तीन बार से अधिक फेल हुए तो भी परीक्षा में बैठ सकते हैं, पटना हाईकोर्ट से इन उम्मीदवारों को बड़ी राहत
पटना हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने डॉ. चक्रपाणी कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसे उम्मीदवारों को अंतरिम राहत इस याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर होगा।

पटना हाईकोर्ट ने बिहार के मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की बहाली की प्रक्रिया में शामिल होने की अंतरिम अनुमति वैसे उम्मीदवारों को भी दी है, जिन्होंने एमबीबीएस परीक्षा में तीन से अधिक बार फेल किया है। एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने डॉ. चक्रपाणी कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए अंतरिम राहत दी है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि ऐसे उम्मीदवारों को अंतरिम राहत इस याचिका के अंतिम परिणाम पर निर्भर होगा। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रणव कुमार ने कोर्ट को बताया कि यह कानून उचित नहीं है।
ये उम्मीदवारों के बीच एक अलग से श्रेणी बनाया जा रहा है। उन्होंने कोर्ट को बताया कि बीपीएससी ने राज्य के मेडिकल कालेजों में नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला। इस विज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि जो उम्मीदवार अपने एमबीबीएस कोर्स पास करने के क्रम में तीन बार से अधिक बार फेल हुए हो, उन्हें इस पद के लिए योग्य नहीं माना जायेगा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स, यथा एमडी, एमएस में इस तरह के मामलों में कोई प्रतिबंध नही है।
यह समानता के विरुद्ध है। बताया कि यह कानून 2013 में लाया गया था। राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने पक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार इस कानून पर विचार करने को तैयार है। इस मामलें पर अधिवक्ता प्रणव कुमार और सृष्टि सिंह ने याचिकाकर्ता की ओर से तथ्यों को प्रस्तुत किया, जबकि राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने पक्ष प्रस्तुत किया। इस मामले पर अगली सुनवाई 3 जुलाई, 2025 को होगी।