Ward 23 of Hisua Municipality Faces Severe Basic Facility Shortages वार्ड 23 : लाखों खर्च के बाद भी शुरू नहीं हुआ कचरा अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र , Nawada Hindi News - Hindustan
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वार्ड 23 : लाखों खर्च के बाद भी शुरू नहीं हुआ कचरा अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र

हिसुआ नगर परिषद के वार्ड नंबर 23 में बुनियादी सुविधाओं का गंभीर अभाव है। यहां नल-जल, नाली और गली जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। लबरपुरा महादलित बस्ती में स्थिति बहुत खराब है। स्थानीय लोग कचरा अपशिष्ट...

Newswrap हिन्दुस्तान, नवादाTue, 22 April 2025 01:37 PM
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वार्ड 23 : लाखों खर्च के बाद भी  शुरू नहीं हुआ कचरा अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र

हिसुआ, संवाद सूत्र। नगर परिषद हिसुआ का वार्ड नंबर 23 नगर परिषद का दक्षिणी छोर का सीमा क्षेत्र के रूप में जाना जाता है। वार्ड के पश्चिमी एवं दक्षिणी छोर से रेलवे लाइन गुजरने और पास में ही तिलैया जंक्शन होने के कारण यहां लोगों की गतिविधियां हमेशा जारी रहती है। इस वार्ड से होकर पूर्व मध्य रेलवे दानापुर मंडल के दो महत्त्वपूर्ण रेलवे लाइन गुजरती है। वार्ड के दक्षिण दिशा से किऊल-गया अर्थात केजी रेल खंड जबकि पश्चिम दिशा से तिलैया-राजगीर और टीआर रेल खंड की लाइन गुजरती है। व्यवसायिक गतिविधियों की बात की जाए तो इस इलाके में छोटे-मोटे दुकान ही नजर आते हैं। बड़ा व्यवसायिक प्रतिष्ठान सिर्फ महादेव मोड़ चौक के आसपास ही दिखता है, जो संख्या में बस दो-चार ही हैं। व्यवसायिक दृष्टिकोण से यह वार्ड फिलहाल अन्य वार्डों की तुलना में उतना उन्नत नहीं दिखता। वार्ड में आज भी ग्रामीण परिवेश की झलक स्पष्ट दिखाई देती है। खेती और मजदूरी यहां के लोगों का मुख्य पेशा रहा है। जबकि वार्ड के कुछ युवा अपनी प्रतिभा के बल पर देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपना परचम लहरा रहे हैं। वार्ड का सीमांकन पूरब में झिकरुआ रेलवे गुमटी से लेकर पश्चिम में स्टेशन रोड तक है, जबकि उत्तर दिशा में नरहट रोड से लेकर दक्षिण में लबरपुरा महादलित बस्ती तक है। वार्ड की आबादी करीब 05 हजार है जबकि यहां 15 सौ के करीब मतदाता हैं। आबादी के लिहाज से देखा जाए तो यहां अति पिछड़ा और महादलित की काफी आबादी है। बुनियादी सुविधाओं का दिखता है अभाव नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रहे समाजवादी विचार धारा के जाने-माने नेता रामकरण पासवान लगातार चुनाव जीतकर यहां का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। हालांकि इस बार के निकाय चुनाव में उनका अध्यक्ष पद के लिए खड़े हो जाने के कारण ललिता देवी को वार्ड का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। वार्ड में शिक्षा, स्वास्थ्य, नल-जल सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं का घोर आभाव दिखाई देता है। किऊल-गया रेलवे लाइन के दक्षिण दिशा में बसे लबरपुरा महादलित बस्ती में आज भी किसी प्रकार की बुनियादी सुविधा का नहीं पहुंच पाना, नगर परिषद हिसुआ और यहां के स्थानीय जनप्रतिनिधि की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। वार्ड की एक बहुत बड़ी महादलित आबादी आज भी नारकीय जीवन जीने को विवश हैं। नल-जल की सुविधा नदारद, नाली-गली की भी स्थिति गंभीर वार्ड के नवबाग मोहल्ला में लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए बोरिंग उपलब्ध जरूर है। लेकिन आबादी के लिहाज से वार्ड के पश्चिमी छोर पर एवं रेलवे लाइन के उसपार दक्षिण दिशा में स्थित लबरपुरा महादलित बस्ती में लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए बोरिंग की सख्त आवश्यकता है। अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए स्थानीय लोग कहते हैं कि बड़ी आबादी होने के बावजूद भी एकमात्र बोरिंग का होना हमलोगों के लिए भारी परेशानी का सबब बना रहता है। भीषण गर्मी में भूजल स्तर गिरने से वाटर लेयर काफी नीचे चला जाता है। इस कारण उपलब्ध बोरिंग से पानी काफी कम निकलता है और साथ में लीकेज की समस्या के कारण वार्ड के एक तिहाई घरों तक पानी नहीं पहुंच पाता है। नल-जल के लिए यहां ऑपरेटर भी उपलब्ध नहीं है। जरूरत पड़ने पर ग्रामीण स्वयं ही इसे चालू और बंद करते हैं। स्थानीय लोग लबरपुरा महादलित बस्ती में जल्द ही बोरिंग कराकर पानी आपूर्ति बहाल किए जाने की मांग काफी अर्से से करते आ रहे हैं, जिसे आजतक पूरा नहीं किए जाने से स्थानीय लोगों में काफी नाराजगी और आक्रोश देखा जा रहा है। ------------------------------------- लाखों की लागत से बना था कचरा अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र पड़ा है बेकार हिसुआ। इस वार्ड के मध्य में कुछ वर्षो पूर्व कचरा अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र का निर्माण काफी तामझाम से हुआ था। जहां लाखों रूपए मूल्य की मशीन बिठाई गई है। लेकिन यह केंद्र आज तक चालू नहीं हो सका। इस कारण यहां की मशीनें धूल फांकने और जंग लगने के कगार पर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब इसे चालू ही नहीं करना था तो फिर टैक्स के रूप में आम लोगों के द्वारा दिए गए करोड़ों रुपए नगर परिषद ने जाया क्यों कर दिया। इस पर आक्रोश जताते हुए लोग कहते हैं कि जितना रुपया नगर परिषद इसमें खर्च कर चुका है, उतने में नगर परिषद के किसी एक वार्ड का कायाकल्प काफी आसानी से किया जा सकता था। उल्लेखनीय है कि वर्षों पूर्व काफी तामझाम के साथ इस वार्ड में शहर से उठाये जाने वाले कचरे को संग्रहित, संसाधित और निस्तारित किए जाने के उद्देश्य से यह केन्द्र स्थापित किया गया था। यहां वैज्ञानिक तरीके से कचरे को प्रबंधित करने और उसे पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के अनुकूल किया जाना था। इसकी बड़ी आबादी वाली हिसुआ नगर परिषद में सख्त जरूरत भी थी। लेकिन इसे दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि इसके चालू नहीं होने के कारण आज तक नगर के कूड़े-कचरे को आज भी नदी किनारे, सड़क किनारे और कई अन्य जल स्रोतों में डाला जा रहा है। नगर के पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से लोग जल्द ही इस अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र को चालू करने की मांग कर रहे हैं। ----------------------------- नई बसावटों में नाली-गली और नलजल उपलब्ध नहीं हिसुआ। नगर की अन्य वार्डों की तरह इस वार्ड में भी काफी तेजी से नई बसावटों का निर्माण हुआ है। खासकर वार्ड के पूर्वी छोर पर सर्वाधिक नई बसावटों का निर्माण पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से हुआ है। महादेव मोड़ के समीप से लेकर झिकरूआ रेलवे फाटक तक काफी तेजी से नव निर्माण हुआ है, जिसमें कई बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान और मकान शामिल हैं। किऊल-गया रेलखंड के उत्तरी और दक्षिणी दोनों छोर पर धीरे-धीरे काफी तेजी से नवनिर्माण आज भी जारी है। यहां दूसरे जगह से आकर लोग जमीन खरीदकर अपना आशियाना बना रहे हैं। लेकिन हाल यह है कि यहां के लोग आज तक बुनियादी सुविधाओं से भी महरूम हैं। यहां की गलियों में बहते नाले के पानी और उससे निकलने वाले सड़ांध से लोगों का जीना दुश्वार है। अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए स्थानीय लोग कहते हैं कि जिस सोच और उम्मीद के साथ हमलोग शहर में आकर बसे हैं, उसका फलाफल मिलता फिलहाल दिखाई नहीं पड़ता है। ---------------------------- आम लोगों की व्यथा: वार्ड में नलजल सहित अन्य सुविधाओं का घोर आभाव है। रेलवे लाइन के उसपार बसे लबरपुरा के महादलितों की बस्ती की स्थिति ठीक नहीं है। वहां की महादलित आबादी के बीच नलजल, आंगनबाड़ी केंद्र सहित नाली और गली की सुविधा मुहैया कराया जाना जरूरी है। -नीलू प्रसाद, वार्ड वासी। महादलित टोला लबरपुरा की स्थिति काफी नारकीय है। नगर परिषद और स्थानीय पार्षद को वहां की स्थिति में जल्द सुधार करने की आवश्यकता है। आजादी के वर्षों बाद भी स्थानीय महादलित बुनियादी सुविधाओं से महरूम है। स्थानीय प्रतिनिधि समस्याओं के समाधान पर ध्यान दे। -युगल किशोर राम, वार्ड वासी। करोड़ों रुपये खर्च के बावजूद भी वर्षों पूर्व बने कचरा अपशिष्ट प्रबंधन केंद्र को आज तक चालू नहीं किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। जनहित एवं मानव हित को ध्यान में रखते हुए इसे जल्द चालू किये जाने की पहल होनी चाहिए। आखिरकार इस का लाभ वार्ड समेत नगरवासियों को मिलना ही चाहिए। -संजय प्रसाद, वार्ड वासी। कचरा अपशिष्ट प्रबंधन शुरू नहीं किये जाने से यहां की मशीनें धूल फांकने को मजबूर हैं। जबकि कई मशीनों में तो अब जंग भी लगने गला है। व्यापक जनहित के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से इसे जल्द शुरू करने की पहल होनी चाहिए। लोगों को इससे बड़ी उम्मीदें है कि भला हो सकेगा। -प्रवीण कुमार पंकज, वार्ड वासी। ----------------------------- क्या कहते हैं जिम्मेदार: नगर परिषद में जारी उठापटक और गतिरोध के कारण वार्ड का विकास काफी प्रभावित हुआ है। मात्र दो योजनाओं पर कार्य कराया जा सका है। नगर परिषद से योजनाएं कम पास की जाती हैं, जबकि लोगों की अपेक्षाएं अधिक है। धीरे-धीरे ही सही अपने स्तर से स्थिति में सुधार करने को लगातार प्रयासरत हूं। वार्ड में पाइप लीकेज कि समस्या काफी गंभीर है। पीएचडी ठेकेदार द्वारा इस संकट के समाधान में लगातार कोताही बरती जा रही है। जबकि महादलित टोला लबरपुरा में भी नल-जल की सुविधा के लिए नगर परिषद से आग्रह किया गया है। जिसकी स्वीकृति मिलते ही वहां बोरिंग और पाइप बिछाने का कार्य शुरू किया जायेगा। -ललिता देवी, वार्ड पार्षद, वार्ड 23, हिसुआ नगर परिषद, नवादा।

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