मुख्यमंत्री के जिला में SDM हो गए हैं तो नेता मत बनिए..., प्रशांत किशोर की अफसर से तीखी बहस
पीके और अफसर के बीच हुई इस बहस का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एक वायरल वीडियो में नजर आ रहा है कि एक वायरल वीडियो में नजर आ रहा है कि प्रशांत किशोर एसडीएम से कहते हैं, 'सुनिए, मुख्यमंत्री के जिला में SDM हो गए हैं तो राजनेता मत बनिए।

बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर भी काफी एक्टिव नजर आ रहे हैं। रविवार को प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा में मौजूद थे। बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र मैदान में प्रशांत किशोर ने एक जनउद्घोष सभा को भी संबोधित किया। प्रशांत किशोर सीएम नीतीश के पैतृक गांव कल्याण बिगहा में जाना चाहते थे लेकिन प्रशासन ने प्रशांत किशोर को मुख्यमंत्री के पैतृक गांव कल्याण बिगहा में प्रवेश नहीं करने दिया। प्रशांत किशोर अपनी टीम के साथ वहां दलित परिवारों की स्थिति का जायजा लेने जा रहे थे। लेकिन, प्रशासन ने उन्हें रोक दिया।
इस दौरान प्रशांत किशोर की प्रशासनिक अधिकारी से बहस भी हो गई। पीके और अफसर के बीच हुई इस बहस का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। एक वायरल वीडियो में नजर आ रहा है कि एक वायरल वीडियो में नजर आ रहा है कि प्रशांत किशोर एसडीएम से कहते हैं, ‘सुनिए, मुख्यमंत्री के जिला में SDM हो गए हैं तो राजनेता मत बनिए। इसपर एसडीएम कहते हैं- नहीं, नहीं हम नहीं बन रहे हैं। जिसके बाद प्रशांत किशोर कहते हैं- बन रहे हैं, मैं सुन रहा हूं आपके बारे में। आप किस अधिकार के तहत हमको किसी गांव में जाने से रोक रहे हैं यह लिख कर दे दीजिए। इसपर एसडीएम कहते हैं नहीं देंगे...आपको परमिशन लेना चाहिए था। इसपर प्रशांत किशोर कहते हैं कि राष्ट्रपति शासन है क्या, गांव में जाने के लिए परमिशन होगा। मैं आपसे इज्जत से बात कर रहा हूं। आप हमको कमप्लेन दिखाइए। मैं बिल्कुल इत्मीनान से बात कर रहा हूं।’
एक अन्य वीडियो में नजर आ रहा है कि प्रशांत किशोर एसडीएम से कहते हैं, ‘दिखाने का आदत आप लोगों को लग गया है। आपसे कम पढ़े-लिखे और अफसर हम नहीं हम। यहां आपके सामने खड़े हैं और इत्मीनान से बोल रहे हैं कि आप हमको नहीं जाने की परमिशन दे रहे हैं, यह लिख कर दे दीजिए। इसपर एसडीएम कहते हैं कि आपने आवेदन लिख कर दिया था। तो प्रशांत किशोर कहते हैं कि हम रोज बिहार में घूम रहे हैं तो आपसे पूछ कर नहीं घूमेंगे। अभी आपको इतना पावर सरकार और संविधान ने नहीं दिया है। इसपर एसडीएम करहते हैं हमारा पावर आप छोड़ दीजिए।’
इधर कल्याण बिगहा गांव में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती थी। हालांकि गांव में प्रवेश करने को लेकर काफी देर प्रशांत किशोर और प्रशासन के बीच बहस भी हुई। वहीं, प्रशांत किशोर ने कहा कि निषेधाज्ञा नहीं लगी है, न ही किसी संवेदनशील माहौल की स्थिति है। फिर भी प्रशासन हमें गांव में पैदल प्रवेश से भी रोक रहा है।
मामले की विस्तृत जांच होगी : एसडीओ
इधर प्रशासन ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्पष्ट किया कि जन सुराज को बिहारशरीफ के श्रम कल्याण केंद्र मैदान में सभा की अनुमति दी गई थी, न कि कल्याण बिगहा में। अनुमंडल पदाधिकारी काजले वैभव नितिन ने बताया कि कल्याण बिगहा में किसी प्रकार की भीड़ जुटाने की अनुमति नहीं दी गई थी। प्रशांत किशोर को तय स्थल पर सभा करनी थी, लेकिन वे बिना सूचना के अन्यत्र अभियान चलाने लगे। स्थानीय लोगों से सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन द्वारा विधि व्यवस्था संधारण हेतु त्वरित कारवाई की गई। ऐसा प्रतीत होता है कि विधि व्यवस्था खराब करने की मंशा से ऐसा किया गया। इसकी विस्तृत जांच जिला प्रशासन के द्वारा की जाएगी और गड़बड़ी फैलाने वालों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी ।