चैनपुरा उच्च माध्यमिक विद्यालय का नहीं है अपना भवन, कक्षा संचालन में दिक्कत
चैनपुरा के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय को बने चार साल हो गए हैं, लेकिन अभी तक विद्यालय का भवन नहीं बना है। विद्यालय मिडिल स्कूल के परिसर में चल रहा है। शिक्षकों की कमी और बुनियादी सुविधाओं का अभाव...

नरहट, एक संवाददाता प्रखंड के उत्क्रमित माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय चैनपुरा की स्थापना हुए चार साल से अधिक समय बीत गए, बावजूद अपना भवन मयस्सर नहीं है। फिलवक्त विद्यालय का संचालन मिडिल स्कूल चैनपुरा परिसर में किया जा रहा है। वर्ग कक्ष की कमी, खेल मैदान, बाउंड्री वाल, बरसात में पानी की निकासी समस्या है। साथ ही माध्यमिक व उच्च माध्यमिक विद्यालय में साइंस व आर्ट्स स्ट्रीम में कई महत्वपूर्ण विषयों के शिक्षकों की कमी है। लिहाजा शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहा है। स्थानीय मुखिया धनंजय कुमार, ग्रामीण संजय यादव, मनोज कुमार अन्य ग्रामीणों ने कहा कि शिक्षकों की कमी पूरा होने और मूलभूत सुविधाएं मिलने पर पोषक क्षेत्र के बच्चे अच्छा कर सकते हैं। सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है। बावजूद इस विद्यालय में अभी तक अपना भवन, विषयवार शिक्षक, विज्ञान लैब, आईसीटी लैब समेत अन्य बुनियादी सुविधाओं का घोर अभाव है। इसका मलाल पोषक क्षेत्र के लोगों को सत्ता रहा है। फिलहाल प्लस टू उत्क्रमित उच्च माध्यमिक विद्यालय चैनपुर माध्यमिक 03, उच्च माध्यामिक में 06 शिक्षक पदस्थापित हैं। फिलवक्त यह विद्यालय विषयवार शिक्षकों की घोर कमी से जूझ रहा है। माध्यमिक में हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत के शिक्षक नहीं हैं। वहीं प्लस टू उच्च माध्यमिक साइंस स्ट्रीम में बॉटनी, जूलॉजी, फिजिक्स के शिक्षक का नहीं हैं। जबकि आर्ट्स स्ट्रीम में भूगोल, राजनीति शास्त्र, होम साइंस, मनोविज्ञान, संगीत, फिजिकल टीचर, लाइब्रेरियन, हिंदी-अंग्रेजी के शिक्षक की नितांत आवश्यकता है। ग्रामीणों का कहना है कि प्लस टू का दर्जा तो मिल गया लेकिन कई विषयों के शिक्षक नहीं हैं। जिसके कारण पोषक क्षेत्र के विद्यार्थियों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। छात्र छात्राओं और अभिभावकों का कहना है कि प्लस टू में भौतिकी, रसायन, समाजशास्त्र और यहां तक की अनिवार्य विषय हिंदी के भी शिक्षक नहीं हैं। शिक्षकों की कमी होना सबसे बड़ी समस्या खड़ी है। यहां उक्त विषय के विद्यार्थी हैं जो पढ़ना चाहते हैं पर शिक्षक नहीं होने कारण उन्हें पढ़-पाना मुश्किल होता है। बावजूद इस विद्यालय के प्रतिभावान छात्र सोनू कुमार राज्यस्तरीय क्विज प्रतियोगिता ने शामिल हुए थे। कंप्यूटर के शिक्षक हैं पर आईसीटी लैब नहीं विद्यालय में एक कंप्यूटर शिक्षक पदस्थापित हैं । फिलवक्त आईसीटी लैब नहीं रहने से छात्र व छात्राओं को कंप्यूटर की शिक्षा नहीं मिल रहा है। जिससे छात्रों में निराशा की भावना उत्पन्न हो रही है। खेल मैदान को तरस रहा है छात्र विद्यालय परिसर में खेल मैदान नहीं है बावजूद इस विद्यालय के छात्र छात्राओं ने कई खेल स्ट्रीम में बेहतर प्रदर्शन करते हुए जिला व अंतर जिलास्तरीय खेल प्रतियोगिता में भाग लिया। खो खो प्रतियोगिता में जिलास्तरीय खेल प्रतियोगिता में इस विद्यालय की टीम अव्वल रहा था। बाउंड्री वॉल की है गंभीर समस्या विद्यालय परिसर में बाउंड्री वाल नहीं होने परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल के संचालन के समय भी जानवर परिसर में घुस जाते हैं। जिससे परेशानी हो रही है। सुरक्षा के अभाव के कारण दो साल पूर्व स्मार्ट क्लास के टीवी की चोरी हो गई थी। हालांकि तत्कालीन प्रधानाध्यापक ने अपने स्तर से टीवी लाकर पुनः स्मार्ट क्लास शुरू करवाया था। ग्रामीणों के सकारात्मक पहल से इस विद्यालय की हुई थी स्थापना स्थानीय लोगों के द्वारा इस स्कूल को स्थापना करने में महत्वपूर्ण योगदान दिए थे। यहां के लोग बताते हैं कि स्कूल में प्रभारी प्रधानाध्यापक के द्वारा समस्याओं को झेलते हुए बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की कोशिश की जाती है। तत्काल स्कूल भवन को भी रखरखाव ठीक से किया जाता है। स्कूल में समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम किए जाते हैं। वर्जन विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा शिक्षा देना ही लक्ष्य है। मैट्रिक और इंटर परीक्षा में बच्चे अच्छे कर रहे हैं। भवन का निर्माण, विषयवार शिक्षक पदस्थापित कर दिए जाए तो छात्रों को गुणवतापूर्ण शिक्षा देने में सहूलियत होगी। धर्मेंद्र कुमार, प्रभारी प्राचार्य उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय, चैनपुरा।
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