Muzaffarpur Anganwadi Workers Reporting Errors Lead to Misreported Children s Height Decrease आंगनबाड़ी सेविकाओं की चूक, घट गया बच्चों का कद, Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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आंगनबाड़ी सेविकाओं की चूक, घट गया बच्चों का कद

मुजफ्फरपुर में समेकित बाल विकास की समीक्षा में सामने आया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं की गलत रिपोर्टिंग से बच्चों का कद घटा हुआ दिखाया गया। जांच में पता चला कि बच्चे नाटे नहीं हुए, बल्कि गलत माप के कारण...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSun, 4 May 2025 06:29 PM
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आंगनबाड़ी सेविकाओं की चूक, घट गया बच्चों का कद

मुजफ्फरपुर, मुख्य संवाददाता। समेकित बाल विकास की राज्यस्तरीय समीक्षा में अजीब मामला सामने आया है। सूबे के सभी जिलों में आंगनबाड़ी सेविकाओं की गलती से बच्चों का कद घट गया। जिलों से आई रिपोर्ट कई विभागों को भेज दी गई और इसके कारणों की अलग-अलग पड़ताल भी शुरू हो गई। इधर, जब विभाग ने गहन समीक्षा की तो पता चला कि बच्चे नाटे नहीं हुए, बल्कि उनकी रिपोर्ट में घालमेल किया गया है। इसके बाद समाज कल्यण विभाग ने बच्चों के सत्यापन का आदेश जारी किया है। बाल विकास परियोजना के तहत बीते 26 अप्रैल को राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक हुई थी।

इस बैठक के पूर्व विभाग को रिपोर्ट मिली थी कि सूबे के बच्चों का औसत कद घटा हुआ पाया गया है। विभाग की समझ में यह बात नहीं आई और इसके आंकड़े दूसरे विभाग से भी साझा किए गए। विभाग ने बच्चों के कद घटने के संबंध में पड़ताल शुरू की तो असली कहानी सामने आयी। दरअसल, बच्चों की कद काठी और उनके पोषण आदि के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार होती है। इस रिपोर्ट को स्टंटिंग स्टेट्स कहा जाता है। इसकी समीक्षा में यह बात सामने आई कि बच्चों का कद नहीं घटा, बल्कि आंगनबाड़ी सेविकाओं ने रिपोर्ट ही गलत दी है। पता चला कि बच्चों की सही माप व वजन लिए बिना ही सेविकाओं ने रिपोर्ट दे दी थी। इस रिपोर्ट के मिलान में सूबे के बच्चों का औसत कद घटते क्रम में पाया गया। मुजफ्फरपुर के कांटी, कटरा और पारू की रिपोर्ट में गड़बड़ी आंगनबाड़ी सेविकाओं की रिपोर्ट में गड़बड़ी पूरे सूबे में पायी गई है। रिपोर्ट का नमूना जारी करते हुए आईसीडीएस निदेशक ने कहा है कि मुजफ्फरपुर के कांटी, कटरा व पारू प्रखंड की रिपोर्ट में भारी गड़बड़ी है। इस रिपोर्ट के अनुसार कांटी में महज नौ फीसदी बच्चों का आभा आईडी बना है और तीन फीसदी बच्चे कुपोषित पाए गए हैं। वहीं, रिपोर्ट में 43 फीसदी बच्चों को नाटेपन से प्रभावित बताया गया है। इसी तरह कटरा में 45 फीसदी बच्चों का आभा आईडी बना और एक फीसदी बच्चों को कुपोषित बताया गया है। इस प्रखंड में भी 45.84 फीसदी बच्चों को नाटेपन से प्रभावित बताया गया है। इसके अलावा रिपोर्ट में पारू प्रखंड का जिक्र है, जहां आभा आईडी वाले बच्चों की संख्या 0.17 फीसदी तो कुपोक्षित बच्चों की संख्या 4.31 फीसदी और नाटेपन से प्रभावित बच्चों की संख्या 46 फीसदी बतायी गई है। निदेशक ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि वे रिपोर्ट में नाटेपन से प्रभावित बताए गए बच्चों का सपोर्टिव सुपरविजन के सहारे सत्यापन कराएं और वास्तविक आंकड़े दर्ज कर संशोधित रिपोर्ट भेजें।

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