बिहार में आंधी-बारिश से गहराया बिजली संकट, 1200 से ज्यादा पोल उखड़े, अंधेरे में डूबे ग्रामीण इलाके
बिहार में बीते दो दिनों से जारी आंधी, बारिश के चलते बिजली संकट गहरा गया है। शहरी इलाकों को छोड़कर ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति अधिक प्रभावित हुई है। तेज आंधी में 1200 से ज्यादा बिजली के खंभे उखड़ गए। फिलहाल बिजली आपूर्ति बहाल करने की प्रशासन की कोशिशें जारी हैं।

आंधी-तूफान के साथ हुई बारिश का असर राज्य की बिजली आपूर्ति व्यवस्था पर हुआ है। दक्षिण बिहार की तुलना में उत्तर बिहार में बिजली आपूर्ति सेवा पर अधिक असर हुआ है। शहरी इलाकों को छोड़कर अर्धशहरी और ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति अधिक प्रभावित हुई है। 1200 से अधिक पोल टूट गए हैं। बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए युद्धस्तर पर कोशिश जारी है। हालांकि देर रात तक राज्य के कई जिले के ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति सेवा बहाल नहीं हो सकी थी।
इस कारण सामान्य दिनों की तुलना में लगभग चार सौ मेगावाट कम बिजली आपूर्ति हुई। कंपनी अधिकारियों के अनुसार आंधी-तूफान के कारण बीते दिनों पश्चिमी चम्पारण, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, मधुबनी, दरभंगा में बिजली आपूर्ति सेवा अधिक प्रभावित हुई थी। उसे दुरुस्त ही किया जा रहा था कि गुरुवार की रात आई आंधी-तूफान से खगड़िया, बेगूसराय, मुंगेर समेत अन्य जिलों में बिजली आपूर्ति प्रभावित हो गई। इन जिलों में 1200 से अधिक पोल टूट गए। तार टूटकर गिर गए। ट्रांसफॉर्मर गिर गए। कई स्थानों पर ट्रांसफॉर्मर ठनका की चपेट में आ गए।
11 केवी और 33 केवी के तार टूटने से दर्जनों गांवों की बिजली सेवा प्रभावित हो गई। सूचना मिलने पर कंपनी ने युद्धस्तर पर बिजली आपूर्ति सेवा बहाल करने की कार्रवाई शुरू की। सबसे पहले ग्रिड और संचरण सेवा को दुरुस्त किया गया। इसके बाद 11 केवी और फिर गली-मोहल्ले की तारों को दुरुस्त किया जाने लगा। काफी संख्या में तार-पोल के गिरने से उसे दुरुस्त करने में समय लग रहे थे। कंपनी के अनुसार शुक्रवार की रात नौ बजे 56 सौ मेगावाट तक बिजली आपूर्ति की गई। अभी तीन-चार दिनों से औसतन 6 हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति की जा रही थी।