सफाई कार्य को लेकर एजेंसी के चयन पर विभाग ने लगाई रोक
- स्वच्छ भारत अभियान : निगम नहीं जारी कर सकेंगे टेंडर - निकायों के

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। नगर निकायों के स्तर पर सफाई कार्य को लेकर एजेंसी के चयन पर नगर विकास एवं आवास विभाग ने रोक लगा दी है। एजेंसियों के चयन को लेकर टेंडर से जुड़े आरएफपी में तकनीकी खामी सामने आने पर विभाग ने यह कदम उठाया है। इसके तहत अब विभाग के स्तर से ही मॉडल आरएफपी बनाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही इसके लिए कमेटी भी गठित कर दी गई है।
नई व्यवस्था के तहत अगले आदेश तक टेंडर पर रोक लगाते हुए यह स्पष्ट कर दिया गया है कि पूर्व में जारी टेंडर का भी निष्पादन नहीं हो सकेगा। कार्यकाल खत्म होने की स्थिति में संबंधित एजेंसी की सेवा को ही जारी रखा जाएगा। कोर्ट के आदेश आदि के कारण जरूरी होने पर विभाग से अनुमति लेकर ही टेंडर निकाला जा सकेगा। नगर विकास विभाग के मुताबिक निकायों के स्तर से एजेंसी के चयन को लेकर आरएफपी में कई बार ऐसी शर्तें डाली जाती हैं, जो प्रशासनिक दृष्टिकोण या वित्तीय प्रबंधन के अनुरूप नहीं होती है। बिहार वित्तीय नियमावली व विभागीय दिशा-निर्देशों का भी अनुपालन नहीं किया जाता है। विभाग में दर्ज हुए कई परिवादों में किसी संस्था विशेष को लाभ पहुंचाने, समान अवसर प्रदान नहीं करने या पारदर्शिता नहीं होने के मामले सामने आए हैं। कुछ मामलों में न्यायालय में भी केस/वाद दायर किए जाने से समय बर्बाद होने के साथ ही सरकार की छवि भी धूमिल होती है।
समीक्षा के दौरान यह निर्णय लिया गया है कि नगर निकायों में सफाई एजेंसी के चयन को लेकर राज्यभर में एकरूपता लाने के लिए विभाग के स्तर से मॉडल आरएफपी तैयार किया जाए। इसके लिए एक समिति का गठन किया गया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 20 मार्च के बाद अगले आदेश तक साफ-सफाई से संबंधित किसी प्रकार के नए टेंडर प्रकाशित नहीं किए जा सकेंगे।
- विजय प्रकाश मीणा, अपर सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग (नगरपालिका स्वच्छता व विकास निदेशालय)
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