तेजस्वी यादव, मुकेश सहनी जवाब दें; मुजफ्फरपुर कोर्ट से नोटिस जारी; क्या है आरोप? सुनवाई की तारीख जानें
- मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता और भारतीय सार्थक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर कुमार ओझा ने चुनाव चिन्ह के दुरूपयोग से संबंधित परिवाद मुजफ्फरपुर कोर्ट में दायर किया था। इस मामले में दोनों को नोटिस जारी किया गया है।

बिहार विधानसभा 2025 चुनाव की तैयारी में जुटे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) के संरक्षक मुकेश सहनी और राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी को मुजफ्फरपुर कोर्ट ने नोटिस भेजा है। दोनों को खुद हाजिर होकर या अधिवक्ता से माध्यम से अपना पक्ष रखने को कहा गया है। मुजफ्फरपुर सिविल कोर्ट के अधिवक्ता और भारतीय सार्थक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुधीर कुमार ओझा ने चुनाव चिन्ह के दुरूपयोग से संबंधित परिवाद मुजफ्फरपुर कोर्ट में दायर किया था। इस मामले में 6 मई को सुनवाई होने वाली है।
यह मामला चुनाव चिन्ह को लेकर उपजे विवाद का है। सुधीर ओझा ने गत वर्ष 18 अप्रैल को मुजफ्फरपुर सीजेएम की अदालत में परिवाद दायर कर शिकायत की थी कि उनकी भारतीय सार्थक पार्टी के चुनाव चिन्ह नाव छाप का महागठबंधन के नेता दुरूपयोग कर रहे हैं। उन्होंने फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। कहा कि नाव छाप उनकी पार्टी का सिंबल है। जिसका दुरूपयोग मुकेश सहनी ने किया।
हालांकि इसी साल जनवरी में कोर्ट ने इस परिवार को खारिज कर दिया था। उसके बाद सुधीर ओझा ने रिविजन वाद दायर किया था। रिविजन वाद पर सुनवाई करते हुए जिला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम ने नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव, विकासशील इंसान पार्टी के संरक्षक मुकेश सहनी और राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सहनी को नोटिस जारी किया है। सुधीर ने सीजेएम कोर्ट में 18 अप्रैल 2024 को परिवाद दर्ज कराया था। आरोप लगाया था कि भारतीय सार्थक पार्टी को मिले चुनाव चिह्न नाव का सभी दुरुपयोग कर रहे हैं।
सुधीर ओझा ने बताया कि दोनों को अदालत में हाजिरी देकर जवाब देना होगा। अन्यथा की स्थिति में कोर्ट एकपक्षीय सुनवाई कर सकती है। उन्होंने बताया कि वे पूरी तत्परता से अपनी पार्टी के चुनाव चिन्ह के लिए लड़ाई लड़ेंगे। कहा है कि किसी भी दूसरी पार्टी का चुनाव चिन्ह का इस्तेमाल करना गैरकानूनी और एक प्रकार का फर्जीवाड़ा है।