कृष्ण के जन्म पर हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की लगे जयकारे
संग्रामपुर के रतनपुरा गांव में विष्णु महायज्ञ के दूसरे दिन वृंदावन से आई रासलीला मंडली ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया। कंस द्वारा देवकी और वासुदेव को...

संग्रामपुर, एक संवाददाता। प्रखंड के रतनपुरा गांव में चल रहे विष्णु महायज्ञ के दूसरे दिन वृंदावन से आए रासलीला मंडली की ओर से भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के प्रसंग को नृत्य नाटिका के माध्यम से प्रस्तुत किया। कलाकारों ने नृत्य नाटिका के माध्यम से बताया कि कंस अपनी बहन देवकी का विवाह धूमधाम से करता है। देवकी को ससुराल ले जाते समय आकाशवाणी होती है कि देवकी का आठवां पुत्र उसका काल होगा। यह सुनकर कंस देवकी और बहनोई वासुदेव को कारागृह में डाल देता है। देवकी के सात बच्चों को कंस मार देता है, लेकिन आठवें पुत्र के रूप में भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही कारागृह के ताले अपने आप खुल जाते हैं।
पूरा पंडाल हाथी घोड़ा पालकी, जय कन्हैया लाल की के जयकारों से गूंज उठा। कुछ समय बाद कंस को कृष्ण जन्म के बारे में जानकारी मिलती है, तो वह अपनी बहन पूतना को कृष्ण को मारने के लिए भेजता है, लेकिन भगवान कृष्ण पूतना को मार देते हैं। विष्णु महायज्ञ के दौरान अयोध्या से पधारे भागवत कथा वाचिका वंदना किशोरी ने शुक्रवार को पहले दिन भागवत कथा के महत्व के बारे में बताया। इस मौके पर बलवीर सिंह, शिवमूर्ति सिंह, रोहित कुमार, संतोष कुमार, अमरजीत मंडल, संजीव कुमार, गब्बर कुमार, नेपाली मंडल, राजकुमार मंडल, धर्मेंद्र कुमार आदि मौजूद थे।
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