यावसायिक और व्यवहारिक शिक्षा से जोड़ने के लिए मुंगेर विश्वविद्यालय एवं इसके कॉलेजों में, म

मुंगेर, एक संवाददाता। राष्ट्रीय शिक्षा नीति- 2020 के तहत छात्रों को व्यावसायिक और व्यवहारिक शिक्षा से जोड़ने के लिए मुंगेर विश्वविद्यालय एवं इसके कॉलेजों में, मेरा युवा भारत पोर्टल के माध्यम से साइबर सुरक्षा अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रम (ईएलपी) लागू होगा। इस कार्यक्रम के तहत मुंगेर विश्वविद्यालय एवं इसके कॉलेजों में छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा का व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। यह कार्यक्रम जल्द ही विश्वविद्यालय एवं इसके कॉलेजों में शुरू होगा और यहां के छात्र- छात्राएं साइबर सुरक्षा में दक्ष बनेंगे। अनुभवात्मक शिक्षण से उन्हें साइबर सुरक्षा में निपुणता मिलेगी। यह कार्यक्रम गृह मंत्रालय के भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4सी) और माई भारत के सहयोग से संचालित किया जाएगा।
यह पहल न केवल छात्रों के डिजिटल कौशल को सशक्त बनाएगी, बल्कि समाज में साइबर अपराधों की रोकथाम में भी अहम भूमिका निभाएगी। इस संबंध में क्षेत्रीय निदेशालय, राष्ट्रीय सेवा योजना, पटना ने विश्वविद्यालय के कार्यक्रम समन्वय को पत्र जारी किया है। जारी पत्र के अनुसार यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के कॉलेजों में भी संचालित किया जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय के सभी कॉलेज नॉलेज इंस्टीट्यूशंस के रूप में माई भारत पोर्टल पर पंजीकरण करायेंगे। पत्र के अनुसार यह एक 30-दिवसीय हाइब्रिड कार्यक्रम है, जो साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में ऑनलाइन प्रशिक्षण और फील्ड वर्क का संयुक्त रूप है। पहले चरण में छात्र I4 सी द्वारा डिजाइन किए गए 12 घंटे के साइबर हाइजीन ऑनलाइन कोर्स में भाग लेंगे, जिसके सफल समापन पर उन्हें प्रमाण- पत्र प्रदान किया जाएगा। दूसरे चरण में छात्रों को 120 से 360 घंटे का फील्ड वर्क कराया जाएगा, जिसमें वे स्थानीय साइबर पुलिस स्टेशनों, कॉलेजों और स्कूलों में जागरूकता अभियान, रिपोर्टिंग सहायता और साइबर क्लब निर्माण जैसी गतिविधियों में शामिल होंगे। इस संबंध में पूछने पर मुंगेर विश्वविद्यालय के एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ मुनींद्र कुमार सिंह ने बताया कि, यह कार्यक्रम छात्रों को न केवल साइबर सुरक्षा के प्रति सजग बनाएगा, बल्कि उन्हें व्यावसायिक अनुभव भी प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि, इस प्रशिक्षण को छात्र-छात्राओं के शैक्षणिक क्रेडिट के रूप में भी जोड़ा जा सकता है। इस संबंध में कॉलेज को नॉलेज इंस्टीट्यूशंस के रूप में पोर्टल पर पंजीकरण कराने का निर्देश दिया जा चुका है। अब तक कुल 5 कॉलेजों ने रजिस्ट्रेशन करवाया है। इसमें 2 अंगीभूत कॉलेज एवं 3 संबद्ध कॉलेज शामिल हैं। वहीं, कार्यक्रम के समन्वय और निगरानी के लिए विश्वविद्यालय द्वारा एक समर्पित नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा जो छात्रों को मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करेंगे। इसके अतिरिक्त, साइबर सुरक्षा हेल्प डेस्क और छात्रों के नेतृत्व वाले साइबर क्लब की भी स्थापना की जाएगी। कहते हैं अधिकारी: डिजिटल इंडिया के तहत छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण से संबंधित यह कार्यक्रम भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय की एक अच्छी पहल है। इससे डिजिटल साक्षरता बढ़ेगी और लोगों में जागरुकता आएगी। विश्वविद्यालय एवं कॉलेज में इस कार्यक्रम के लागू होने के बाद छात्र छात्राएं भाग ले सकते हैं। इस कार्यक्रम में सभी को भाग लेना चाहिए। -डॉ मुनींद्र कुमार सिंह, एनएसएस समन्वयक, मुंगेर विश्वविद्यालय, मुंगेर
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